कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा बिजली टावरों के लिए इस्तेमाल की जाती जमीन के बदले किसानों को मुआवजा देने की नीति लाने का वादा
बिजली की तारों के निचे की जमीन मुआवजे में शामिल नहीं होगी
चंडीगढ़, 20 फरवरीपंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज सदन को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार पंजाब स्टेट ट्रांसमिशन कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.टी.सी.एल.) द्वारा टावर लगाने के लिए इस्तेमाल की जाती जमीन के लिए किसानों को मुआवजा देने संबंधी विचार करने के लिए नीति लेकर आयेगी।हालांकि, मुख्यमंत्री ने बिजली की तारों के नीचे की जमीन के लिए किसानों को मुआवजा देने की संभावना को रद्द कर दिया है क्योंकि राज्यभर में इन तारों के नीचे 105 एकड़ क्षेत्रफल कृषि अधीन का आता है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सदन को जानकारी दी कि बठिंडा जिले में टावरों के नीचे की जमीन एक्वायर नहीं की गई क्योंकि टावरों और ट्रांसमिशन लाईनों के नीचे आती जमीन पर कृषि के कार्यों पर कोई रोक नहीं है। इस लिए जमीन को एक्वायर करने की ज़रूरत नहीं है।तलवंडी साबो से विधायक प्रो. बलजिंदर कौर और विधायक जय कृष्ण सिंह रोड़ी की ओर से पी.एस.टी.सी.एल. द्वारा किसानों की जमीन पर बिजली के खंभे लगाने संबंधी पेश किए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को इंडियन टेलीग्राफ एक्ट, 1885 के अनुसार फसलों के नुकसान की भरपाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने सदन को यह भी बताया कि 23 टावरों की स्टबिंग (नींवों) के दौरान किसानों को 6,38,087/- रुपए की अदायगी की गई है। उन्होंने आगे बताया कि मैसजऱ् एच.एम.ई.एल. (एच.पी.सी.एल. मित्तल एनर्जी लिमिटेड) को 220 मेगावॉट का कनैक्शन देने के लिए 400 के.वी. लाईन का निर्माण का कार्य पंजाब स्टेट ट्रांसमिशन कार्पोरेशन द्वारा अपने हाथों में दो हिस्सों में लिया गया है। एक हिस्से का कार्य एल.आई.एल.ओ. प्वाइंट (गाँव जगा राम तीर्थ) से बहमण जस्सा सिंह (400 के.वी.ए. स्टेशन) तक का है जिसकी लंबाई 16.083 किलोमीटर और 50 टावर हैं जिनमें से 13 की नींवों का कार्य मुकम्मल हो चुका है।
दूसरे हिस्से का कार्य गाँव बहमण जस्सा सिंह से तलवंडी साबो तक 17.238 किलोमीटर की कुल लंबाई के साथ शुरू होता है जो 53 टावरों के साथ 11 गाँवों में से गुजरता है जिनमें से 10 टावरों का निर्माण किया जा चुका है।जिक्रयोग्य है कि मैसर्ज एच.एम.ई.एल. (एच.पी.सी.एल. मित्तल एनर्जी लिमिटेड) को 220 मेगावाट का कनैक्शन देने के लिए 400 के.वी. लाईन का निर्माण 15 अक्तूबर, 2019 को मंजूर किये रूट प्लान के अनुसार पंजाब स्टेट ट्रांसमिशन कार्पोरेशन की तरफ से किया जा रहा है। कार्पोरेशन की तरफ से 18 अक्तूबर, 2019 को दो नामवर अखबारों के द्वारा सार्वजनिक नोटिस दिया गया था। प्रकाशित होने की तारीख से दो महीनों के अंदर-अंदर जनता से आपत्तियां मांगी गई थीं।
नोटिस को पंजाब सरकार के गजट में भी 25 अक्तूबर, 2019 को प्रकाशित किया गया था क्योंकि पंजाब स्टेट ट्रांसमिशन कार्पोरेशन लिमिटेड के पास कोई आपत्ती प्राप्त नहीं हुई और इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया था।