मुख्यमंत्री ने दिए डिप्टी कमिश्नरों को विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और बिजली जैसे प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता देने के आदेश
आगामी मॉनसून ॠतु के लिए आपदों की रोकथाम की तैयारियों का जायज़ा लिया
चंडीगढ़, 14 फरवरी: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज डिप्टी कमिश्नरों को राज्य के लोगों के मानक जीवन को यकीनी बनाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता देने के लिए कहा। आज यहाँ पंजाब भवन में समूह जिलों के डिप्टी कमिश्नरों के साथ मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अधिकारियों को इन प्रमुख सैक्टरों से सम्बन्धित विभिन्न विकास और कल्याण स्कीमों की व्यापक निगरानी करने के आदेश दिए हैं जिससे ऐसे प्रोग्रामों के अमल को यकीनी बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को राज्य के लिए सरकार द्वारा निश्चित एजंडे की राह पर लोगों की इच्छाओं की पूर्ति के लिए विकास एवं कल्याण प्रोजेक्टों में तेज़ी लाने के लिए कमर कसने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि लोकतंत्र में चुने हुए प्रतिनिधियों को सम्मान देना लाजि़मी है और उन्होंने अधिकारियों को विचरते समय मिलनसार रवैया अपनाने और चुने हुए प्रतिनिधियों को बनता सम्मान देने के लिए कहा जिससे सर्वपक्षीय विकास को यकीनी बनाया जा सके।
नागरिक केंद्रित सेवाओं को यकीनी बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को सेवा केन्द्रों के कामकाज पर पास से निगरानी रखने के आदेश दिए जिससे अलग-अलग नागरिक सेवाओं सम्बन्धी लम्बित आवेदनों का निपटारा किया जा सके। प्रशासकीय सुधारों संबंधी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनी महाजन ने मीटिंग के दौरान बताया कि राज्य में 515 सेवा केंद्र चल रहे हैं और सभी जिलों में हासिल हुई 2,60, 4975 आवेदनों में से 42261 आवेदन ही बकाया हैं। उन्होंने बताया कि सेवाएं मुहैया करवाने के मौजूदा मॉडल के अंतर्गत सेवा केन्द्रों का प्रोजैक्ट स्वै-निर्भर हैं और इसका वित्त विभाग पर कोई बोझ नहीं।
मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को जायदाद के तबादले, ज़मीन का बटवारा और इंतकाल जैसे राजस्व मामलों का तुरंत निपटारा यकीनी बनाने के लिए राजस्व अधिकारियों को ज़रूरी हिदायतें जारी की जाएँ। उन्होंने शिकायत निवारण कमेटी की मासिक मीटिंग बुलाने और निर्धारित समय पर रिपोर्टें भेजने के आदेश दिए। सरहदी क्षेत्रों ख़ास कर तरन तारन जिले (71.29 प्रतिशत) में बिजली चोरी का गंभीर नोटिस लेते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे सरकारी खजाने को भारी घाटा पड़ता है जिस कारण इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
उन्होंने तरन तारन के डिप्टी कमिश्नर को इस बीमारी से निपटने के लिए पुलिस और पावरकॉम के साथ मिल कर रणनीति बनाने के लिए कहा। नशों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने अब तक के नतीजों पर तसल्ली ज़ाहिर करते हुये कहा कि नशों का सेवन करने वालों की संख्या में बड़ी कमी आई है। बड़ी मात्रा में नशे और नशीले पदार्थ बारमद हुए हैं और अलग-अलग नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने डिप्टी कमिश्नरों को इस सम्बन्ध में ढील न बरतने और एस.टी.एफ., जि़ला पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के साथ तालमेल करने के लिए कहा जिससे नशों की बीमारी के ख़ात्मे के साथ-साथ नशे के आदियों के पुनर्वास के लिए और अच्छे नतीजे हासिल किये जा सकें।
राज्य के प्रमुख प्रोग्राम ‘घर -घर रोजग़ार ’ की प्रगति का जायज़ा लेते हुये मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को तीन लाख रुपए सालाना पैकेज से अधिक वाली नौकरियाँ दिलाने में सहयोग करने के लिए अग्रणी उद्योगपतियों, व्यापारिक घरानों और रोजग़ार देने वालों के साथ तालमेल करने के लिए कहा। इसी दौरान मीटिंग में जानकारी दी गई कि ‘पंजाब घर-घर रोजग़ार और कारोबार मिशन’ के अंतर्गत सरकार ने रोजग़ार के बेहतर मौके मुहैया करवाने के लिए मार्च, 2020 में अमृतसर, फगवाड़ा, बठिंडा, मोहाली और एस.बी.एस. नगर में बड़े रोजग़ार मेले लगाने की योजना बनायी है। इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मैडिसन, मेज़बानी, पर्यटन, कृषि, पशुपालन, बैकिंग, कला और विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों के ग्रैजुएट 2000 से अधिक नौजवानों को बढिय़ा पैकेज वाली नौकरियाँ मुहैया करवाई जाएंगी।
सामाजिक सुरक्षा और कल्याण स्कीमों की प्रगति का जायज़ा लेते हुए मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को सखी-वन स्टॉप सैंटरों में स्टाफ की भर्ती के लिए अपने यत्न तेज़ करने और सखी केन्द्रों और बाल संरक्षण संस्थाओं की स्थापना के लिए उचित ज़मीन तलाशने के लिए कहा। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को जि़ला बाल रक्षा ईकाईयों में पदों को भरने में तेज़ी लाने के लिए कहा जिससे बच्चों की सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को प्रमाण पत्रों वाले सभी दिव्यांगों को 100 प्रतिशत विलक्षण दिव्यांग पहचान पत्र जारी करने का लक्ष्य 30 जून, 2020 तक पूरा करने के आदेश दिए।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने डिप्टी कमिश्नरों को भूमिहीन और बेघर गरीब परिवारों के लिए पहल के आधार पर उचित पंचायती ज़मीन की पहचान करने की हिदायत की। उन्होंने प्रमुख सचिव को स्मार्ट गाँव मुहीम के अंतर्गत स्कूलों और स्ट्रीट लाईटों के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने जैसे विभिन्न विकास कार्यों को शामिल करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने डी.सीज़ को कहा कि वह 31 मार्च, 2020 तक ठोस कूड़ा कर्कट प्रबंधन की प्रगति पर नियमित तौर पर निगरानी रखें जिसमें घर-घर जाकर कूड़ा एकत्र करना, गीले कूड़े की प्रोसेसिंग सम्बन्धी सुविधाएं आदि शामिल है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने डी.सीज़ को शहरी क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर सभी बुनियादी सुविधाएं जैसे पेयजल, सिवरेज, स्ट्रीट लाईटिंग और सडक़ें यकीनी बनाने सम्बन्धी प्रगति पर निगरानी रखने के लिए भी कहा। मुख्यमंत्री ने अमृतसर और तरन तारन के डिप्टी कमिश्नरों को दुर्घटनाओं का कारण बने सरहदी क्षेत्रों के बीच वाले तंग धातू पुलों की अपगे्रडेशन के लिए सेना अधिकारियों के साथ तालमेल के ज़रिए कार्य योजना बनाने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके द्वारा यह मुद्दा पश्चिमी कमांड के चीफ़ के पास पहले ही उठाया गया था। आवारा पशुओं और कुत्तों के बढ़ रहे खतरे, जोकि एक बड़ी परेशानी बन गया है और जिस कारण पिछले कुछ सालों में कई कीमती जानें गई हैं, पर चिंता ज़ाहिर करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने डी.सीज़ को आवारा पशुओं की समस्या को हल करने के लिए तरीके सुझाने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों के साथ बाढ़ों की तैयारी का जायज़ा भी लिया और मुख्य सचिव को मॉनसून के मौसम की शुरुआत से पहले ही बाढ़ों की रोकथाम सम्बन्धी विभिन्न कार्य, खासकर संवेदनशील स्थानों पर चलाने के लिए डिप्टी कमिश्नरों को ज़रुरी फंड देने का इंतज़ाम करने के लिए भी कहा। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को पिछले साल आए भारी बाढ़ों के पीडि़तों को मुआवज़े के वितरण को पूरा करने और राजस्व अधिकारियों से ज़रूरी कार्यवाहियां पूरी करने के लिए भी कहा।
मीटिंग के दौरान ग्रामीण विकास और पंचायतें, स्थानीय निकाय, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास और प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा प्रस्तुतीकरण भी दिए गए। इससे पहले जल स्रोत मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने 2020-21 के दौरान बाढ़ों की रोकथाम के कार्यों और ड्रेनों के निकास की निगरानी के लिए डिप्टी कमिश्नरों के साथ विस्तृत मीटिंग की। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों द्वारा बताई गई ज़रूरतों के अनुसार सभी 22 जि़लों में 343.75 करोड़ रुपए की लागत से बाढ़ों की रोकथाम, ड्रेनों की निकासी /सफ़ाई से सम्बन्धित प्राथमिकता वाले कार्यों संबंधी भी विचार-विमर्श किया।
इस मीटिंग में मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, विशेष मुख्य सचिव राजस्व के.बी.एस. सिद्धू, स्थानीय निकाय के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास विसवाजीत खन्ना, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, ग्रामीण विकास और पंचायत के प्रमुख सचिव सीमा जैन, जल स्रोत विभाग के प्रमुख सचिव ए.वेणू. प्रसाद, ए.डी.जी.पी. प्रोवीज़निंग अर्पित शुक्ला, रोजग़ार सृजन और प्रशिक्षण के सचिव राहुल तिवारी भी मौजूद थे।