चंडीगढ़, 1 फरवरी:पंजाब के शिक्षा और लोक निर्माण मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला ने आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये बजट 2020-21 को खाली ड्रम और शिक्षा एवं कृषि क्षेत्र के लिए कोई नयी घोषणा न करने वाला बताया है। इस बजट को जनविरोधी, नौजवान विरोधी और किसान विरोधी कहते हुए सिंगला ने कहा कि इस बजट में उत्पादक क्षेत्र को भी कोई राहत नहीं दी गई है।
उन्होंने यहाँ जारी एक प्रैस बयान में कहा कि सरकार ने बढ़ रही खपत के पक्षों को पूरी तरह अनदेखा किया है। उन्होंने आयकर में दी गई रियायत को एक पब्लिक स्टंट बताया है जिससे बड़े स्तर पर लोगों को कोई भी फ़ायदा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एलआईसी के फ़ायदों और दान पर कर छूट को भी घटा दिया गया है। केंद्र सरकार ने राज्यों को मिलने वाली जीएसटी के मुआवज़े को भी घटा दिया है जिससे राज्य सरकारों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने वित्तीय घाटे को इस बजट में बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है जिससे देश में और महँगाई बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने नीति आयोग की सिफारिशों को सिरे से खारिज कर दिया है जिसके अंतर्गत भारत को शिक्षा पर जीडीपी का 6 प्रतिशत निवेश करने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक ने भी अपनी एक रिपोर्ट के द्वारा खुलासा किया है कि भारत में सरकार अपनी जीडीपी का केवल 3.8 प्रतिशत ख़र्च करता है जोकि वैश्विक स्तर की जीडीपी की 4.7 प्रतिशत औसत से भी कम है।
उन्होंने कहा कि भारत के शिक्षा के क्षेत्र को मुकम्मल तौर पर फिर से मज़बूत करने की ज़रूरत है और देश के नौजवानों को लंबे भाषण देने की जगह रोजग़ार मुहैया कराने की ज़रूरत है। जबकि अब मोदी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में एफडीआई की ओर देख रही है।मंत्री ने कहा कि इस बजट में पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है क्योंकि कृषि क्षेत्र के लिए कोई भी नयी ऋण राहत स्कीम की घोषणा नहीं की गई।
सिंगला ने कहा कि किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करना भी अभी तक जुमला ही लग रहा है क्योंकि इस सम्बन्ध में अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आयकर को और पचीदा बना दिया है जिससे करदाताओं को और मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।