मंत्रीमंडल द्वारा पूर्व सैनिकों /पूर्व सैनिकों के वारिसों /वीरता पुरुस्कार विजेताओं के पोते /पोतियों को पीढ़ी दर पीढ़ी के प्रचलित सिद्धांत के अनुसार आरक्षण में प्रथमिकता देने की मंजूरी
मेजर रवी इन्दर सिंह संधू के आश्रित के लिए नौकरी को मंज़ूरी
चंडीगढ़, 31 जनवरी।पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की हिदायतों के पालन में मंत्रीमंडल ने पूर्व सैनिकों /पूर्व सैनिकों के वारिसों /वीरता पुरुस्कार विजेताओं के पोते /पोतियों को आरक्षण में प्राथमिकता पीढ़ी दर पीढ़ी (लीनियल हईरारकी) के प्रचलित सिद्धांत के अनुसार निश्चित करने का फ़ैसला किया है।
रक्षा सेवाएं कल्याण विभाग द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव के साथ सहमति प्रकट करते हुए मंत्रीमंडल ने पंजाब रिक्रूटमैंट ऑफ एक्स-सर्विसमैन रूल्ज -1982 के नियम 4 के तीसरे उपबंध में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है। सुधारे हुए इस उपबंध के मुताबिक आरक्षित पद के विरुद्ध भर्ती के लिए यदि कोई पूर्व सैनिक न हो और आगे उसकी पत्नी या आश्रित बच्चा मौजूद न हो तो ऐसे पद को वीरता पुरुस्कार विजेता के पोते /पोती की भर्ती के द्वारा भरा जायेगा बशर्ते कि दूसरे उपबंध में दर्ज शर्तों के मुताबिक पुरुस्कार विजेता ने ख़ुद या उनके बच्चों या आश्रितों में से किसी ने भी आरक्षण का लाभ न लिया हो। यह जि़क्रयोग्य है कि पंजाब सरकार ने वीरता पुरुस्कार विजेताओं के पोते /पोतियों को आरक्षण का लाभ देने का फ़ैसला पहले ही किया हुआ है।
मेजर रवी इन्दर सिंह संधू के आश्रित को नौकरी देने की मंजूरी
मंत्रीमंडल ने भारतीय सेना में शानदार सेवाएं निभाने वाले मेजर रवी इन्दर सिंह संधू जिनकी संयुक्त राष्ट्र के शान्ति मिशन के दौरान सूडान में ड्यूटी के दौरान मौत हो गई थी, के अगले वारिस को नौकरी देने की मंजूरी दे दी। मंत्रीमंडल ने ‘सम्मान एवं आभार की नियुक्ति’ की नीति के अंतर्गत आने वाले लाभों के समान लाभ देने का फ़ैसला किया है।
यह जि़क्रयोग्य है कि मेजर रवी इन्दर सिंह संधू कॉप्र्स ऑफ सिग्नल सूडान में यू.एन. मिशन में सेवा निभा रहे थे। इस अधिकारी की दिल और फेफड़े की बीमारी के कारण 6 नवंबर, 2019 को मौत हो गई थी। इस अधिकारी की मौत को जंगी मौत नहीं घोषित किया गया था जिस कारण उनके आश्रित को किसी भी मौजूदा नीति के अंतर्गत सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती थी और इस कारण मंत्रीमंडल ने उपरोक्त लाभ देने की मंजूरी दे दी है।