पंजाब पुलिस ने पूर्व सरपंच गुरदीप के कत्ल केस समेत अन्य बड़े जुर्मों को सुलझाने के लिए तीन अति वांछित गैंगस्टरों समेत 7 मुलजि़मों को किया गिरफ़्तार
चंडीगढ़, 2 मार्च:आपराधिक गिरोहों और गैंगस्टरों के विरुद्ध अपनी कार्यवाही को जारी रखते हुए पंजाब पुलिस ने जि़ला अमृतसर (ग्रामीण) के गाँव उमरपुरा के पूर्व सरपंच गुरदीप सिंह के कत्ल जैसे कुछ बड़े जुर्मों को सुलझाने के लिए चार राज्यों में दो महीने से अधिक के समय से 1500 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद, तीन अति वांछित गैंगस्टरों समेत सात मुलजि़मों को गिरफ़्तार किया है।
सूत्रों के अनुसार योजनाबद्ध ढंग से की गई ख़ुफिय़ा नेतृत्व वाली मुहिम का विवरण देते हुए, जिसमें पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्य शामिल हैं, डीजीपी दिनकर गुप्ता ने आज बताया कि पंजाब पुलिस टीम द्वारा राजस्थान पुलिस को दी गई सूचना के आधार पर इन तीनों को आखिऱकार राजस्थान के सोजत, जि़ला पाली से गिरफ़्तार किया गया। मुलजि़म विभिन्न स्थान बदल रहे थे और अलग-अलग नकली पहचान बनाकर रह रहे थे।
डीजीपी ने कहा कि एक अन्य नामी गैंगस्टर बुढ्ढा दी अर्मीनिया से गिरफ़्तारी के साथ इन गिरफ़्तारियों ने साबित किया है कि पंजाब पुलिस और ओ.सी.सी.यू. के सख्त और निरंतर दबाव के कारण बड़ी संख्या में गैंगस्टर और अपराधी पंजाब से बाहर अन्य राज्यों और विदेशों की तरफ जा रहे हैं। इन गिरफ़्तारियों में से तीन सबसे अधिक वांछित अपराधियों की पहचान हरमन भुल्लर निवासी उमरपुरा, अमृतसर (ग्रामीण), बलराज सिंह उर्फ बुरी बसंतकोटीया निवासी बसंतकोट, गुरदासपुर और हरविन्दर संधू निवासी पंडोरी वड़ैच, अमृतसर (ग्रामीण) के तौर पर हुई है।
यह सभी अपराधी अमेरीका आधारित गैंगस्टर पवित्तर सिंह द्वारा चलाए जा रहे आपराधिक गिरोह के सदस्य थे।पुलिस द्वारा अब तक एक 30 बोर का पिस्तौल, दो 32 बोर पिस्तौल, एक स्परिंगफील्ड राइफल और 18 कारतूस, 40 जि़दा कारतूसों समेत 12 बोर गन, दो .315 बोर पिस्तौल, 2 कारों (एक आई 20 और एक सविफ्ट) और 3 नकली आधार कार्ड ज़ब्त किये गए हैं।डीजीपी ने बताया कि पवित्तर सिंह पुत्र सिकन्दर सिंह निवासी चौड़े, थाना घूमान जि़ला गुरदासपुर चौड़ा मधरा गिरोह का नेतृत्व कर रहा है।
पवित्तर सिंह का इस समय अमेरीका में होने का शक है। हुसनदीप उर्फ हुसना पुत्र हरविन्दर सिंह निवासी शाहबाद, थाना रंधार नंगल पवित्तर सिंह का नज़दीकी साथी है और भरोसे योग्य जानकारी के अनुसार वह भी यूएसए में रह रहा है। उन्होंने आगे बताया कि यह पूरा गिरोह बलात्कार, कत्ल की कोशिश, कत्ल, दंगों आदि के कई मामलों में शामिल है।हरमन भुल्लर, बलराज सिंह उर्फ बुरी और हरविन्दर संधू ने क्रमवार मंगल सिंह, राम देव और मोहिन्दर सिंह के नाम पर नकली आधार कार्ड बनवाए थे।
हरमन भुल्लर ने हरमन सिंह के नाम पर क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, अम्बाला से हरियाणे के कुरूक्षेत्र, पेहोवा के नकली पते से अपना नकली पासपोर्ट बनाने में भी सफलता हासिल की थी।गाँव उमरपुरा के 55 वर्षीय पूर्व सरपंच गुरदीप सिंह को हरमन भुल्लर के नेतृत्व वाले हथियारबंद हमलावरों के एक समूह ने उस समय पर गोली मार दी थी, जब वह 1 जनवरी, 2020 को गाँव गुरूद्वारे से घर लौट रहा था। पवित्तर गैंग के मैंबर हरविन्दर संधू ने अपनी निजी दुशमनी के कारण गाँव पंडोरी वड़ैच, अमृतसर (ग्रामीण) के 26 वर्षीय मनदीप सिंह की हत्या की जि़म्मेदारी भी ली थी।
डी.जी.पी. ने बताया कि इन दोनों कत्लों के अलावा, यह मुलजि़म अमृतसर (ग्रामीण) के गाँव जिजयानी में हाल ही में हत्या की ताज़ा कोशिशों में भी वांछित थे जिसमें उन्होंनेगोलीबारी करके एक तृप्तपाल सिंह नाम का एक व्याक्ति ज़ख्मी कर दिया था। पिछले कई महीनों से भगौड़े इन दोषीयों ने अपनी, सोशल मीडिया पोस्टों पर इन मामलों में अपनी सम्मिलन होने की पुष्टि की थी।डी.जी.पी के अनुसार हरमन भुल्लर 8 आपराधिक मामलों में शामिल था जबकि बलराज सिंह उर्फ बुरी बसंतकोटिया 10 फ़ौजदारी मामलों में और हरविन्दर संधू 3 फ़ौजदारी मामलों में अपेक्षित था। इनमें से बहुत से गंभीर अपराधों जैसे कत्ल, कत्ल की कोशिश, अगवा, दंगा, आर्मज़ एक्ट आदि से सम्बन्धित थे।
डीएसपी ओसीसीयू बिक्रमजीत सिंह बराड़ के नेतृत्व अधीन और एसएसपी अमृतसर (ग्रामीण), विक्रम जीत दुग्गल की निगरानी अधीन किये साझे ऑपरेशन का विवरण देते हुए डीजीपी ने बताया कि इंटेलिजेंस (ओसीसीयू) के ए.आई.जी गुरमीत सिंह चौहान और एडीजीपी इंटरनल सिक्योरिटी आरएन ढोके टीमों का हिस्सा थे जो ओ.सी.सी.यू., एस.ए.एस. नगर और अमृतसर ग्रामीण जि़लों की थीं। यह सारी कार्यवाही निजी तौर पर डीजीपी द्वारा निगरानी अधीन की गई थी।
गुप्ता ने बताया कि यह मुलजि़म को काबू करने सम्बन्धी कार्यवाही जो 28 जनवरी को अमृतसर-चंडीगढ़ से शुरू हुई थी 1 मार्च को सफलतापूर्वक मुकम्मल हुई। इस दौरान चार राज्यों की पुलिस के दरमियान मुकम्मल अंतर-राज्यीय तालमेल और सहयोग के नतीजे के तौर पर पूरा कर सकी। उन्होंने उत्तराखंड पुलिस के एक कांस्टेबल नसीर मुहम्मद का विशेष जि़क्र किया जिसने ऑपरेशन के दौरान रुद्रपुर से राजस्थान तक सभी रास्ते छान मारे।
डीजीपी ने कहा कि उत्तराखंड के रुद्रपुर से ऑपरेशन शुरू करने से पहले डीजीपी उत्तराखंड को निजी तौर पर भरोसे में लिया था। बाद में यूपी पुलिस और राजस्थान पुलिस के सीनियर अधिकारियों को भी शामिल किया गया। इन सभी टीमों ने पहले उत्तराखंड के रुद्रपुर से अपराधियों का पीछा करना शुरू कर दिया, जो एक आई 20 कार नम्बर. यूके 04 टी 9229 के द्वारा अलग-अलग राष्ट्रीय राजमार्गों, टोल-प्लाज़ा, छोटे गाँव की सडक़ों आदि में से गुजऱते हुए जा रहे थे।
दोषी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अलग-अलग जि़लों के विभिन्न छोटे शहरों और गाँवों की अंदरूनी सडक़ों में से गुजऱते हुए निरंतर चलते रहे।जि़क्रयोग्य है कि 01.03.2020 की सुबह को राजस्थान में हाईवे अथॉरिटी और सीसीटीवी फुटेज के द्वारा तालमेल करने के उपरांत दोषियों की हरकत दोबारा निगरानी अधीन आई। पंजाब पुलिस की चाँज टीमें और राजस्थान पुलिस की एस.ओ.जी. टीमों को हाई-अलर्ट पर कर दिया गया। अंत में 1500 किलोमीटर तक लंबा रास्ता पीछा करने के बाद तीनों को राजस्थान पुलिस की मदद से जि़ला पाली के सोजत से पकड़ लिया गया।
मुलजि़मों की हरकत संबंधी उस समय सफलता मिली जब रणबीर सिंह उर्फ लक्की निवासी गाँव तीडा, थाना मुल्लांपुर, एस.ए.एस. नगर जो फरवरी को पी.जी.आई.एम.आई.आर, चंडीगढ़ में दाखि़ल हुआ था। उसने 23 फरवरी 2020 को अचानक अपने आप को देसी हथियार के साथ गोली मार ली थी और इसके बाद जांच के दौरान यह तथ्य सामने आए कि उसको यह हथियार हरमन भुल्लर और सैक्टर-40 चंडीगढ़ में रहते उसके साथी हैरी बाजवा के द्वारा मुहैया करवाए गए थे। हैरी बाजवा पिछले दो महीनों से सैक्टर-40, चंडीगढ़ अपराधी रहने योग्य सुरक्षित स्थान मुहैया कराया था। हैरी को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है।
इन तीन अपराधियों की गिरफ़्तारी के बाद सोमवार प्रात:काल उत्तराखंड से उनके दो साथी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी पुत्र अवतार सिंह निवासी तारापुर, जि़ला मेरठ यू.पी. और गुरविन्दर सिंह उर्फ खालसा पुत्र लखविन्दर सिंह निवासी बाज़पुर उत्तराखंड को आज गिरफ़्तार किया गया। यह दोनों अलग-अलग जुर्मों जैसे कत्ल, कत्ल की कोशिश, हथियार एक्ट, आदि में शामिल हैं।