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हाई कोर्ट द्वारा ढिलवां कत्ल केस में रंधावा का नाम नामज़द करने की याचिका रद्द

हाई कोर्ट द्वारा ढिलवां कत्ल केस में रंधावा का नाम नामज़द करने की याचिका रद्द
  • PublishedJanuary 30, 2020


केस सी.बी.आई. को सौंपने सम्बन्धी ढिल्लवां के पुत्र की माँग भी की खारिज


पुलिस और विशेष जांच टीम के यत्नों पर संतुष्टि ज़ाहिर की


चंडीगढ़, 30 जनवरी: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने आज ढिलवां के पूर्व सरपंच के कत्ल केस में सुखजिन्दर सिंह रंधावा को मुलजिम के तौर पर नामज़द करने की याचिका को याचिकाकर्ता द्वारा मंत्री को मीडिया में बदनाम करने की कोशिश बताते हुए ख़ारिज कर दिया। साथ ही यह केस सी.बी.आई. को सौंपने सम्बन्धी याचिकाकर्ता की माँग को भी रद्द कर दिया गया है।

ए.जी. पंजाब कार्यालय के अनुसार इस केस में रंधावा को फसाने के लिए अकालियों के यत्नों को असफल करते हुए हाई कोर्ट ने मृतक के बेटे सन्दीप सिंह की याचिका ख़ारिज कर दी और केस को सुलझाने सम्बन्धी पंजाब पुलिस और विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) की कोशिशों पर पूरी संतुष्टि ज़ाहिर की।

कुछ हफ़्तों से शिरोमणी अकाली दल की तरफ से रंधावा को गुंडागर्दी करने और गैंगस्टरों और नशा तस्करों के साथ संबंधों सहित अन्य कई दोषों के आधार पर फसाने की घटिया साजिशें रची जा रही हैं। हालाँकि, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह और अन्य सीनियर साथियों और पार्टी नेताओं का समर्थन प्राप्त जेल मंत्री ने ठोस तथ्यों के आधार पर शिरोमणी अकाली दल के झूठों का पर्दाफाश कर दिया।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि ढिलवां कत्ल केस में हाई कोर्ट के फ़ैसले ने मंत्री को निशाना बनाने और झूठे दोषों के द्वारा उनको बदनाम करने सम्बन्धी अकालियों की चालों का पर्दाफाश किया है।

याचिकाकर्ता सन्दीप सिंह ने हाई कोर्ट में दायर की अपनी याचिका में अपनी जान, आज़ादी और जायदाद और अपने पारिवारिक सदस्यों की सुरक्षा की माँग की थी। उसने इस जांच को सीबीआई को सौंपने की माँग भी की। इसका कारण उसने यह बताया कि स्थानीय पुलिस कैबिनेट मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा के दबाव में काम कर रही है और निष्पक्ष जांच सिफऱ् एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा ही संभव हो सकेगी क्योंकि उसने शक ज़ाहिर किया कि इस कत्ल के पीछे रंधावा का हाथ है।

कार्यालय एडवोकेट जनरल, पंजाब के अनुसार याचिकाकर्ता द्वारा केस तबदील करने की माँग को स्पष्ट तौर पर ख़ारिज करते हुए जस्टिस रमिन्दर जैन के सिंगल बैंच ने यह पाया कि याचिकाकर्ता पूरे केस के द्वारा मीडिया में मंत्री को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है और साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि अदालत इसकी इजाज़त नहीं देगी।


सरकारी सूत्रों ने आगे बताया कि विशेष जांच टीम (एसआईटी) की तरफ से दायर हलफऩामे के आधार पर ए.जी. पंजाब कार्यालय के वकील ने अदालत को बताया था कि इस केस में पहले ही तीन मुलजिमों को गिरफ़्तार कर लिया गया था और 29 जनवरी, 2020 को चार्जशीट दाखि़ल की गई थी।


मामले की तेज़ी और गहराई के साथ जांच को यकीनी बनाने के लिए पंजाब के डी.जी.पी. द्वारा बॉर्डर रेंज के आई.जी.पी. एस.पी.एस. परमार की अध्यक्षता में विशेष जांच टीम (सिट) का गठन किया गया।


इन तीन दोषियों की पहचान अमृतपाल सिंह, लखविन्दर सिंह उर्फ लक्खा और बलविन्दर सिंह निवासी ढिलवां, पुलिस थाना कोटली सूरत मल्ली, बटाला के तौर पर हुई है, जिनको गाँव ढिलवां के पूर्व सरपंच दलबीर सिंह के कत्ल केस में बटाला पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किया गया, जिस सम्बन्धी आई.पी.सी. की धारा 302,148,149 और आर्मज़ एक्ट की धारा 25 -54 -59 के अंतर्गत एफ.आई.आर. नंबर 86 दिनांक 19-11-2019 पुलिस थाना कोटली सूरत मल्ली में दर्ज है। पहले इन तीन मुलजिमों का नाम एफ.आई.आर. में दर्ज किया गया था और पुलिस की जांच के दौरान बाद में 7 और संदिग्ध व्यक्तियों को भी इस मामले में नामज़द किया गया था।

Written By
The Punjab Wire