Close

Recent Posts

ਦੇਸ਼ ਪੰਜਾਬ

खाद्य पदार्थों की स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के लिए पंजाब में 31 साईलोज स्थापित किये जाएंगे – राओसाहिब पाटिल दानवे

खाद्य पदार्थों की स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के लिए पंजाब में 31 साईलोज स्थापित किये जाएंगे – राओसाहिब पाटिल दानवे
  • PublishedFebruary 17, 2020

केंद्रीय मंत्री द्वारा जगराओं स्थित भारतीय खद्य निगम के गोदाम और साईलो का दौरा

चंडीगढ़/लुधियाना, 17 फरवरी :उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली केंद्रीय राज्य मंत्री राओसाहिब पाटिल दानवे ने कहा है कि पंजाब में खाद्य पदार्थों की स्टोरेज समस्या को दूर करने के लिए 31 साईलोज औेर स्थापित किये जाएंगे। इसके लिए 21 स्थानों का चयन कर लिया गया है, जबकि बाकी स्थानों का भी चयन जल्द कर लिया जायेगा। वह आज जगराओं में स्थापित भारतीय खाद्य निगम के गोदाम और साईलो का दौरा करने के लिए विशेष तौर पर पहुँचे थे। यहाँ गेहूँ आधुनिक तकनीक के साथ बड़ी मात्रा में स्टोर, साफ-सफाई और बांट की जाती है। इस मौके पर उनके साथ जनरल मैनेजर फूड कार्पोरेषन आॅफ इंडिया पंजाब अरशदीप सिंह थिंद भी मौजूद थे।

इस मौके पर पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत करते हुए श्री दानवे ने कहा कि देश में लोगों को एक ही राशन कार्ड पर राशन मुहैया कराने के लिए सभी राज्यों को कलस्टरों में बँटा जा रहा है। अब तक देश के 12 राज्यों को कलस्टरों में बँटा जा चुका है। जल्द ही पंजाब और अन्य राज्यों को भी कलस्टर में बाँट दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि कलस्टर में आने वाले राज्यों के उपभोक्ताओं को एक ही राशन कार्ड पर राशन मुहैया होने की सुविधा का लाभ मिलता है। इससे लोगों को सस्ती दर पर खाद्य पदार्थ प्राप्त करने में आसानी होती है।

उन्होंने कहा कि उन्होंने आज पहले श्री अमृतसर साहिब और मोगा जिलों में स्थापित साईलोज का भी दौरा किया है, जिस दौरान उन्होंने राज्य में औेर साईलोज स्थापित करने की संभावनाओं का भी पता किया है। उन्होंने कहा कि इस दौरे के दौरान लोगों, उपभोक्ताओं और अन्य पक्षों की समस्याएँ सामने आईं हैं, जिनको दूर करने के लिए वह दिल्ली स्तर पर अधिकारियों के साथ बातचीत करके कोई रणनीति तैयार करेंगे।

उन्होंने कहा कि देश में विकसित किये जा रहे साईलोज प्रणाली में आधुनिक तकनीक इस्तेमाल की जाती है जिससे किसानों को मंडियों में जाने की जरूरत नहीं होती और किसान अपने गेहूँ को सीधे तौर पर यहाँ बेच सकते हैं। इस प्रणाली में नाम मात्र लेबर इस्तेमाल की जाती है। इस प्रणाली में आधुनिक मशीनों के साथ ही गेहूँ सीधी ट्रेलियों में से ही उठाया जाता है और उसकी सैम्पलिंग होती है और फसल की क्वालिटी चैक भी मशीनों के द्वारा होती है। इसके उपरांत उन्होंने शहर में चल रहे कई राशन डिपूओं का भी दौरा किया और काम-काज पर संतोष जाहिर किया।

Written By
The Punjab Wire