सी.सी.टी.वी. कैमरे, करंट वाली तार लगाने और अलग ख़ुफिय़ा विंग सहित कई फ़ैसले लागू करने की मंजूरी
कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा ‘पंजाब जेल विकास बोर्ड’ की स्थापना के लिए जारी सत्र के दौरान बिल लाने की भी मंज़ूरी
जेलों को नया रूप देने और सुधार स्कीमों के लिए विभाग को चार हफ़्तों में योजना तैयार करने के लिए कहा
चंडीगढ़, 20 फरवरी:राज्य के जेल प्रशासन में बड़े सुधारों के लिए रास्ता साफ करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज सी.सी.टी.वी. प्रणाली, करंट वाली तार लगाने और अलग जेल ख़ुफिय़ा विंग बनाने सहित कई प्रस्तावों को मंजूरी दे दी जिससे जेलों को सुरक्षित बनाया जा सके। यहाँ तक कि उन्होंने जारी सत्र के दौरान पंजाब जेल विकास बोर्ड की स्थापना करने के लिए बिल लाने की भी हरी झंडी दे दी।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने 9 केंद्रीय जेलों, 7 जि़ला जेलों और 2 स्पेशल जेलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस सी.सी.टी.वी. सिस्टम स्थापित करने की मंजूरी दे दी। इसी दौरान उन्होंने जेलों की बाहरी चारदीवारी पर करंट वाली तार (220/440 वोल्ट) लगाने के लिए जेल विभाग के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया।जेल विभाग के कामकाज का जायज़ा लेने के लिए उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने जेल मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा को कहा कि राज्य की जेलों में जेल प्रशासन के बेहतरीन प्रथाओं को यकीनी बनाया जाये। उन्होंने जेल विभाग को जेलों को नया रूप देने के लिए व्यापक योजना चार हफ़्तों में सौंपने के हुक्म दिए।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने ए.डी.जी.पी. जेल प्रवीण कुमार सिन्हा को जेलों को नया रूप देने के लिए योजना तैयार करने और कैदियों के सुधारों के लिए ज़रुरी कदम उठाने के लिए नयी स्कीमों की शुरुआत करने के लिए कहा।अदालतों में सुनवाई अधीन कैदियों को पेश करने का खर्चा (प्रतिदिन 40-50 लाख रुपए) घटाने के लिए मुख्यमंत्री ने राज्य की सभी जेलों में वीडियो कॉनफ्रेंसिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।जेलों में ज़रुरी स्टाफ के द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम कायम करने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ऑफिसजऱ् कमेटी और मंत्रीमंडल द्वारा पहले ही मंज़ूर की जा चुकीं वारडरों के 305 पदों को भरने के अलावा विभाग में वारडरों के अन्य 448 पदों और मैटरनों के 28 पदों को भरने की मंजूरी भी दे दी है।
उन्होंने विभाग को इन पदों को जल्दी भरने के लिए प्रस्ताव सौंपने के लिए कहा। उन्होंने जेलों में गश्त बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा 37 और वाहनों की माँग को स्वीकृत कर लिया।केंद्रीय जेल लुधियाना में सुरक्षा बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ने दोहरी कँटीली तार की अंदरूनी चारदीवारी और तीन और निगरानी टावरों के निर्माण के लिए भी मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने पटियाला केंद्रीय जेल की बाहरी चारदीवारी को तबदील करने की मंजूरी भी दे दी, जो इस समय ख़स्ता हालत में है।मुख्यमंत्री ने जेल विभाग को कैदियों के लिए सरबत सेहत बीमा योजना के अंतर्गत विशेष प्राईवेट अस्पतालों में गंभीर बीमारियों का इलाज करवाने हेतु नयी विधियां तलाशने के लिए भी कहा।
इस मौके पर तेलंगाना के पूर्व डी.जी.पी (जेल) और तेलंगाना राज्य पुलिस अकैडमी के मौजूदा डायरैक्टर विनोए कुमार सिंह और आई.आई.एम. रोहतक के डायरैक्टर धीरज शर्मा ने जेल में आधुनिकीकरण और सुधार लाने संबंधी विस्तृत प्रस्तुतीकरण दी।मीटिंग में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सतीश चंद्रा, डी.जी.पी दिनकर गुप्ता, ए.डी.जी.पी प्रशासन गौरव यादव, ए.डी.जी.पी कानून और व्यवस्था ईश्वर सिंह, ए.डी.जी.पी इंटैलिजैंस वरिन्दर कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्थानीय निकाय) संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, प्रमुख सचिव जेल आर. वैंकटरत्नम, प्रमुख सचिव (लोक निर्माण) विकास प्रताप, सचिव (खर्च) विजय ज़ादे, आई.जी (जेल) आर.के. अरोड़ा और डी.आई.जी जेल लखविन्दर सिंह जाखड़ शामिल थे।