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मनदीप जैसे जांबाजों की शौर्य गाथाएं युवा पीढ़ी में भरती हैं राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा:कुंवर विक्की

मनदीप जैसे जांबाजों की शौर्य गाथाएं युवा पीढ़ी में भरती हैं राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा:कुंवर विक्की
  • PublishedMay 12, 2021

तीसरी बरसी पर नम आंखों से स्मरण किए गए मनदीप

गुरदासपुर , 12 मई (मनन सैनी)। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा सैक्टर में आंतकियों से लड़ते हुए शहादत का जाम पीने वाले सी.आर.पी.एफ की 182 बटालियन के कांस्टेबल मनदीप कुमार का तीसरा श्रद्घांजलि समारोह कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए पुलवामा हमले के शहीद कांस्टेबल मनिन्द्र सिंह के पिता सतपाल अत्री की अध्यक्षता में उनके निवास स्थान गांव खुदादपुर में आयोजित हुआ। जिसमें शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद की माता कुंती देवी, पिता नानक चंद, शहीद सिपाही जतिन्द्र कुमार के पिता राजेश कुमार आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्घासुमन अर्पित किये। सर्वप्रथम शहीद की माता कुंती देवी ने शहीद बेटे मनदीप कुमार के चित्र के समक्ष ज्योति प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का आगाज किया।

श्रद्घांजलि समारोह को संबोधित करते हुए कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की ने कहा कि शहीद कांस्टेबल मनदीप सिंह जैसे जांबाजों के अमिट बलिदानों की बदौलत ही देश की सरहदें महफूज हंै तथा इनकी शौर्य गाथाएं देश की भावी पीढ़ी में राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा पैदा करती हैं। उन्होंने कहा कि जब तक मनदीप जैसे बहादुर सैनिक सीमा पर तैनात हंै, कोई भी दुश्मन हमारे देश की एकता व अखंडता को भंग करने की हिमाकत नहीं कर सकता।

मरणोपरांत राष्ट्रपति ने किया था पुलिस वीरता पदक से सम्मानित:
कुंवर रविन्द्र विक्की ने कहा कि मनदीप अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था, घर पर मां उसकी शादी के सपने संजो रही थी, मगर मनदीप ने बहादुरी से पाक प्रशिक्षित आतंकियों का मुकाबला करते हुए सीने पर गोली खाकर अपना सैन्य धर्म निभा कर वीरगति को दुल्हन के रूप में गले लगा लिया। मनदीप के शौर्य व अदम्य साहस को देखते हुए देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इन्हें मरणोपरांत पुलिस वीरता पदक से सम्मानित कर इनकी शहादत को नमन किया।

असहनीय होता है शहादत का दर्द:सतपाल अत्री
पुलवामा हमले के शहीद कांस्टेबल मनिन्द्र सिंह के पिता सतपाल अत्री ने कहा कि शहादत का दर्द असहनीय होता है तथा जिस घर का चिराग वतन पर कुर्बान हो जाता है, वो परिवार जिंदा लाश बनकर रह जाता है। उन्होंने कहा कि शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद ने जिस तरह इन शहीद परिवारों को संभालते हुए इन्हें पैरों पर खड़ा किया है, इससे इन परिवारों का मनोबल ऊंचा हुआ है। इस अवसर पर परिषद की ओर से शहीद मनदीप के माता-पिता को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर पूर्व सरपंच सोहन सिंह, प्यारा सिंह, मनजीत सिंह, ओंकार सिंह आदि उपस्थित थे।

Written By
The Punjab Wire