ऐसी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी, किसी भी तरह के मतभेद पार्टी स्तर पर हल किये जाएँ -मंत्रियों ने कहा
चंडीगढ़, 14 जनवरी:मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के खि़लाफ़ सार्वजनिक स्तर पर बग़ावत का झंडा उठाने के लिए राज्य के सभी मंत्रियों ने राज्यसभा मैंबर प्रताप सिंह बाजवा के खि़लाफ़ कांग्रेस पार्टी की लीडरशिप से अनुशासनात्मक कार्यवाही की माँग की है।
यह मसला मंगलवार को यहाँ हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग से पहले अनौपचारिक बातचीत के दौरान विचारा गया।इस दौरान मंत्रियों और कांग्रेस पार्टी के सभी सीनियर नेताओं ने बाजवा के खि़लाफ़ कार्यवाही की ज़रूरत बारे सहमति अभिव्यक्त की। उन्होंने कहा कि पार्टी मंच पर अपने विचार रखने की कई बार विनती किये जाने के बावजूद बाजवा मीडिया और अन्य स्थानों पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह और उनके नेतृत्व वाली सरकार की लगातार आलोचना करते आ रहे हैं। संसद मैंबर द्वारा सरकार के नेतृत्व में बदलाव की माँग को घोर अनुशासनहीनता करार देते हुए मंत्रियों ने पार्टी लीडरशिप से पंजाब प्रदेश कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रमुख के खि़लाफ़ तुरंत कार्यवाही की माँग की है।
मंत्रियों ने बाजवा पर शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के हाथों में खेलने का दोष लगाया क्योंकि वह अपनी पार्टी लीडरशिप के खि़लाफ़ बग़ावत का झंडा उठा रहे हैं ख़ास तौर पर जब पूरा विरोधी पक्ष बिखरा हुआ है जो राज्य में कांग्रेस से कोई चुनौती नहीं है।मंत्रियों ने कहा कि अगर ऐसी बग़ावत को शुरू में न दबाया गया तो इससे पंजाब कांग्रेस में ज़मीनी स्तर तक गलत संदेश जायेगा और स्थिति को कमज़ोर करेगा। सीनियर नेताओं ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक सिद्धांतों वाली पार्टी है और हरेक मैंबर को अपनी बात रखने का हक है परन्तु सार्वजनिक तौर पर विचारों की भिन्नताओं का प्रगटावा और एक सीनियर नेता के ऐसे बयान पार्टी के हितों के लिए नुकसानदायक हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
राणा गुरमीत सिंह सोढी ने कहा कि बाजवा के विरुद्ध कार्यवाही ज़रूरी है क्योंकि ऐसा व्यवहार पार्टी को कमज़ोर करेगा। चरनजीत सिंह चन्नी ने कहा, ‘हर किसी को जो मर्जी कह देने की आज्ञा नहीं दे सकते।’ इसी दौरान श्री ब्रह्म मोहिन्द्रा ने इच्छा अभिव्यक्त की कि मुख्यमंत्री को यह मुद्दा दिल्ली में पार्टी हाई कमान के पास उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का मतभेद पार्टी स्तर पर उठाया और हल किया जाना चाहिए। मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि इतिहास गवाह है कि किसी भी तरह के मतभेद हमेशा कांग्रेस के लिए नुकसानदायक साबित हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘हम आपसी एकता स्वरूप ही पंजाब में इतनी सीटें जीतने में सफल हुए हैं और इस एकजुटता को किसी भी कीमत पर भंग करने की आज्ञा नहीं दी जा सकती।’
ओम प्रकाश सोनी, साधु सिंह धर्मसोत और तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने भी इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रताप बाजवा की कार्यवाहियां पार्टी का नुकसान कर रही हैं। उन्होंने महसूस किया कि बाजवा के खि़लाफ़ तुरंत कार्यवाही किये जाने की ज़रूरत है।
मंत्रीमंडल के अन्य सदस्यों अरुणा चौधरी, रजि़या सुल्ताना, सुखजिन्दर सिंह रंधावा, सुखबिन्दर सिंह सरकारिया, गुरप्रीत सिंह कांगड़, विजय इंदर सिंगला, सुंदर शाम अरोड़ा और भारत भूषण आशु ने भी इस मामले में पार्टी हाई कमान के तुरंत दख़ल की माँग सम्बन्धी अपने साथियों के साथ सहमति जताई।बाजवा के खि़लाफ़ कार्यवाही की माँग उनकी ताज़ा टिप्पणियों के बाद आई है, जिसमें उन्होंने (बाजवा) ऐलान किया कि जब तक बेअदबी मामलों में कार्यवाही नहीं की जाती, वह दूसरे कार्यकाल के लिए कैप्टन अमरिन्दर के नेतृत्व का समर्थन नहीं करेंगे।
मंत्रियों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शुरू से ही स्पष्ट कर दिया था कि वह बेअदबी मामलों के दोषियों को सज़ा दिलाने के लिए वचनबद्ध हैं परन्तु वह बदले की भावना वाली राजनीति नहीं करेंगे। उन्होंने ज़ोर दिया कि बाजवा का स्टैंड बदले की भावना से प्रेरित है जिसके लिए कांग्रेस जैसी पार्टी में कोई जगह नहीं।
बाजवा की टिप्पणी जिसमें उसने कहा कि पंजाब कांग्रेस सिफऱ् कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में से निकल कर ही बच सकती है, मंत्री ने ज़ोर देते हुए कहा कि कांग्रेस ने मौजूदा सरकार के दौरान 2017 के विधान सभा मतदान से लेकर राज्य में हुए सभी मतदानों में सम्पूर्ण जीत दर्ज की थी जिससे यह साफ़ होता है कि लोग मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली से पूरी तरह खुश और संतुष्ट हैं और पार्टी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन बेहतर प्रदर्शन कर रही है।इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के योग्य नेतृत्व अधीन सरकार ने विरासत में मिली बुरी आर्थिकता के बावजूद सभी क्षेत्रों में बड़े स्तर पर फिर से विकास किया है और यह निरंतर गति से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि बाजवा स्पष्ट तौर पर विकास में रूचि नहीं रखते थे और वह सिफऱ् मुख्यमंत्री की लगातार निंदा से अपने हितों की पूर्ति के लिए राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहते थे।इस बात की तरफ इशारा करते हुए कि कैप्टन अमरिन्दर ने कई मौकों पर स्वयं ही नौजवान पीढ़ी को कमांड सौंपने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया, नेताओं ने कहा कि हालाँकि पंजाब में ऐसा कदम उठाने का सही समय नहीं था, जिसको अकाली-भाजपा सरकार के समय मुख्य समस्याओं का सामना करना पड़ा था।
पंजाब को कैप्टन अमरिन्दर सिंह की दूरअन्देशी वाले नेतृत्व की सख्त ज़रूरत है और वह स्पष्ट तौर पर बाजवा जैसा कोई व्यक्ति नहीं चाहते, जो अपना सारा समय नकारात्मक और विनाशकारी राजनीति में व्यतीत करता हो।रोजग़ार संबंधी बाजवा के दुर्भाग्यपूर्ण बयान संबंधी बताते हुए मंत्रियों ने सभी नौजवानों के लिए नौकरियाँ और पंजाब के हर नागरिक को तरक्की के मौके देने के यत्नों में मुख्यमंत्री के हाथ मज़बूत करने की बजाय घटिया राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने पर बाजवा को लताड़ा। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब पार्टी के हर मैंबर को राज्य की आर्थिक स्थिति को पुनर्जीवित करने और इसको मज़बूत करने में सहयोग करना चाहिए तो ऐसे मौके पर बाजवा पार्टी और सरकार को नीचा दिखाने पर तुला हुआ है। उन्होंने संसद मैंबर के खि़लाफ़ तुरंत कार्यवाही की माँग भी की।