भारत भूषण आशु की कोशिशें हुईं सफल
पासवान द्वारा पंजाब के गोदामों में से 12 लाख टन चावल उत्तर प्रदेश स्थानांतरित करने के हुक्म
चंडीगढ़, 3 मार्च: पंजाब राज्य के खाद्य एवं सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु द्वारा पंजाब राज्य के अनाज से खचा-खच भरे गोदामों को खाली करवाने के लिए किये जा रहे यत्न आज उस समय सफल हुए जब केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने पंजाब में से 12 लाख टन चावल उत्तर प्रदेश में स्थानांतरित करने के हुक्म दिए।
इस फ़ैसले सम्बन्धी जानकारी देते हुए मंत्री आशु ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर आज नयी दिल्ली में केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान के साथ मुलाकात की और पंजाब के गोदामों में से गेहूँ और धान की ढुलाई की सुस्त रफ़्तार में तेज़ी लाने के लिए अनुरोध किया था।श्री आशु ने बताया कि मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री के ध्यान में लाया गया कि पंजाब के गोदामों में मौजूदा समय में 200 लाख मीट्रिक टन अनाज पड़ा है, जिसमें 109 लाख मीट्रिक टन चावल और 91 लाख मीट्रिक टन गेहूँ है, जिसकी ढुलाई की रफ़्तार बहुत धीमी है।
उन्होंने बताया कि स्थिति यह बन गई है कि रबी की आगामी फ़सल गेहूँ के भंडारण की समस्या के अलावा धान के भंडारण की भी बड़ी समस्या बन जायेगी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री के ध्यान में यह भी लाया कि पंजाब के कृषि विभाग की तरफ से की गई भविष्यवाणी के अनुसार पंजाब में 135 लाख टन गेहूँ की खरीद होने की संभावना है, जिस कारण भंडारण की समस्या और विकराल रूप धारण करेगी।
खाद्य एवं सिविल सप्लाई मंत्री आशु ने कहा कि पंजाब सदियों से देश के लोगों का पेट भरता आ रहा है परन्तु बड़ी त्रासदी है कि यहाँ से पैदा होने वाले अनाज को भंडारित करके रखने की जि़म्मेदारी भी राज्य पर ही डाल दी जाती है। सीमित साधनों के कारण पंजाब सरकार अपने स्तर पर भंडारण क्षमता बढ़ाने में असमर्थ है। इसलिए केंद्र सरकार राज्य में भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयास करे।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री पासवान से अपील की कि इसके लिए केंद्र सरकार बाकायदा देश व्यापक ठोस रणनीति तैयार करे ताकि पंजाब जैसे कृषि प्रधान राज्य में पैदा होने वाला अनाज खऱाब न हो।उन्होंने बताया कि जहाँ पंजाब जैसे राज्य को ख़ुद अनाज पैदा करके तीन-तीन साल संभालना पड़ता है, वहां अन्य राज्यों में केवल तीन महीने से ज़्यादा अनाज भंडार नहीं किया जाता। अगर केंद्र सरकार पहल करे तो पंजाब के अनाज को अन्य राज्यों में भंडार किया जा सकता है। श्री आशु ने कहा कि अनाज की ढुलाई के लिए विशेष मंजूरी रोज़ाना की 10-12 मालगाड़ीयों की ही मिलती है, जो बढ़ाकर कम-से-कम 20 की जानी चाहिए।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री के ध्यान में लाया कि बीते साल खऱीदे धान का चावल जो केंद्रीय पूल में पंजाब राज्य द्वारा भेजा जाना था, जगह की कमी के कारण डिलीवर नहीं किया जा सका। उन्होंने बताया कि पंजाब राज्य केंद्रीय पूल में फरवरी 2020 तक चावल देने का लक्ष्य 66 प्रतिशत निश्चित किया गया था, जिसमें से सिफऱ् 52 प्रतिशत ही हासिल किया जा सका है।इसके अलावा मौजूदा समय में पंजाब राज्य में बीते वर्ष खऱीदी गई 30 लाख मीट्रिक टन गेहूँ खुले में पड़ा है। इस मौके पर श्री आशु ने पंजाब सरकार के गेहूँ के रख-रखाव के बदले केंद्र सरकार की तरफ बकाया पड़े 750 करोड़ रुपए की राशि भी जल्द जारी करने की विनती की।