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मंत्रीमंडल ने विधान सभा का दो-दिवसीय विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को अधिकृत किया

मंत्रीमंडल ने विधान सभा का दो-दिवसीय विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को अधिकृत किया
  • PublishedJanuary 14, 2020

सत्र के समय में तबदीली को भी मंजूरी

126वें संवैधानिक संशोधन की पुष्टि करने के लिए प्रस्ताव लाने और वस्तुएँ और सेवाएं एक्ट को कानूनी रूप देने को हरी झंडी

चंडीगढ़, 14 जनवरी:पंजाब मंत्रीमंडल ने आज राज्य की विधान सभा का दो-दिवसीय विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर को अधिकृत किया है। इसके साथ ही मंत्रीमंडल ने संविधान की 126वें संशोधन की पुष्टि करने का प्रस्ताव लाने और वस्तुएँ और सेवाएं एक्ट को कानूनी रूप देने के लिए मंजूरी दे दी है।एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने भारतीय संविधान की धारा 174(1) के अंतर्गत 15वीं विधान सभा का 10वां सत्र 16 और 17 जनवरी, 2020 को बुलाने के लिए राज्यपाल को सिफ़ारिश करने का फ़ैसला किया है।

मंत्रीमंडल द्वारा सत्र की शुरुआत का समय भी बदलने का फ़ैसला भी लिया गया।प्रवक्ता ने बताया कि यह सत्र 16 जनवरी को अब प्रात:काल 11 बजे राज्यपाल के भाषण के साथ शुरू होगा जबकि इससे पहले यह समय प्रात:काल 10 बजे निर्धारित था। 17 जनवरी को प्रात:काल 10 बजे दिवंगत शख्सियतों को श्रद्धांजलियां दी जाएंगी और इसके बाद संविधान (126वें संशोधन) बिल-2019 की पुष्टि के लिए प्रस्ताव पेश किया जायेगा।प्रवक्ता ने बताया कि इसी दिन ही प्रस्तावित वैधानिक कामकाज के बाद सदन अनिश्चित समय के लिए उठ जायेगा।

126वें संवैधानिक संशोधन बिल-2019 के द्वारा पंजाब में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण 25 जनवरी, 2020 से और 10 सालों के लिए बढ़ जायेगा। यह जि़क्रयोग्य है कि 126वां संशोधन बिल लोकसभा द्वारा तारीख़ 10 दिसंबर, 2019 और राज्यसभा द्वारा तारीख़ 12 दिसंबर, 2019 को पास किया गया था।बताने योग्य है कि भारत के संविधान की धारा 334, लोकसभा और विधानसभा में अनुसूचित जातियों/अनुसूचित कबीलों के लिए सीटों का आरक्षण और एंग्लो इंडियन की विशेष नुमायंदगी मुहैया करवाती है। शुरू में यह आरक्षण वर्ष 1960 में ख़त्म हो जाना था परंतु संविधान की 8वें संशोधन के द्वारा यह आरक्षण साल 1970 तक बढ़ा दिया गया था।

इसके बाद संविधान के 23वें और 45वें संशोधन के द्वारा आरक्षण क्रमवार 1980 और 1990 तक बढ़ाया गया था।संविधान के 62वें संशोधन के द्वारा आरक्षण साल 2000 तक बढ़ा दिया गया था। इसके उपरांत संविधान की 79वें और 95वें संशोधन के द्वारा आरक्षण क्रमवार 2010 और 2020 तक बढ़ाया गया। आरक्षण और विशेष नुमायंदगी के लिए 95वें संशोधन के द्वारा 10 सालों की गई वृद्धि 25 जनवरी, 2020 को ख़त्म हो जानी है।इसी दौरान मंत्रीमंडल ने पंजाब वस्तुएँ और सेवाएं कर (संशोधन) ऑर्डीनैंस-2019 को कानूनी रूप देने के लिए मंजूरी दे दी है जिस सम्बन्धी बिल संविधान की धारा 213 की क्लॉज 2 के अंतर्गत पेश किया जायेगा।

यह ऑर्डीनैंस 31 दिसंबर, 2019 को जारी किया गया था। जी.एस.टी. एक्ट-2017 में कुछ संशोधन करने के लिए यह ऑर्डीनैंस लाया गया था जिससे करदाताओं को सुविधा देने के साथ-साथ कारोबार को आसान और प्रोत्साहित किया जा सके।प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रीमंडल ने नागरिक उड्डयन विभाग की साल 2018-19 की सालाना प्रशासकीय रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी है।

Written By
The Punjab Wire