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कोरोनावायरस के ख़तरे से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने किया आपातकालीन उपायों का ऐलान, कोविड-19 संबंधी अफ़वाह फैलाना दण्डनीय अपराध करार

कोरोनावायरस के ख़तरे से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने किया आपातकालीन उपायों का ऐलान, कोविड-19 संबंधी अफ़वाह फैलाना दण्डनीय अपराध करार
  • PublishedMarch 2, 2020

मंत्रीमंडल ने सभी सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों में ‘फ्लू कॉर्नर’ स्थापित करने के लिए नोटिफिकेशन को दी मंजूरी

वायरस प्रभावित इलाकों की यात्रा संबंधी ‘हेल्पलाइन-104’ पर अवगत करवाने के लिए कहा

चंडीगढ़, 2 मार्च: जानलेवा साबित हो चुके कोरोनावायरस के बढ़ रहे प्रकोप और ख़ौफ़ के मद्देनजऱ इस घातक रोग के साथ पैदा होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारियों के तौर पर पंजाब सरकार ने सभी सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों में ‘फ्लू कॉर्नर’ स्थापित करने समेत आपातकालीन कदम उठाने का ऐलान किया है। यह ‘फ्लू कॉर्नर’ साँस से सम्बन्धित इन्फ़ेक्शन के सभी संदिग्ध मामलों की जल्द से जल्द जांच करेंगे और ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों के घुमने-फिरने को सीमित करने को यकीनी बनाऐंगे जिससे इस रोग के फैलाव को रोका जा सके।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान वैश्विक स्तर पर फैले इस महारोग से पैदा हुई स्थिति का जायज़ा लिया। यहाँ तक कि दिल्ली और तेलंगाना से एक-एक मरीज़ के इस रोग से पीडि़त होने की पुष्टि होने संबंधी रिपोर्टें सामने आईं हैं।

मंत्रीमंडल की मीटिंग के उपरांत एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि ऐपीडैमिक डिज़ीज़ एक्ट-1897 की धारा 2,3, और 4 के घेरे अधीन ‘पंजाब ऐपीडैमिक डिज़ीज़, कोविड-19 रैगूलेशनज़-2020’ को मंजूरी दे दी है जिससे कोविड-19 (कोरोनावायरस डिज़ीज़-2019) को रोका जा सके। इस सम्बन्धी नोटिफिकेशन जल्द ही जारी कर दिया जायेगा।मंत्रीमंडल द्वारा स्वीकृत किये गए नोटिफिकेशन के मुताबिक पंजाब में किसी भी प्राईवेट लैबोरेटरी को कोविड-19 का टैस्ट करने या सैंपल लेने के लिए अधिकृत नहीं किया गया। कोई भी व्यक्ति या संस्था स्वास्थ्य विभाग की अग्रिम मंजूरी के बगैर कोविड-19 संबंधी किसी भी तरह की जानकारी देने के लिए किसी भी रूप में प्रिंट या अन्य मीडिया को इस्तेमाल नहीं करेगी।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि नोटिफिकेशन के मुताबिक कोविड-19 संबंधी किसी भी तरह की अफ़वाह या ग़ैर-वैज्ञानिक जानकारी मुहैया करवाना दण्डनीय अपराध होगा।मंत्रीमंडल के फ़ैसले के मुताबिक सभी अस्पतालों को हिदायत की जा रही है कि संदिग्ध व्यक्ति के किसी ऐसे मुल्क या इलाके, जहाँ इस रोग के फैलने की रिपोर्टें हैं, की यात्रा संबंधी पता लगाया जाये और यदि वह कोविड-19 के संदिग्ध या पुष्टि हो चुके केस के संपर्क में आया है तो उस बारे भी विस्तार में जानकारी एकत्रित की जाये।यदि किसी व्यक्ति ने पिछले 14 दिनों के दौरान कोविड-19 से प्रभावित क्षेत्र की यात्रा की है या किसी प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आया है तो उस व्यक्ति को अस्पताल में अलग रखा जायेगा और उस डॉक्टर/अस्पताल /क्लीनिक द्वारा स्वास्थ्य विभाग को तुरंत सूचित करना लाजि़मी होगा।

कोविड-19 से प्रभावित देश या क्षेत्र की यात्रा करके लौटे व्यक्तियों के लिए ख़ुद नज़दीकी सरकारी अस्पताल या हेल्पलाइन नंबर-104 पर कॉल करके अपनी यात्रा बारे जानकारी देना लाजि़मी है जिससे स्वास्थ्य विभाग द्वारा ज़रूरी कार्यवाही की जा सके।अगर किसी व्यक्ति ने कोरोनावायरस से प्रभावित क्षेत्र की यात्रा की है और उसमें कोरोनावायरस के लक्षण पाए गए हैं तो स्वास्थ्य विभाग के पास उस व्यक्ति को सम्बन्धित जि़ले के डिप्टी कमिश्नर के साथ परामर्श करके अस्पताल में दाखि़ल करवाने और अलग रखने के अधिकार होंगे। जिस क्षेत्र में कोविड-19 के मामले सामने आते हैं, तो सम्बन्धित जि़ला प्रशासन के पास बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए रोकथाम करने के लिए कदम लागू करने के अधिकार होंगे।

हरेक जि़ले के डिप्टी कमिश्नर को जि़ले के अधिकार क्षेत्र में कोविड-19 सम्बन्धित जारी नोटिफिकेशन के अनुसार कार्यवाही करने का अधिकार है।कोविड-19 की रोकथाम के लिए कदमों सम्बन्धी फ़ैसला लेने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता अधीन एक समिति बनाकर नोटीफायी की गई है जिसमें एस.एस.पी., सिविल सर्जन और जि़ले के अन्य अधिकारी शामिल होंगे। इस एक्ट के अधीन किसी नियम या हुक्म का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति /संस्था को अपराधी माना जायेगा और उसके विरुद्ध भारतीय दंडावली की धारा 188 (1860 का 45) अधीन कार्यवाही की जायेगी।

Written By
The Punjab Wire