पंजाब के सभी सरकारी संस्थानों के साईन बोर्ड और सडक़ों के मील पत्थर पंजाबी में लिखे जाना अब अनिवार्य: तृप्त बाजवा
पंजाब के उच्च शिक्षा और भाषा विभाग ने आदेशों को लागू करने के लिए समूह विभागों और संस्थानों को पत्र किया जारी
साईन बोर्डों और मील पत्थरों पर किसी अन्य भाषा में जानकारी दी जानी ज़रूरी हो तो पंजाबी भाषा से नीचे और कम जगह पर लिखी जाएगी
चंडीगढ़, 21 फरवरी:पंजाब सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के अवसर पर अहम फ़ैसला लागू करते हुए राज्य के सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी संस्थानों, बोर्डों, निगमों के साईन बोर्डों और सडक़ों के मील पत्थर गुरमुखी लिपि के द्वारा पंजाबी भाषा में लिखना लाजि़मी कर दिया है।
इस फ़ैसले को लागू करने सम्बन्धी उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पत्र जारी कर दिया गया है।पंजाब के उच्च शिक्षा और भाषा मंत्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा ने इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए बताया कि उनके द्वारा विधानसभा के पिछले सैशन में दिए गए आश्वासन के अनुसार विभाग ने पंजाब राज्य भाषा एक्ट-1967 की धारा 4 अधीन मिले अधिकारों का प्रयोग करते हुए पंजाब सरकार ने यह हुक्म जारी कर दिए हैं कि सभी साईन बोर्डों और मील पत्थरों पर पूरी जानकारी पंजाबी भाषा (गुरमुखी लिपि) में लिखी जानी ज़रूरी होगी।
उन्होंने बताया कि यदि किसी अन्य भाषा में जानकारी दी जानी ज़रूरी हो तो यह पंजाबी भाषा से नीचे और कम जगह पर लिखी जायेगी।उच्च शिक्षा और भाषा विभाग के सचिव राहुल भंडारी के हस्ताक्षर अधीन पंजाब राज्य के समूह विभागों के मुखियों, डिवीजनों के कमीश्नरों, जिलों के डिप्टी कमीश्नरों, जि़ला और सैशन जजों, विधानसभा के सचिव, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार और बोर्डों और निगमों के चेयरमैनों को लिखे गए एक पत्र में इन अधिकारियों को अपने अपने क्षेत्रों में इन आदेशों को यथावत लागू कराने के लिए कहा गया है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि पंजाब राज्य के निजी व्यापारिक, औद्योगिक और शैक्षिक संस्थानों के साईन बोर्ड पंजाबी में लिखे जाने के लिए एक अलग नोटिफिकेशन पंजाब सरकार के श्रम विभाग द्वारा जारी किया जाना है। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग ने इस सम्बन्धी प्राथमिक कार्यवाही करके श्रम विभाग को यह नोटिफिकेशन जारी करने के लिए लिख दिया गया है और उनको उम्मीद है कि यह नोटिफिकेशन भी जल्द ही जारी हो जायेगा।
यहाँ यह वर्णन योग्य है कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व सम्बन्धी बुलाए गए पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान उठी माँग के जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा ने सदन में भरोसा दिया था कि पंजाब के सभी सरकारी और ग़ैर सरकारी विभागों के साईन बोर्ड पंजाबी में लिखे जाने को अनिवार्य किया जायेगा।