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अकाली दल द्वारा बहबलकलां पुलिस फायरिंग के मुख्य गवाह के परिवार का अपमान करने के लिए कांगड़ तथा ढ़िल्लों की निंदा

अकाली दल द्वारा बहबलकलां पुलिस फायरिंग के मुख्य गवाह के परिवार का अपमान करने के लिए कांगड़ तथा ढ़िल्लों की निंदा
  • PublishedJanuary 24, 2020

डॉ. चीमा ने कहा कि कांग्रेस सरकार को जवाब देना चाहिए कि मोगा पुलिस फायरिंग केस के मुख्य गवाह ने हाईकोर्ट से सुरक्षा क्यो मांगी है?

चंडीगढ़/24जनवरीःशिरोमणी अकाली दल ने आज बहबलकलां पुलिस फायरिंग केस के मुख्य गवाह तथा पूर्व सरपंच के परिवार का अपमान करने के लिए राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ तथा मुख्यमंत्री के सलाहकार कुशलदीप सिंह ढ़िल्लों की सख्त निंदा की है। इसके साथ पार्टी ने कांग्रेस सरकार से जवाब मांगा है कि मोगा पुलिस फायरिंग के एक गवाह ने सुरक्षा के लिए अब हाईकोट तक क्यों पहुंच की है?

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए पूर्व मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि कितने दुख की बात है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी से संबधित पुलिस फायरिंग के दो अलग अलग केसों में कांग्रेसियों पर एक गवाह को मौत के मुंह में धकेलने तथा दूसरे को खरीदने की कोशिश करने के दोष लग रहे हैं। उन्होने कहा कि बहबलकलां सरपंच का परिवार पहले ही कांगड़ तथा ढ़िल्लों को दोषी ठहरा चुका है। उन्होने कहा कि अब मोगा पुलिस फायरिंग केस के मुख्य गवाह ने एक याचिका में दावा किया है कि उसे प्रलोभन देने के लिए दो लाख के चैक की पेशकश की गई थी। इसके अलावा इस गवाह ने अपनी जान के खतरे का दावा बताया है, क्योंकि उसे धमकाने वालों के पास सरकारी सुरक्षा है। उन्होने कहा कि निर्दोष सिखों के कातिलों को बचाने की कोशिश कर रहे व्यक्तियों से सरकार की मिलीभगत का इससे बड़ा कोई सबूत नही हो सकता।

डॉ. चीमा ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक बात है कि कोटकपूरा में बहबलकलां के पूर्व सरपंच सुरजीत सिंह के गांव उसकी अंतिम संस्कार में भाग लेने की बजाय कांग्रेसी नेताओं गुरप्रीत कांगड़ तथा कुशलदीप ढ़िल्लों ने सुरजीत सिंह की पत्नी को बदनाम करने के उद्देश्य से यहां एक संवाददाता सम्मेलन रखा था, क्योंकि उसने दोनो कांग्रेसी नेताओं को अपने पति की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था। यह कहते हुए कि दोनों कांग्रेसी नेता अनैतिक व्यवहार के दोषी थे, डॉ. चीमा ने कहा कि उन्होने सुरजीत की पत्नी जसबीर कौर के बयान का मजाक उड़ाकर पीड़ित परिवार के घाव पर नमक छिड़का है।

ध्यान भटकाने के हथकंडे इस्तेमाल की कोशिश करने के लिए कांग्रेसी नेताओं की खिचांई करते हुए डॉ. चीमा ने कहा कि वह अच्छी तरह जानते हैं कि उनके खिलाफ अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने नही, बल्कि पूर्व सरपंच की पत्नी तथा बेटे ने दोष लगाए हैं। पीड़ित परिवार द्वारा यह दोष कई बार दोहराए जा चुके हैं। उन्होने स्पष्ट कहा है कि सुरजीत सिंह को मानसिक तथा शारीरिक कष्ट देने में कांगड़ तथा ढ़िल्लों भी शामिल थे। इन सभी दोषों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेसी नेता यह कहकर इस मामले से बचने की कोशिश नही कर सकते कि सारा मामला गांव में हुए एक छोटे से विवाद का परिणाम है।

अकाली नेता ने कांगड़ को इस बात का जवाब देने के लिए कहा कि क्या उस द्वारा दिए बयान कि जब छापा मारा था तो वह बिजली मंत्री नही था, का अर्थ यह है कि सुरजीत के घर छापा मरवाने के पीछे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का हाथ था? डॉ. चीमा ने कहा कि यह मामला बिल्कूल सरल है। उन्होने कहा कि पंजाब जानना चाहता है कि कांगड़ तथा ढ़िल्लों ने बहबलकलां फायरिंग केस के अकेले गवाह को धमकाया क्यों था? यह दोष सुरजीत की पत्नी जसबीर ने लगाया है, जिसने एक अन्य कांग्रेसी हीरा सोढ़ी की सराहना की है, इसीलिए उसके बयान पर शक करने का तो सवाल ही पैदा नही होता।

डॉ. चीमा ने कहा कि यदि इस मामले में कांगड़ तथा ढ़िल्लों जांच के लिए तैयार हैं तो उन्हे जसबीर कौर द्वारा लगाए दोषों की सीबीआई जांच करवाने के लिए मुख्यमंत्री को लिखित रूप में देना चाहिए। उन्होने कहा कि इसकी कोई संभावना नही है। कांगड़ तथा ढ़िल्लों की तो सुरजीत सिंह को खामोश करने में उनकी भूमिका के बारे जांच के परिणाम आने तक इस्तीफा देने की हिम्मत नही पड़ी। वे अपनी कुर्सी के साथ इस हद तक चिपके रहना चाहते हैं कि वह पीड़ित परिवार को बदनाम करने तक उतर आए। उन्होने कहा कि हम ऐसा नही होने देंगे तथा पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने तथा सुरजीत सिंह के कत्ल की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए आवश्यक कानूनी सहायता प्रदान करेंगे।

Written By
The Punjab Wire