कोऑप्रेटिव सोसायटियों को घोटाला मुक्त बनाने के लिए सभी सोसायटियों का कम्प्यूटरीकरण किया जायेगा: रंधावा
सरहदी क्षेत्र की सोसायटियों से की जायेगी प्रीक्रिया की शुरूआत
रिकवरी प्रीक्रिया को और चुस्त-दुरुस्त बनाया जाएबड़ी कंपनियों के साथ समझौता करके सोसायटियों के द्वारा इनके बिक्री केंद्र खोले जाने का लिया फैसला
चंडीगढ़, 3 जनवरी:पंजाब के ग्रामीण अर्थचारे की रीढ़ की हड्डी के तौर पर जानी जाती कोऑपरेटिव सोसायटियों को घोटाला मुक्त बनाने के लिए सभी सोसायटियों का कम्प्यूटरीकरण किया जायेगा, जिसकी शुरुआत सरहदी क्षेत्र के गाँवों की सोसायटियों से की जायेगी। यह खुलासा सहकारिता और जेल मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने शुक्रवार को यहाँ मार्कफैड्ड के दफ़्तर में विभिन्न सीनियर अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए किया।
मीटिंग को संबोधन करते हुए स. रंधावा ने कहा कि सोसायटियों का सारा कामकाज ऑनलाइन होने से जहाँ सोसायटियों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आयेगी वहीं इनमें होते गबनों और घपलों को भी रोका जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इस कार्य की शुरुआत सरहदी क्षेत्र के गाँवों की सोसायटियों से की जायेगी। शुरुआती पड़ाव में तरन तारन, अजनाला, राजासांसी, बाबा बकाला, बटाला, डेरा बाबा नानक के गाँवों की सोसायटियों में कम्प्यूटरीकरण की प्रीक्रिया को आरंभ किया जायेगा और इस कार्य को जल्द पूरा करने के लिए टैंडरिंग की जा रही है।
कैबिनेट मंत्री ने मीटिंग के दौरान सहकारी बैंकों और संस्थायों द्वारा की जाती रिकवरी का भी जायज़ा लिया और रिकवरी में बढिय़ा प्रदर्शन करने वाली संगरूर, लुधियाना, मानसा और मोगा की सोसायटियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि रिकवरी की प्रीक्रिया को और चुस्त-दुरुस्त बनाया जाये और कोऑपरेटिव बैंकों और सोसायटियों का कजऱ् न उतारने वाले चोटी के 15 डिफॉल्टरों पर कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाये।
मीटिंग में वॉलमार्ट और बैस्ट प्राईज़ जैसी बड़ी कंपनियों के साथ समझौता करके गाँवों की सहकारी सोसायटियों के द्वारा इनके बिक्री केंद्र खोले जाने का फ़ैसला भी लिया गया। कैबिनेट मंत्री स. रंधावा ने कहा कि इसके ज़रिये प्राप्त कमीशन के द्वारा जहाँ सोसायटियों की आय में विस्तार होगा वहीं इनकी आर्थिकता और मज़बूत होगी और इसका सीधा लाभ किसान भाईचारे को मिलेगा जो अपनी किसानी के साथ ज़रूरतों के लिए काफ़ी हद तक सहकारी सोसायटियों पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि सहकारी सोसायटियों की कारगुज़ारी को और बेहतर बनाने के लिए सोसायटियों के प्रधानों और सचिवों के साथ डिविजऩ स्तर पर मीटिंगें की जाएंगी जिनमें उनको अपने कामकाज के दौरान पेश आती मुश्किलों को पहचानकर उनका हल निकालने की कोशिश की जायेगी जिससे किसानी को सहारा देने वाली इन सोसायटियों को और प्रफुल्लित किया जा सके।इस मौके पर उपस्थित अन्य आदरणीयों में अतिरिक्त मुख्य सचिव सहकारिता श्रीमती कल्पना मित्तल बरुआ, सचिव कृषि श्री काहन सिंह पन्नू, रजिस्ट्रार सहकारी सोसायटियां श्री विकास गर्ग, मार्कफैड्ड के एम. डी. श्री वरुण रूज़म, श्री चरनदेव सिंह मान समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।