स्वस्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू का कहना कि सभी मामलों की होगी जांच।
मनन सैनी
गुरदासपुर का सिवल अस्पताल खुद अपनी कार्यप्रणाली को लेकर सवालों के घेरे में आता जा रहा है। जिसके चलते खुद अस्पताल प्रशासन पर प्रशनचिंह लगाता जा रहा है। अस्पताल में क्या हो रहा है, अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली कैसी हो सकती है इसका अंदाजा पिछले कुछ घटनाओं से साफ झलकता है।
पिछले कुछ महीनों में ही सिवल अस्पताल संबंधी कई खामिया उजागर हुई। जिसमें अस्पताल में निजी करिंदों का बोलबाला होना, डाक्टरों का एसएमओ के साथ दुर्वव्हार करना, विधायक के फोन के बावजूद एंबुलैंस का नही आना और विधायक की ओर से एसएमओ समेत सिवल सर्जन की क्लास लेना। विजिलैंस की ओर से अस्पताल के डाक्टर को रिश्वत लेते पकड़ लेना। कभी पूर्व डीसी के दौरे के दौरान जन औषधि केंद्र में दवाओं का न होना। डाक्टरों की ओर से निजी कंपनी की दवाएं लिख कर बाहर से दवा लेने पर मजबूर करना।
ऐसी न जाने कितनी घटनाएं पिछले कुछ महीनों में ही सिवल अस्पताल में हुई परन्तु न तो प्रशासन की ओर से कोई हल निकाला गया और न ही स्वस्थ्य विभाग ने इस अस्पताल की कमियों संबंधी कभी अधिकारियों की पेशी लगाई। जिसके चलते खुद अब खुद अस्पताल प्रशासन अपना पल्ला झाड कर पूरी तैश में दिख रहा है।
न जनओष्धि केंद्र में दवाएं, लिखी जा रही निजी कंपनी की दवाएं
गौर रहे कि पिछले 2 महीने से करीब 50 फीसदी दवाइयां खत्म हो चुकी है। मरीजों को बाहर मेडिकल स्टोरों से महंगे भाव की दवाइयां खरीदनी पड़ रही है। जिसके चलते मंहगाई की मार झेल रही जनता पर ओर अधिक भार पड़ रहा है। जरुरतमंद लोगो को अस्पताल के बार स्थित मेडिकल स्टोर से 10 गुना अधिक रेट पर दवा लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। डाक्टरों की ओर से भी ज्यादातर निजी कंपनी की दवाईया लिखी जा रही है।
इस संबंधी अपनी दास्ता सुनाती हुई काहनूवान निवासी मीणा ने बताया कि वह सिविल अस्पताल जन औषधि केंद्र में बच्चों की दवाई लेने के लिए आई थीं। लेकिन उसे दवाई नहीं मिली। जन औषधि केंद्र में डेढ़ सौ रुपए में पूरी दवाई मिल जानी थी मगर अब बाहर मेडिकल स्टोर से यही दवाई 700 में मिलेगी। उसने बताया कि इतने महंगे भाव की दवाई खरीदने में असमर्थ है मगर क्या करें मजबूरी वश लेनी ही पड़ेगी। गुहार लगाते हुए उन्होने मांग की कि सरकार को चाहिए कि गरीबों की सुनें।
लोगो को बेहतर उपचार सुविधाएं देने के लिए सरकार वचनबद्ध– स्वस्थ्य मंत्री
वहीं इस संबंधी मामला जब खुद पंजाब के स्वस्थ्य विभाग के मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के सामने लाया गया तो उन्होने कहा कि सारा मसला उनके ध्यान में आ गया है और वह इस संबंधी इंक्वायरी मार्क कर रहे है। लोगो को किसी भी प्रकार से कोई दिक्कत नही आने दी जाएगी। पंजाब सरकार लोगो को बेहतर स्वस्थ्य सुविधाएं देने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है।