नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नागरिकता कानून (सीएए) से जुड़ी 140 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस मामले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस मामले में अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले पर सुनवाई के लिए संविधान पीठ के गठन का अभी फैसला नहीं किया है। अदालत ने केंद्र सरकार से असम और त्रिपुरा की लिस्ट मांगी है। सरकार ने इस मामले पर जवाब के लिए शीर्ष अदालत से 6 माह का समय मांगा था। अदालत ने जवाब के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है।
सुनवाई के दौरान सीजेआई एस. ए. बोबडे ने कहा है कि हम अभी कोई भी आदेश जारी नहीं कर सकते हैं, क्योंकि काफी याचिकाओं को सुनना बाकी है। ऐसे में सभी याचिकाओं को सुनना जरूरी है। अटॉर्नी जनरल ने अपील की है कि कोर्ट को आदेश जारी करना चाहिए कि अब कोई नई याचिका दायर नहीं होनी चाहिए।सुप्रीम कोर्ट में दायर ज्यादातर याचिकाएं इस कानून के विरोध में है, जिसमें सीएए को गैर-संवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। शीर्ष अदालत में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर एनपीआर को भी चुनौती दी गई है।
उल्लेखनीय है कि संशोधित नागरिकता कानून सीएए में नरेंद्र मोदी सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक प्रताड़ना झेल रहे हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया है। इस कानून में इन पड़ोसी देशों के मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है।