वन एवं वन्य जीवों के बचाव के लिए ‘फारेस्ट एंड वाइल्ड लाईफ़ सर्वीलैंस एंड मोनिटरिंग सिस्टम’ अपनाया जायेगा: धर्मसोत
वन विभाग के सीनियर अधिकारियों की टीम राजस्थान का करेगी दौरा
चंडीगढ़, 28 जनवरी:पंजाब के वनों और वन्य जीवों के बचाव के लिए ‘फारेस्ट एंड वाइल्ड लाईफ़ सर्वीलैंस एंड मोनिटरिंग सिस्टम’ अपनाया जायेगा। इस नयी प्रणाली के अंतर्गत वनों में थर्मल इमेजिंग कैमरे, ट्रैप कैमरे और ड्रोनों की मदद ली जायेगी।
यहाँ विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग करने और एक प्रस्तुति देखने के उपरांत पंजाब के वन मंत्री स. साधु सिंह धर्मसोत ने बताया कि राज्य के वनों और वन्य जीवों की निगरानी के लिए एक विशेष योजना बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार की तर्ज पर पंजाब सरकार भी ‘फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाईफ़ सर्वीलैंस एंड मोनिटरिंग सिस्टम’ को अपनाने के लिए सर्वेक्षण कर रही है और जल्द ही वन विभाग की एक सीनियर अधिकारियों की टीम राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा भी करेगी।
उन्होंने बताया कि दौरा करने वाली टीम की रिपोर्ट के अनुसार इस योजना को अमली रूप दिया जायेगा।स. धर्मसोत ने बताया कि इस नयी प्रणाली को अपना कर प्रभावी ढंग से जंगलों से कीमती लकड़ी चोरी करने की घटनाओं को रोका जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम के द्वारा जंगली जीवों के शिकार को भी रोका जा सकेगा और जंगलों को आग से बचाया भी जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इस नयी प्रणाली को अपनाने से वन विभाग द्वारा खाली करवाए गए नाजायज कब्ज़े वाले स्थानों, नयी प्लांटेशनों, विभाग के खाली पड़े स्थानों पर की गई प्लांटेशन पर निगरानी भी रखी जा सकेगी।
स. धर्मसोत ने आगे बताया कि नयी तकनीक से जंगलों में लगी आग पर काबू पाने, कीमती वृक्षों की चोरी की गतिविधियों को रोकने, पौधों का विकास और जंगली जीवों का शिकार से बचाव करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह सिस्टम एक केंद्रीय कंट्रोल सिस्टम के अंतर्गत काम करेगा और समूची रिपोर्टें एक निर्धारित पोर्टल पर भेजेगा। उन्होंने कहा कि यह सिस्टम जहाँ विभाग की कार्य-कुशलता में विस्तार करेगा, वहीं ग़ैर -कानूनी गतीविधियों को रोकने और जल्द कार्यवाही करने में भी मददगार सिद्ध होगा।