चंडीगढ़, 14 जनवरी: पंजाब सरकार ने राज्य के स्कूलों में टीचिंग और नॉन-टीचिंग के विभिन्न कैडर के 3186 पद भरने का फ़ैसला लिया है।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन मंत्रीमंडल की मंगलवार को हुई मीटिंग में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लाए प्रस्ताव को स्वीकृत कर लिया गया।
मीटिंग के उपरांत सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रीमंडल के इस फ़ैसले से स्कूलों में स्टाफ की कमी पूरी होगी जिससे शिक्षा के मानकों में और सुधार होगा।मीटिंग में मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को रोजग़ार के लिए तैयार करने के संदर्भ में स्कूलों के कोर्स को गंभीरता से जाँचने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने रोज़गार मुखी शिक्षा की अहमीयत को महत्ता देते हुए कहा कि सीनियर कक्षाओं में विभिन्न विषयों जैसे आतिथ्य, मोबाइल रिपेयर आदि के रोज़गार मुखी कोर्स शुरू किये जाएँ।
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव जिसको आज मंत्रीमंडल द्वारा मंज़ूरी दी गई, के अनुसार उप जि़ला शिक्षा अधिकारी और सरकारी सीनियर सेकेंड्री स्कूलों के प्रिंसिपल के 132 पद, मुख्य अध्यापक /मुख्य अध्यापिकाओंं के 311, विभिन्न विषयों के मास्टरों और मिस्ट्रेस के 2182 पद, ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों के 32 पद, ई.टी.टी. के 500, लॉ अधिकारियों के 4 और कानूनी सहायकों के 25 पद भरे जाएंगे।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस फ़ैसले से परख काल के पहले तीन साल सरकारी खज़ाने पर 42 करोड़ रुपए का सालाना वित्तीय बोझ पड़ेगा। हालाँकि, परख काल का समय पूरा हो जाने के उपरांत मुलाजि़मों को पूरा स्केल मिलेगा जिससे खज़ाने पर सालाना 197 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा।बताने योग्य है कि प्रिंसिपल, हैड्डमास्टरों और बी.पी.ई.ओज़ को छोडक़र सभी पदों को डायरैक्टोरेट ऑफ रिकरूटमैंट के द्वारा भरा जायेगा।
इस डायरैक्टोरेट की स्थापना 12 अक्तूबर, 2015 को की गई थी। प्रिंसिपल, हैड्डमास्टरों और बी.पी.ई.ओज़ की भर्ती पंजाब लोक सेवा आयोग के द्वारा की जायेगी।इसी तरह क्लर्कों की सेवाओं का प्रयोग बेहतर ढंग से करने के लिए विभाग द्वारा क्लर्कों की रैशनलाईजेशन करने की कार्यविधी का प्रस्ताव रखा गया जिससे दफ़्तरी कामकाज को और ज्य़ादा जल्दी और कुशलता से निपटाया जा सके।