चंडीगढ़, 30 जनवरी। पंजाब पुलिस के साईबर क्राइम सैल ने उच्च तकनीक के प्रयोग से करोड़ों रुपए का बैंक घोटाला करने वाले रैकेट का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है। जालसाज़ों ने फर्जी नाम पर खुलाए 5 बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करके बाद में ए.टी.एम. और चैक के ज़रिये निकलवा लिए।
इस संबंधी जानकारी देते हुए जांच ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि एच.डी.एफ.सी. बैंक के लोकेशन मैनेजर इन्वेस्टिगेशन, रिस्क इंटेलिजेंस और कंट्रोल यूनिट विजय कुमार द्वारा 30/12/2019 को एच.डी.एफ.सी. बैंक के खाते में से तकनीकी पैंतरों से तकरीबन 2 करोड़ रुपए के घोटाले के दोष सम्बन्धी अर्जी दायर की गई थी।
जालसाज़ों के काम करने के ढंग तरीकों संबंधी बताते हुए प्रवक्ता ने कहा कि धोखाधड़ी करने वालों ने पीडि़त के बैंक खातों से रजिस्टर्ड ई-मेल आई.डी. और मोबाइल नंबर को बहुत चालाकी के साथ समान मोबाइल नंबर और ई-मेल आई.डी. के साथ बदल दिया और इस तरह पीडि़त के खातों के साथ अपना मोबाइल नंबर और ई-मेल आई.डी. अपडेट करते हुए उक्त खातों का पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया।
जांच के दौरान यह पाया गया है कि सभी सरकारी आई.डी. सबूत जिसमें चिप आधारित ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, होलोग्राम वाले वोटर आई.डी. कार्ड आदि शामिल हैं, जो बैंक खाता खोलने और मोबाइल नंबर लेने के लिए के.वाई.सी. दस्तावेज़ के रूप में दिए गए थे, फजऱ्ी पाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि जालसाजा़ें द्वारा सभी पैसे ए.टी.एम. कार्डों और चैक के द्वारा निकलवाए गए हैं और इस तरह पुलिस के लिए कोई सुराग नहीं छोड़ा। इसके अलावा जालसाजा़ें द्वारा उक्त कार्यवाही को अंजाम देने के समय पर ही मोबाइल का प्रयोग किया जाता था जिसके बाद वह मोबाइल को बंद कर देते थे।
अगली जांच के दौरान यह पता लगा कि यह रैकेट लुधियाना से काम कर रहा था और इसमें कम से कम 3 व्यक्ति शामिल थे। गिरोह के एक मैंबर की पहचान राजीव कुमार पुत्र देव राज निवासी न्यू शिमलापुरी, लुधियाना के तौर पर हुई है।
उन्होंने बताया कि तालाशी और प्राप्त विवरणों के आधार पर इस केस में 3 मुलजि़मों को नामज़द किया गया था और इनमें से दो मुलजि़म राजीव कुमार पुत्र राज देव और दीपक कुमार गुप्ता पुत्र दर्शन लाल गुप्ता को 28 जनवरी, 2020 को शिमलापुरी, लुधियाना से गिरफ़्तार किया गया। हालाँकि इनमें से एक मुलजि़म फऱार हो गया।
उन्होंने आगे बताया कि पकड़े गए मुलजि़मों से उनके अपने खातों में जमा 10,00,000 /- रुपए बरामद किये गए और अन्य बरामदगियां जल्द की जाएंगी। इन मुलजि़मों की गिरफ़्तारी के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी से सम्बन्धित 4 अन्य केस भी हल हो गए। इसी तरह के दोषियों ने राम काला निवासी नाहरपुर, हरियाणा के साथ 80 लाख रुपए की ठगी मारी थी, जिस सम्बन्धी एक केस 2019 में एफ.आई.आर. 169 अधीन थाना मानेसर, हरियाणा में दर्ज किया गया था और इनकी गिरफ़्तारी के साथ यह केस भी हल हो गया।
उन्होंने आगे बताया कि जांच प्रक्रिया के दौरान अन्य केस हल किये जाएंगे। उपरोक्त गिरफ़्तार किये गए दोनों मुलजि़मों को जुडिशियल मैजिस्ट्रेट, एस.ए.एस. नगर की अदालत में पेश किया गया और दोनों मुलजि़मों को 5 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। मुलजि़मों की पूछताछ से और बरामदगियां और इस गिरोह के बाकी सदस्यों की गिरफ़्तारियां की जाएंगी।
शिकायत मिलने पर प्राथमिक जांच की गई, जिसके आधार पर आई टी एक्ट की धारा 66, 66 सी, 66 डी, आइपीसी की धारा 420, 465, 468, 471, 120-बी के अंतर्गत एक केस एफआईआर नं. 04 तारीख़ 08/01/2020 को थाना स्टेट साईबर क्राइम, पंजाब में दर्ज किया गया है।