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अकाली शासन के दौरान हुए बिजली खरीद समझौतों पर सरकार श्वेत पत्र लायेगी-कैप्टन अमरिन्दर सिंह

अकाली शासन के दौरान हुए बिजली खरीद समझौतों पर सरकार श्वेत पत्र लायेगी-कैप्टन अमरिन्दर सिंह
  • PublishedJanuary 16, 2020

असंवैधानिक नागरिकता संशोधन एक्ट पर आगे बढऩे का फ़ैसला कल सदन में लिया जाएगा

चंडीगढ़, 16 जनवरी । पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कहा कि प्राईवेट कंपनियों के साथ किये विवादित बिजली खरीद समझौतों के सम्बन्ध में अकालियों द्वारा किये गए फऱेब का पर्दाफाश करने के लिए उनकी सरकार विधानसभा के मौनसून सैशन के दौरान श्वेत पत्र लाएगी।

विधानसभा के दो-दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन राज्यपाल के भाषण के बाद पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह श्वेत पत्र पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा पावर प्लांट स्थापित करने सम्बन्धी किये समझौतों के साथ जुड़े सभी दस्तावेज़ों का खुलासा करेगा।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि बेईमान चरित्र वाले अकालियों ने पहले तो बिजली समझौतों समेत अलग-अलग विनाशकारी कदमों के द्वारा राज्य की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करके रख दिया और अब यही अकाली अपने संकुचित राजनैतिक हितों के लिए उनकी सरकार के विरुद्ध इस मुद्दे का उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने निचली अदालत में इस मामले पर केस जीत लिया था परन्तु सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला उनके विरुद्ध चला गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अब सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रही है। उन्होंने याद किया कि जब वह विरोधी पक्ष में थे तो वह ख़ुद इंडिया बुल्ज़ प्लांट के खि़लाफ़ धरने पर बैठे थे। उस समय की अकाली सरकार ने इंडिया बुल्ज़ के साथ बिजली प्लांट लगाने के लिए एम.ओ.यू. करने के लिए नेशनल थर्मल पावर कोर्पोरेशन (एन.टी.पी.सी.) का गिद्दड़बाहा पावर प्रोजैक्ट रद्द कर दिया था और समकालीन सरकार बिजली प्लांट की स्थापना के लिए वैश्विक टैंडर की तय प्रक्रिया के विरुद्ध गई थी और विवादित प्रोजैक्ट के लिए गिद्दड़बाहा में किसानों से ज़मीन जबरन खाली करवाई थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पंजाब और यहाँ के लोगों के हितों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है और हर हाल में यह यकीनी बनाया जायेगा कि लोगों को कोई नुकसान न हो।यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार भी केरला सरकार की तरह नागरिकता संशोधन एक्ट (सी.ए.ए.) के विरुद्ध प्रस्ताव लायेगी तो मुख्यमंत्री ने जवाब में कहा, ‘‘कल तक इन्तज़ार करो।’’ यह जि़क्रयोग्य है कि राज्य सरकार ने पहले ही अपने फ़ैसले का ऐलान किया हुआ है कि वह सी.ए.ए. के साथ-साथ राष्ट्रीय नागिरक रजिस्टर (एन.आर.सी.) और राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर (एन.पी.आर.) के मुद्दे पर सदन की इच्छा के मुताबिक आगे बढ़ेगी।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार ने इनको पहले ही असंवैधानिक और विभाजनकारी बताते हुए रद्द किया हुआ है।राज्यपाल के भाषण के मौके पर विरोधी पक्ष द्वारा किये वॉकआउट को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने दुख ज़ाहिर करते हुए कहा कि सदन में ऐसा रवैया अपनाना आम बात हो गई है।

उन्होंने कहा कि वॉकआउट की उम्मीद थी परन्तु राज्यपाल द्वारा अपने भाषण के दौरान श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व समागमों के महत्वपूर्ण धार्मिक विषय पर बोलने के मौके पर आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल द्वारा भाषण में विघ्न डालना के फ़ैसले निन्दाजनक हैं। उन्होंने कहा कि विरोधी पक्षों ने उस समय वॉकआउट किया जब राज्यपाल यह कह रहे थे कि यह खुशकिस्मती है कि पंजाब को गुरू साहिब जी के प्रकाश पर्व के ऐतिहासिक मौके को मनाने का सौभाग्य मिला है और इसी दौरान ही महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनायी गई।——–

Written By
The Punjab Wire