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बुप्रेनोरफिन/नलोकसोन की खरीद और बिक्री एस.ओ.पी. अनुसार की गई, सिविल सर्जनों ने स्वास्थ्य मंत्री को दी जानकारी

बुप्रेनोरफिन/नलोकसोन की खरीद और बिक्री एस.ओ.पी. अनुसार की गई, सिविल सर्जनों ने स्वास्थ्य मंत्री को दी जानकारी
  • PublishedFebruary 17, 2020

स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल सर्जनों को सरकारी अस्पतालों में दवाओं की अपेक्षित उपलब्धता यकीनी बनाने के दिए निर्देश

चंडीगढ़, 17 फरवरीः आज यहाँ स्वास्थ्य विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा मीटिंग में सिविल सर्जनों ने स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू को जानकारी देते हुए बताया कि प्राईवेट नषामुक्ति केन्द्रों द्वारा की गई बुप्रेनोरफिन/नलोकसोन की खरीद और बिक्री पूर्ण तौर पर एस.ओ.पी. (स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर) अनुसार की गई है। यह मीटिंग किसान विकास चेंबर, मोहाली में नये खुले स्टेट इंस्टीट्यूट फाॅर हैल्थ एंड फैमली वैलफेयर में हुई।

मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने सिविल सर्जनों को हिदायत की कि यदि कोई प्राइवेट नषामुक्ति केंद्र मरीजों से अधिक फीस लेता है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाये। उन्होंने यह भी कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार नषा पीड़ितों को इलाज की सेवाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है और स्वास्थ्य विभाग के ठोस यत्नों स्वरूप अब बड़ी संख्या में मरीज ओट क्लीनिकों और नषामुक्ति केन्द्रों में आ रहे हैं। उन्होंने सिविल सर्जनों को इलाज को पूरा न करने वाले मरीजों पर खास ध्यान देने के लिए भी कहा।


मीटिंग के दौरान एक अन्य मुद्दे पर विचार करते हुए स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि कोई भी डाॅक्टर जो अस्पताल के अंदर मौजूद फार्मेसी/जनऔषधि में उपलब्ध दवाओं की जगह पर किसी निजी फार्मेसी से खरीदने के लिए लिखता है या हरेक स्वस्थ्य बीमा अधीन योग्य मरीजों को सरकारी अस्पताल में इलाज उपलब्ध होने के बावजूद किसी प्राइवेट अस्पताल भेजता है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि किसी भी योजनाबद्ध /गैर-एमरजैंसी इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने आए मरीजों को बड़े सरकारी अस्पतालों में भेजा जाये जहाँ ऐसी इलाज सेवाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकारी हस्पताल में इलाज उपलब्ध नहीं है तो लाभपत्री को तुरंत किसी सूचीबद्ध प्राईवेट हस्पताल में भेजा जाये।

स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि दवाओं की बाकायदा स्पलाई करने के बाद भी मरीज बाहर से अपनी दवाएँ खरीदने के लिए मजबूर हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल सर्जनों को हिदायत की कि वह अपने जिलों में दवाओं की अपेक्षित उपलब्धता को यकीनी बनाएं और इस सम्बन्धी वह सीनियर मैडीकल अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करें।

श्री मनवेश सिंह सिद्धू सचिव स्वास्थ्य ने मीटिंग के दौरान बताया कि जल्द ही दवाओं पर बार कोडिंग लगाई जायेगी जिससे जन औषधि केंद्र में अतिरिक्त काम को कम किया जा सके। स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में दवाओं का भंडार कम से कम तीन महीनों के लिए रखा होना चाहिए और उन्होंने दवाओं की उपलब्धता को यकीनी बनाने के लिए सिविल सर्जन को अस्पतालों की औचक जांच करने के लिए भी कहा। उन्होंने आगे कहा कि सीनियर मैडीकल अधिकारी जिला अस्पतालों को उपलब्ध दवाओं के स्टाक की रोजमर्रा की रिपोर्टें सौंपें जिससे दवाओं के स्टाक की जानकारी मिलती रहे।

सरकारी अस्पतालों में मैडीकल अधिकारियों की कमी को जल्द पूरा किया जाएगा

मैडीकल अधिकारियों और पैरा मैडीकल स्टाफ के मंजूर पदों की समीक्षा करते स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री मनवेश सिंह सिद्धू को हिदायत की कि वह मैडीकल आधिकारियों और पैरा -मैडीकल स्टाफ के सभी काडरों का पुनर्गठन और तर्कसंगत करन जिससे जिला हस्पताल और सब डिविजनल अस्पतालों के कामकाज में सुधार किया जा सके। उन्होंने विश्वास दवाउंद्यें कहा कि सरकारी अस्पतालों में मैडीकल आधिकारियों की कमी को जल्द पूरा किया जायेगा।

मैडीकल बिलों के निपटारे के लिए सिविल सर्जनों की मंजूरी सीमा बढ़ाकर 1.50 लाख की जाएगी

मैडीकल बिलों की अदायगी के लम्बित पड़े मुद्दे को उजागर करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह देखा गया है कि सरकारी कर्मचारियों को मैडीकल बिलों की मंजूरी लेने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा है। इस मुद्दे को पहल के आधार पर विचारते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही सिविल सर्जनों की मंजूरी सीमा बढ़ाकर 1.50 लाख की जायेगी, जिसके स्वरूप इससे कम रकम वाले मैडीकल बिलों का जिला स्तर पर निपटारा किया जायेगा जिससे सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलेगी। मीटिंग के दौरान तंदुरुस्त पंजाब स्वास्थ्य तंदुरुस्ती केंद्र, जच्चा बच्चा स्वास्थ्य सेवाएं, कैंसर कंट्रोल प्रोग्राम जैसे प्रमुख प्रोग्रामों बारे भी विचार विमर्श किया गया।

इस मीटिंग में चेयरमैन पंजाब हैल्थ सिस्टम कार्पोरेषन अमरदीप सिंह चीमा, सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल, डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं अवनीत कौर, डायरैक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण रीटा भारद्वाज, डायरैक्टर एनएचएम परविन्दर सिंह, डायरैक्टर आयुर्वेद डा. राकेश शर्मा, डिप्टी डायरैक्टर और सभी सिविल सर्जन उपस्थित थे।

Written By
The Punjab Wire