लौंगोवाल हादसे के बाद गुरदासपुर में भी जागा प्रशासन, डीसी ने दिए सख्त निर्देश
बैठक के दौरान अधिकारियों से कहा, बच्चों की सुरक्षा में कोई ढील बर्दाशत नही, स्कूल बसों की चेकिंग के दिए आदेश
गुरदासपुर। लौगोवांल में हुए हादसे तथा चार बच्चों के जिंदा जल जाने के बाद पंजाब सरकार के निर्देशों पर प्रशासन हरकत में आया है। हालाकि यह बैठक पहले भी नियंत्रित होती आई है परन्तु पंजाब सरकार के निर्देशों के चलते रविवार को छुट्टी वाले दिन गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इशफाक ने सेफ स्कूल वाहन पालिसी के तहत संबंधित अधिकारियों व विभिन्न स्कूल एसोसिएशन के साथ पीडब्लयूडी रेस्ट हाऊस में बैठक की।
डीसी ने सख्त हिदायदत करते हुए कहा कि 17 फरवरी से जिले में सभी स्कूली बसों की चेकिंग करने को यकीनी बनाए ताकि बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड न किया जा सके। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट नियमों की पालना को यकीनी बनाए और बच्चों को स्कूल लेकर आने व छोड़ते समय के दौरान किसी प्रकार की लापरवाही न की जाए।
बैठक में एडीसी तेजिंदरपाल सिंह संधू, एसडीएम सकत्तर सिंह बल्ल, सहायक कमिश्नर रमन कोछड़, एसडीएम डेरा बाबा नानक गुरसिमरन सिंह, एसपी नवजोत सिंह संधू, आरटीओ बलदेव सिंह रंधावा शामिल हुए।
गौर रहे कि मोटर वहिकल एक्ट के तहत स्कूल वाली बस का रंग पीला होना चाहिए। बस के आगे तथा पीछे स्कूल बस का नाम लिखा होना चाहिए, स्कूल का नाम तथा फोन नंबर भी लिखा होना जरुरी है। बस में फस्ट एड़ बाक्स होना चाहिए, इसी के साथ आग बुझाने वाला यंत्र, बस में अमरजैंसी दरवाजा होना चाहिए। सबसे अहम और मुख्य बात कि 15 साल से पुरानी बस का उपयोग नही किया जा सकता। इसी के साथ पांच साल से कम तजुर्बे वाला ड्राइवर नही होना चाहिए। हैवी वहिकल लाईसैंस ड्राइवर के पास होना जरुरी है तथा ड्राइवर तथा कंडक्टर दोनो वर्दी में होने चाहिए। यह कुछ नियम है जिनकी पालना अति जरुरी है।