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गाड़ी पर आर्मी, प्रेस, पुलिस, मेयर, विधायक, चेयरमैन लिखने पर हाईकोर्ट की पांबदी

गाड़ी पर आर्मी, प्रेस, पुलिस, मेयर, विधायक, चेयरमैन लिखने पर हाईकोर्ट की पांबदी
  • PublishedJanuary 25, 2020

चंडिगढ़। ट्राईसिटी में अब सरकारी या निजी किसी भी वाहन पर पद या कार्यालय का नाम लिखने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस को ऐसा लिखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

अहम बात यह है कि वाहन पर आर्मी, डॉक्टर, प्रेस, पुलिस, डीसी, मेयर, विधायक, चेयरमैन व अन्य वीआईपी पद लिखने पर भी पूरी तरह पाबंदी होगी। केवल एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड को छूट दी गई है। हाईकोर्ट ने आदेश को लागू करने के लिए 72 घंटे की मोहलत दी है।जस्टिस राजीव शर्मा एवं जस्टिस अमोल रतन सिंह की विशेष खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार को ट्राईसिटी की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर सुनवाई आरंभ हुई।  इस दौरान हाईकोर्ट ने यह साफ कर दिया कि पार्किंग को लेकर सरकारी और निजी वाहनों पर लगे स्टिकर पर कोई पाबन्दी नहीं है लेकिन जिन वाहनों पर किसी भी अधिकारी का पद, एंबलम या विभाग दर्ज करते हुए स्टिकर लगाए गए हैं, उन पर 72 घंटे बाद पूरी तरह से पाबंदी होगी। 

खुद की कार से हाईकोर्ट हटवाकर की शुरुआत
जस्टिस राजीव शर्मा ने यह आदेश देने के बाद सबसे पहले अपने ही वाहन से अपने स्टाफ को हाईकोर्ट हटाने का आदेश दिया। जस्टिस शर्मा ने कहा कि शुरुआत खुद से ही करनी चाहिए। अहम बात यह है कि इससे पहले वह हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी इस प्रकार के आदेश जारी कर नाम और पद लिखने पर पाबंदी लगा चुके हैं। कोर्ट ने कहा कि जज भी हाईकोर्ट के आदेश के दायरे से बाहर नहीं रहने चाहिए इसलिए सबकी तरह उनके वाहन भी विशेष नहीं रहेंगे।

Written By
The Punjab Wire