मंत्री तृप्त बाजवा का कहना दोबारा विचार करें फैसला, नैशनल एमरजैंसी में इंसानियत के लिए करें काम, सरकार तथा वह स्वयं उनके साथ
मनन सैनी
गुरदासपुर, 25 अप्रैल । पंजाब राज्य हैल्थ एमरजैंसी की ओर बढ़ चला है, जिससे आने वाले दिनों में स्वास्थ्य विभाग का काम बेहद प्रभावित होने की आंशका है। जिसका मुख्य कारण पिछले करीब एक साल से कोविड़ के टैस्टिंग से लेकर आईसोलेशन का काम संभाल रहे रुरल मेडिकल अफसरों की ओर से रविवार को अपनी मांगों को लेकर कोविड़ ड्यूटी का बायका्ॅट कर दिया है। वहीं 27 अप्रैल से अपनी मांगों को लेकर नैश्नल रुरल हैल्थ मिशन की ओर से भी 27 से एक दिन की हड़ताल का ऐलान किया गया है। हालाकि इस संबंधी पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा का कहना है कि सरकार हैल्थ वर्करों के साथ है तथा उनकी मांगे जल्द मान ली जाएगी। इसलिए उन्होने नैशनल एमरजैंसी के हालतों को मुख्य रखते हुए अपने फैसले दोबारा विचार करना चाहिए।
गौर रहे कि जिला परिषद के बैनर तले देहात डिस्पेंसरी में सेवाएं मुहैया करवा रहे रूरल मेडिकल अफसरों (आरएमओ) ने मांगे न पूरी होने पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने रविवार से कोविड़-19 ड्यूटी का बायकाट कर दिया है।
उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा से भी मुलाकात की। मंत्री बाजवा की ओर से मिले आश्वासन के बाद उन्होंने विकास भवन मोहाली में दिया जाने वाला धरना रद्द कर दिया है, लेकिन कोविड ड्यूटी का बायकाट निरंतर कर गांव की डिस्पेंसरी में काम किया जाएगा। पंजाब प्रधान डॉ. जेपी नरूला और डॉ. जगजीत सिंह बाजवा ने बताया कि जिला परिषद के बैनर तले 2006 में राज्य में 1186 ग्रामीण डिस्पेंसरियों में ठेके पर सेवाएं शुरू की थी। 2011 में राज्य सरकार ने उनकी सेवाएं रेगुलर कर दी थी। 2015 में डायनामिक एश्योरडस कैरियर प्रोग्रेशन स्कीम (डीएसीपी) के लिए
योग्य हो गए। पिछले छह साल से डाक्टर इस मांग को लेकर विभाग के आला अधिकारियों व मंत्री से गुहार लगा चुके हैं। सभी ने आश्वासन दिया परंतु नतीजे शून्य रहे। मजबूर होकर उन्हें कोविड ड्यूटी का बायकॉट करना पड़ा। इस
मौके पर जिला प्रधान डॉ. भूपिंदर पाल सिंह, डॉ. अमित, डॉ. गौतम, डॉ. गुरप्रीत कौर मौजूद थे।
वहीं नैशनल रुरल हैल्थ मिशन इंप्लाईज एसोसिएसन के पंजाब प्रधान डॉ इंद्रजीत सिंह राणा की ओर से बताया गया कि उनकी ओर से 27 अप्रैल को काम काज पूर्ण तौर पर बंद कर किया जाएगा। उन्होने कहा कि उन्हे स्वस्थ्य विभाग के मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू की ओर से अप्रैल 2020 में आश्वसान दिया गया था कि उन्हे रैगूलर किया जाएगा परन्तु इस संबंधी कोई कदम नही उठाया गया।
हालाकि इस संबंधी स्वस्थ्य मंत्री बलबीर सिद्दू से बातचीत नही हो पाई, परन्तु ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के मंत्री तृप्त बाजवा ने कहा कि उन्हे रुरल मेडिकल अफसरों सुबह मिल कर गए थे। उनकी ओर से यह आश्वासन दिया गया था कि कोविड़ का काम प्रभावित नही होगा। उनकी ओर से कुछ दिन का समय मांगा गया है, परन्तु अगर वह कोविड़ के काम का बायकॉट करते है तो वह उनसे फैसले पर दोबारा विचार करें। वह स्वंय तथा सरकार उनके साथ है परन्तु इस आपातकाल में ऐसा करना मुनासिब नहीं। इसलिए उन्हे इंसानियत के नाते कुछ दिन इंतजार करना चाहिए तथा कोविड़ के कामकाज को जारी रखना चाहिए।