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कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा विरासती मार्ग पर स्थापित लोक नाच के बुत हटाकर उचित जगह पर लगाने के हुक्म

कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा विरासती मार्ग पर स्थापित लोक नाच के बुत हटाकर उचित जगह पर लगाने के हुक्म
  • PublishedJanuary 28, 2020

मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक मामलों बारे विभाग को जारी किये निर्देश

बुत तोडऩे वाले नौजवानों की धार्मिक भावनाओं के मद्देनजऱ मुख्यमंत्री द्वारा इनके खि़लाफ़ दर्ज मामलों को विचारने और वापस लेने के आदेश

चंडीगढ़, 28 जनवरी । अमृतसर में पवित्र स्थान श्री दरबार साहिब की ओर जाते विरासती मार्ग पर लगाए गए गिद्दे-भंगड़े के बुतों पर सिख भाईचारे द्वारा उठाए गए ऐतराज़ पर उनकी भावनाओं का सत्कार करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सांस्कृतिक मामलों बारे विभाग को यह बुत यहाँ से हटाने और शहर में ही किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर लगाने के हुक्म दिए हैं।

यह बुत पिछली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान लगाए गए थे और बीते 15 जनवरी को भावना के आवेश में आकर कुछ नौजवानों ने इनकी तोड़ -फोड़ कर दी थी। इस तोड़ -फोड़ में शामिल नौजवानों के प्रति उदारता दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने डी.जी.पी. को सात प्रदर्शनकारियों के खि़लाफ़ दर्ज मामलों की समीक्षा करने और इनके विरुद्ध दर्ज आई.पी.सी. की कठोर धाराओं को वापिस लेने के हुक्म दिए। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इन नौजवानों की यह कार्यवाही किसी दुर्भावना का हिस्सा नहीं थी बल्कि यह सिख भाईचारे की तरफ से महसूस की जा रही पीड़ा का प्रदर्शन था क्योंकि पवित्र गुरुद्वारा साहिब की सीमा के साथ गिद्दे-भंगड़े को दिखाते बुत स्थापित करने से सिख ह्रदयों को ठेस पहुँची।

 यह जि़क्रयोग्य है कि पिछली अकाली -भाजपा सरकार ने विरासती मार्ग पर गिद्दे-भंगड़े वाले बुत स्थापित करवाए थे और अक्तूबर, 2016 में इनका उद्घाटन किया था। प्रदर्शनकारियों में लोक नाच के बुत लगाने पर रोष पाया जा रहा था और इन्होंने इसे सिख धार्मिक भावनाओं का उल्लंघन बताया क्योंकि यह बुत पवित्र दरबार साहिब के बिल्कुल नज़दीक स्थापित किये गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने इन बुतों को नुक्सान पहुँचाया क्योंकि वह महसूस करते थे कि बुतों से उनको ठेस पहुँची है।आरोपियों के खि़लाफ़ आई.पी.सी. की धारा 307, 434, 427, 353, 186, 148 और 149 के अलावा सार्वजनिक संपत्ति को नुक्सान रोकथाम एक्ट-1984 की धारा 3 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया था।

 15 जनवरी को घटी इस घटना के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब, शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, शिरोमणी रागी सभा (हरिमंदिर साहिब के कीर्तनी सिंहों समेत), श्री गुरू हरगोबिंद साहिब शिरोमणी ढाडी सभा और श्री गुरू ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी समेत विभिन्न सिख जत्थेबंदी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये प्रदर्शनकारी नौजवानों के हक में सामने आए थे। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब ने यह बुत अमृतसर में किसी अन्य स्थान पर स्थापित करने के संदर्भ में पहले ही तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया हुआ है।

इस कमेटी में शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सीनियर उप-प्रधान रजिन्दर सिंह मेहता, शिरोमणी कमेटी के मुख्य सचिव डॉ. रूप सिंह, चीफ़ खालसा दीवान के प्रमुख निर्मल सिंह के अलावा कोऑर्डीनेटर सुखदेव सिंह भूराकोना शामिल थे। 

Written By
The Punjab Wire