जस्टिस गिल कमेटी ने किसान यूनियनों से पराली जलाने की समस्या सम्बन्धी प्रस्तावों की की माँग
चंडीगढ़, 18 फरवरी । राज्य में धान की फ़सल की पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए और पराली जलाने के कारण पैदा हुए गंभीर मुद्दों को सुलझाने हेतु मंगलवार को जस्टिस महिताब सिंह गिल के नेतृत्व वाली कमेटी द्वारा किसान यूनियनों के साथ किसान भवन में मीटिंग की गई।
जि़क्रयोग्य है कि राज्य में पराली जलाने के कारण पैदा हो रही समस्याओं से निपटने के लिए इस कमेटी का गठन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था।इस मीटिंग के दौरान फ़सलीय अवशेष को ख़त्म करने और धान की पराली का वातावरण समर्थकीय तरीके से निपटारा करने के लिए किसान यूनियनों से प्रस्ताव लेने का फ़ैसला किया गया। किसान यूनियनों द्वारा उठाए मसलों पर सौहृदयता से विचार करने के बाद कमेटी ने मसलों के हल करने हेतु यूनियनों को शामिल करने का फ़ैसला किया जिससे इस समस्या से पक्के तौर पर निपटा जा सके।
पराली जलाने की समस्या को जड़ से ख़त्म करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृषि विभाग के सचिव श्री के.एस. पन्नू ने बताया कि धान के पिछले दो सीजन के दौरान पंजाब सरकार ने राज्य के किसानों को 489 करोड़ रुपए की सब्सिडी के साथ 51000 से अधिक एग्रो मशीनें मुहैया करवाई हैं। उन्होंने कहा कि किसानों और किसान यूनियनों के सहयोग के बिना पंजाब को पराली जलाने की समस्या से निजात नहीं दिलाया जा सकता।
मुख्यमंत्री पंजाब के राजनैतिक सचिव कैप्टन सन्दीप संधू के अलावा अतिरिक्त डायरैक्टर जनरल पुलिस, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड पटियाला और पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना के नुमायंदे भी मीटिंग में शामिल हुए।मीटिंग के दौरान कामगार किसान यूनियन के रजिन्दर सिंह, भारतीय किसान यूनियन डकौंदा के जगमोहन सिंह उप्पल, भारतीय किसान यूनियन उगराहां के सुखदेव सिंह, भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के मेहर सिंह थेड़ी और बीकेयू लक्खोवाल के नछत्तर सिंह ने इस मुद्दे पर ज़ोरदार ढंग से किसानों के विचार रखे।