पैसे वापिस करने के लिए पाबंध होगे अस्पताल, दोषी पाए जाने पर होगी कानूनी कारवाई -डीसी इश्फाक
गुरदासपुर, 19 मई (मनन सैनी)। जिले के निजी अस्पतालों जो ओवर चार्ज कर रहे है उनकी खैर आने वाले समय में नही दिख रही क्योंकि इस संबंधी गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इश्फाक ने खुद संज्ञान लिया है। इससे पहले वह जिले में स्कैनिंग सेंटरों में हो रही लूट पर भी कारवाई कर चुके है तथा एक स्कैन सैंटर को अगले आदेशों तक बंद करने के निर्देश जारी कर चुके है। लोगों की शिकायत को संजीदा लेते हुए अपने लाईव सैशन के दौरान डीसी ने साफ साफ निजी अस्पताल जोकि मरीजों को इस आफत की घड़ी में लुट का शिकार बना कर रहे है पर अपनी मंशा जाहिर की। उन्होने साफ शब्दों में कहा कि ओवर चार्ज करने वालों की जांच होगी और ओवर चार्ज करने वाले अस्पताल पैसे वापिस करने पर पांबध होगे एवं उन पर कानूनी कारवाई भी अमल में लाई जा सकती है। गौर रहे कि जिला गुरदासपुर में कोई लेवल-3 जिसमें कोविड़-19 के मरीज को वैंटीलेटर पर रखा जाए ऐसी सुविधा नहीं है।
जिले के लोगों को लाईव अपडेट देते हुए डीसी मोहम्मद इश्फाक ने कहा कि कई निजी अस्पतालों के रिकार्ड चेक किए जा रहे है। जिसमें कुछ खामियां भी पाई गई है। उन्होनें आम लोगों से सूचना मांगते हुए कहा गया कि जो सीटी स्कैन सैंटर एचआर -सीटी चैस्ट के दो हजार से उपर चार्ज करता है उनकी सूचना प्रशासन को दी जाए। इसी तरह ओवर चार्ज करने वालों अस्पतालों संबंधी भी प्रशासन को सूचित किया जाए। हालाकि उनकी ओर से लोगो की ओर से शिकायत मिलने के बाद कुछ अस्पतालों के रिकार्ड चेक करवाए जा रहे है।
लोगों को विस्तार से जानकारी देते हुए डीसी ने कहा कि निजी अस्पताल जो खासकर गुरदासपुर में है जिसमें दो कैटेगरी है एक जिनके पास मान्यता है और दूसरा जिनके पास मान्यता नहीं है। इस संबंधी अस्पतालों की कैटेगरी सरकार ने पहले ही निर्धारित की है। मान्यता वाले अस्पताल प्रतिदिन मरीज से नौं हजार रुपए प्रतिदिन चार्ज कर सकते है जिसमें सारे खर्च शामिल है। जिसमें मरीज की दवाओं का खर्च, टैस्टों का खर्च एवं ऑक्सीजन का खर्च, डाक्टर की विजिट का खर्च, बैड़ का खर्च शामिल किया गया है। सीधे शब्दों में उन्होनें बताया कि अस्पताल नौं हजार से ज्यादा चार्ज नही कर सकता और इसी नौं हजार में जीएसटी भी शामिल है। जिन अस्पतालों की मान्यता नहीं हुई है उनका खर्च इससे भी कम है तथा वह प्रतिदिन आठ हजार रुपए चार्ज कर सकते है। उन्होने कहा कि अगर किसी कोविड़ मरीज से किसी निजी अस्पताल प्रंबधन ने पैसे ज्यादा लिए है तो उनके पैसे वापिस दिलवाए जाएगें।
डीसी ने बताया कि उनकी ओर से आज एक अस्पताल का रिकार्ड चेक किया गया है और पाया गया है कि उन्होने अस्पताल का बिल अलग बनाया है और दवाओं का बिल अलग बनाया है। यह गलत प्रक्टिस है। बिल में दवाओं का खर्च, टैस्ट का खर्च,मास्क इत्यादि और यहां तक कि मरीज के खाने का प्रबंध भी इसी के बीच डाला जाना है। इस संबंधी अस्पताल के खिलाफ जांच भी की जाएगी और खामी पाए जाने पर कानूनी कारवाई भी होगी।
डीसी ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से इस संबंधी विशेश हिदायते जारी की गई है और इस संबंधी कारवाई भी हो रही है। स्कैनिंग सैंटरों की भी विशेश तौर पर चेकिंग की जा रही है। डीसी ने साफ शब्दों में कहा कि इस महामारी के दौरान किसी भी समाज विरोधी तत्व को लोगों के साथ लूटपात करने नही दी जाएगी।