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पंजाब सरकार घोषणा करे कि यह आरक्षण नीति से छेड़छाड़ नही करेगीः अकाली दल

पंजाब सरकार घोषणा करे कि यह आरक्षण नीति से छेड़छाड़ नही करेगीः अकाली दल
  • PublishedFebruary 16, 2020

कहा कि सरकारी नौकरियां तथा आरक्षण संबधी यथास्थिति बरकरार रखने के लिए केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए

चंडीगढ़/16फरवरीः शिरोमणी अकाली दल ने आज पंजाब सरकार से यह घोषणा करने के लिए कहा है कि यह सरकारी नौकरियों में नियुक्तियों तथा पदोन्नति संबधी वर्तमान आरक्षण नीति से कोई छेड़छाड़ नही करेगी ताकि अनुसूचित जातियों तथा कबीलों के बुनियादी अधिकारों की हर कीमत पर रक्षा को सुनिश्चित बनाया जाए।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए वरिष्ठ अकाली नेता तथा पूर्व स्पीकर डॉ. चरनजीत सिंह अटवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आए तत्काल फैसले, जिसमें कहा गया है कि सरकारी नौकरियां तथा पदोन्नतियों में आरक्षण देने के लिए राज्य कानूनी तौर पर बाध्य नही है, के बावजूद अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित कबीलों को दिए गए आरक्षण से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नही की जानी चाहिए। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार को तत्काल घोषणा करनी चाहिए कि सरकारी नौकरियों तथा पदोन्नति के बारे आरक्षण की मौजूदा नीति को जारी रखा जाएगा ताकि अनुसूचित जातियों के लोगों में पैदा हुआ डर दूर हो जाए।

उन्होने कहा कि इस तरह हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र को भी यही कदम उठाना चाहिए, जिस तरह कि इसने उस समय किया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जातियों तथा कबीलों (अत्याचार निवारण अधिनियम) में संशोधन किया था। उस समय सदन को एक दिन बढ़ाया गया था तथा कानून द्वारा यथास्थिति को बरकरार रखा गया था। अब भी ऐसी ही ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।

यह टिप्पणी करते हुए कि आरक्षण एक बुनियादी अधिकार है, जोकि भारतीय संविधान के तहत् एससी तथा एसटी समुदायों को दिया गया था, अकाली नेता ने कहा कि इस बात को सर्वोच्च न्यायालय के एक मुकम्मल बैंच द्वारा दोहराया जा चुका है। डॉ. अटवाल ने कहा कि संविधान के तहत् दिया गया आरक्षण वास्तविक समानता के लिए दी सुविधा है, जो राज्यों पर उन समुहों को देनेे की जिम्मेदारी डाली गई है, जो कमजोर तथा जरूरतमंद हैं। उन्होने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में अतीत की बेईंसाफियों को पहचाना था, जिन्होने देश को असमानता तथा सामाजिक भेदभाव की बुराईयों में जकड़ दिया। उन्होने कहा कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण इन असमानताओं को दूर करता है।

डॉ. अटवाल ने कहा कि अकाली दल यह मानता है कि आरक्षण की व्याख्या संविधान के अनुच्छेद 14,15 तथा 16 (4) में दी सुरक्षाओं के रूप में की जानी चाहिए। आरक्षण न देना एससी भाईचारे के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा। उन्होने कहा कि अकाली दल यह सुनिश्चित बनाने के लिए पूरा प्रयास करेगा कि एससी समुदाय से उनका अधिकार न छीना जाए।

Written By
The Punjab Wire