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भारतीय छात्र संसद द्वारा पंजाब के व्यापक विकास के लिए नई पहलकदमियों के बदले कैप्टन अमरिन्दर सिंह का ‘आदर्श मुख्यमंत्री अवार्ड ’ से सम्मान

भारतीय छात्र संसद द्वारा पंजाब के व्यापक विकास के लिए नई पहलकदमियों के बदले कैप्टन अमरिन्दर सिंह का ‘आदर्श मुख्यमंत्री अवार्ड ’ से सम्मान
  • PublishedFebruary 23, 2020

मुख्यमंत्री द्वारा विद्यार्थियों को अपने राज्य और देश की सेवा के लिए राजनीति में रचनात्मक भूमिका निभाने का न्योता

नई दिल्ली, 23 फरवरी:भारतीय छात्र संसद (बी.सी.एस.) ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को पंजाब में बढिय़ा शासन और व्यापक विकास को यकीनी बनाने के लिए की गई पहलकदमियों के लिए प्रतिष्ठित ‘आदर्श मुख्यमंत्री पुरुस्कार’ से सम्मानित किया। आज यहाँ बी.सी.एस. के चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के 10वें समारोह के आखिरी दिन कैप्टन अमरिन्दर सिंह को यह अवार्ड भारत के पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न प्रणब मुखर्जी ने भेंट किया।

बी.सी.एस. ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह के विशाल तजुर्बे और अमल में लाए नैतिक मूल्यों को स्वीकार किया जिनके स्वरूप उनको समाज में बड़ी और विलक्षण पहचान मिली। इस मौके पर उपस्थित मशहूर शख़्िसयतों में केंद्रीय खेल और युवक मामलों के राज्य मंत्री किरण रिजिजू, पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह, पद्म विभूषण और ऑरोविले फाऊंडेशन के चेयरमैन डॉ. करण सिंह, एम.आई.टी.-एस.ओ.जी. के कार्यकारी डायरैक्टर राहुल कराद और एम.आई.टी. वल्र्ड पीस यूनिवर्सिटी, पुणे के संस्थापक डॉ. विश्वनाथ कराद शामिल थे।इससे पहले सम्मान समारोह के दौरान मुख्यमंत्री संबंधी किये शानदार वर्णन के मुताबिक, ‘‘पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब को विकास के मार्ग पर लाने के लिए साफ़-सुथरा शासन मुहैया करवाने के क्रांतिकारी विचारों के साथ दृढ़ निश्चय का प्रदर्शन किया है।

आपने अपनी नागरिक केंद्रित नीतियों के द्वारा लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास किये हैं। आपने किसान कजऱ् माफी स्कीम और जैविक कृषि का आरंभ किया जिसके स्वरूप राज्य में कृषि विकास संभव हुआ है। आपने नशों की बुराई पर नकेल कसकर पंजाब के नौजवानों की शक्ति को रचनात्मक दिशा प्रदान की।

भारत-पाक के दरमियान कड़वाहट भरे रिश्तों को भली-भाँति जानते हुए आप वर्ष 2019 में करतारपुर कॉरीडोर के खुलने के मौके पर द्विपक्षीय कूटनीति इस्तेमाल की। आप ईमानदारी और अखंडता का प्रतीक हो। विश्वसनीय मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी छवि को बरकरार रखते हुए आपने राज्य की आर्थिक तरक्की और समाज कल्याण के प्रति लोगों के साथ किये वादों को पूरा किया है।’’

इस मौके पर अपने विचार पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने भारत के नौजवानों को सक्रिय राजनीति में रचनात्मक भूमिका निभाने का न्योता देते हुए कहा कि यह उनका फजऱ् बनता है कि वह देश की तकदीर बदलने के लिए भविष्य के नेता के तौर पर आगे आएं। उन्होंने नौजवानों से मु$खातिब होते हुए कहा, ‘‘क्योंकि हम बाहर जा रहे हैं और आप इस रास्ते पर आ रहे हो, यह आपकी ड्युूटी बनती है कि आप लोकतंत्र की शानदार परंपराओं को बरकरार रखते हुए अपने देश की सेवा दृढ़ वचनबद्धता, संजीदगी और ईमानदारी के साथ निभाएं।’’

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राजनीति में कूदने की इच्छा रखने वाले छात्रों को अपने-अपने राज्य के सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र के साथ-साथ जनसांख्यिकीय जैसी स्थिति से अच्छी तरह परिचित होने की अपील की। उन्होंने नौजवानों से अपील की, ‘‘आप ताकत या ठाठ-बाठ के लिए सत्ता में न आएं, बल्कि देश की सेवा और अपने राज्य को और बढिय़ा बनाने के लिए राजनीति में सक्रिय हों।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राजनीति आसान पेशा नहीं है बल्कि 24 घंटे सक्रिय रहना पड़ता है। चुने हुए नुमायंदों के तौर पर आपको लोगों की समस्याओं को हल करना और उनकी शिकायतें दूर करनी होंगी।’’अपने अनुभव को याद करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि चाहे उन्होंने वर्ष 1980 में संसद मैंबर के तौर पर राजनीति में प्रवेश किया था परन्तु उनको कुछ वर्ष बाद यह एहसास हुआ कि उनको अपने राज्य के बुनियादी सामाजिक-आर्थिक दौर पर पकड़ बनाने के लिए प्रांतीय राजनीति में जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने उस समय चुनाव लड़ा और राज्य की विधानसभा में पहुँचे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार बहुत सी चुनौतियों का सामना कर रही है जहाँ एक तरफ़ पड़ोसी दुश्मन, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से नशों की तस्करी जैसी चुनौती है और दूसरी तरफ़ कृषि की मंदहाली है जो राज्य की आर्थिकता का मुख्य सहारा है। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति के आने से पंजाब उभरा और जब भारत पी.एल. 480 समझौते के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र से अनाज मंगवाने के लिए मजबूर था तो उस समय पंजाब के किसानों ने देश को अनाज पक्ष से आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दिया।

उन्होंने कहा कि पंजाब ने अंातरिक और बाहरी हमलों से देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने में अहम भूमिका निभाई और देश की तलवार भुजा बना।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि देश के विभाजन के बाद वर्ष 1966 में पंजाब का फिर से विभाजन हुआ जब इसमें से हरियाणा राज्य बना जिससे राज्य के औद्योगिक विकास को गहरी चोट पहुंची। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक सैक्टर को मज़बूत बनाना बहुत ज़रूरी है और उनकी सरकार ने उद्योगीकरण के लिए भी सक्रिय कदम उठाए हैं जिसकी मिवर्ष पिछले तीन वर्षों में ज़मीनी स्तर पर आए 58000 करोड़ रुपए के निवेश से मिलती है।

 पंजाब से नौजवानों का विदेशों की तरफ कूच करने के प्रति चिंता ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छे मौकों की खोज में नौजवान बाहर के मुल्कों में जा रहे हैं और अब उनकी सरकार राज्य में नौजवानों को रोजग़ार के बेहतर मौके मुहैया करवा कर इस रुझान को तत्काल रोकने की कोशिश कर रही है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमने पंजाब को शिक्षा के केन्द्र के तौर पर विकसित किया है और अशोका, प्लाशका, एमिटी आदि जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की यूनिवर्सिटियाँ राज्य में आ रही हैं जिससे हमारे नौजवानों को देशभर में बढिय़ा मौके हासिल होंगे।

नशों की बीमारी के ख़ात्मे के लिए अपनी दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि इस बुराई को जड़ से समाप्त करने में बड़ी सफलता हासिल करते हुए राज्य सरकार ने ड्रग माफीए की कमर तोड़ कर स्पलाई लाईन बंद की है। इसी तरह अमन-कानून के मार्चे पर भी सरकार ने कामयाबी हासिल करते हुए 17 आतंकवादी गिरोहों को निष्क्रिय किया और गैंगस्टरवाद पर रोक लगाई। जि़क्रयोग्य है कि वर्ष 2015 में अवार्ड मध्यप्रदेश के समकालीन मुख्यमंत्री को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इसके बाद वर्ष 2016 में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चन्द्रबाबू नायडू और वर्ष 2017 में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार और वर्ष 2019 में बी.सी.एस. के 9वें सम्मेलन के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

Written By
The Punjab Wire