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कांग्रेस सरकार छठे वेतन आयोग के नाम पर कर्मचारियों के साथ की गई धोखाधड़ी पर चर्चा करने के लिए विशेष विधानसभा सत्र बुलाए: शिअद

कांग्रेस सरकार छठे वेतन आयोग के नाम पर कर्मचारियों के साथ की गई धोखाधड़ी पर चर्चा करने के लिए विशेष विधानसभा सत्र बुलाए: शिअद
  • PublishedJune 23, 2021

मुख्यमंत्री वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को बर्खास्त करें, कहा कि उन्होने कर्मचारी विरोधी दृष्टिकोण के कारण कर्मचारियों का विश्वास खो दिया: मजीठिया

एनपीए तथा एचआरए सहित घटाए गए सभी भत्तों को बहाल करने की मांग की

कहा कि कर्मचारियों का बकाया पांच साल के बजाय, एक बार में ही पूरी तरह जारी किया जाना चाहिए

चंडीगढ़/23जून: शिरोमणी अकाली दल ने आज कांग्रेस सरकार से कहा है कि वह राज्य सरकार से कर्मचायिों को छठे वेतन आयोग के नाम पर की गई धोखाधड़ी के बारे तुंरत विधानसभा का सैशन बुलाए, क्योंकि कर्मचारी संघो द्वारा बताए गए अन्याय के सभी मामलों को एक महीने के भीतर ही पूरा किया जाना चाहिए।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए वरिष्ठ अकाली नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को बताना चाहिए कि विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों के भत्तों को पूरी तरह से क्यों रोक दिया गया तथा नई भर्तियों पर केंद्रीय वेतन आयोग लागू करके पंजाब सरकार ने कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियां क्यों बनाई । ‘ मुख्यमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि पांच साल पहले नियमित करने के लिए जिन हजारों ठेके पर रखे कर्मचारियों को उन्होने नियमित करने का वादा किया था, उन्हे नियमित क्यों नही किया है’।

सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। ‘ राज्य भर के कर्मचारियों ने सरकारी कार्यालयों में काम न कर हड़ताल कर वित्तमंत्री पर भरोसा करने से इंकार कर दिया है’। उन्होने कहा कि आने वाले दिनों में कर्मचारी महासंघो द्वारा एक सप्ताह तक चलने वाले आंदोलन की योजना की घोषणा के साथ ही आंदोलन तेज होने की उम्मीद है। सरकारी कामकाज पहले ही आंशिक रूप से रूक गया है। कर्मचारियों को इस बात पर कोई विश्वास नही है कि सरदार मनप्रीत बादल अपने कर्मचारी विरोधी रवैये के कारण उनकी शिकायतों का निवारण करेंगे। इसीलिए मुख्यमंत्री को वित्तमंत्री को तत्काल बर्खास्त करना चाहिए ताकि कर्मचारियों के साथ बातचीत दोबारा शुरू की जा सके।

वरिष्ठ अकाली नेता ने छठे वेतन आयोग द्वारा की गई सिफारिशों की जांच कराने कराने की मांग की। उन्होने कहा कि ‘ ऐसा लगता है कि न केवल कर्मचारियों को बल्कि सरकार को वेतन आयोग की रिपोर्ट के रूप में धोखा दिया गया है, जिसे कर्मचारियों को बोजान्जा के रूप में बेचा जा रहा है, जबकि वास्तव में उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है’। सरदार मजीठिया ने यह भी मांग की कि डाॅक्टरों के नाॅन प्रेक्सिटीसिंग भत्तों (एनपीए) को पूरी तरह से बहाल किया जाना चाहिए। उन्होने यह भी मांग की कि जिन अन्य भत्तों में बहुत बुरी तरह से कटौती की गई है, उनमें मकान का किराया भत्ता (एचआरए) तथा ग्रामीण क्षेत्र का भत्ता शामिल है, को बहाल किया जाना चाहिए। उन्होने वाहन भत्ता समाप्त करने की भी निंदा करते हुए कहा कि इसे भी तुरंत बहाल किया जाना चाहिए ।

सरदार मजीठिया ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्ववर्ती शिरोमणी अकाली दल के नेतृत्व वाली सरकार ने कर्मचारियों को दिए गए लाभों को भी वापिस लिया जा रहा है, तथा जिन कर्मचारियों को पूर्ववर्ती शिरोमणी अकाली दल की सरकार द्वारा लाभ दिया गया था, उनमें कटौती की जा रही है। उन्होने अगले पांच साल में कर्मचारियों की बकाया राशि को भी जारी न करने के फैसले की निंदा की। उन्होने सरकार से कर्मचारियों को 13,500 रूपये का बकाया तुरंत जारी करने की मांग करते हुए कहा कि कर्मचारी साढ़े चार साल पहले से ही इन बकायों का इंतजार कर रहे थे।

इस बात पर जोर देते हुए शिरोमणी अकाली दल प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कर्मचारियों के साथ किए जा रहे भेदभाव का मुददा उठाते रहे हैं। सरदार मजीठिया ने कहा कि हम कांग्रेस सरकार से तत्काल सैशन बुलाने तथा पंजाबियों को यह बताने की मांग करते हुए कहा कि उनके परिवारों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। उन्होने यह भी घोषणा की कि यदि उनकी शिकायतों का एक महीने के भीतर समाधान नही किया गया तो कर्मचारियों के लिए न्याय सुनिश्चित कराने के लिए अकाली दल आंदोलन शुरू करेगा।

Written By
The Punjab Wire