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कैप्टन सरकार को सीएए कानून हर हाल में पंजाब में लागू करना पड़ेगा : अविनाश राय खन्ना

कैप्टन सरकार को सीएए कानून हर हाल में पंजाब में लागू करना पड़ेगा : अविनाश राय खन्ना
  • PublishedJanuary 3, 2020

अमृतसर: 3 जनवरी । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजस्थान, गोवा व जम्मू-कश्मीर के प्रभारी, पूर्व सांसद व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अविनाश राय खन्ना केंद्र सरकार द्वारा देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू किये जाने के बाद पाकिस्तान में उत्पीड़न के चलते पाक छोड़ कर अमृतसर में शरण लिए हुए सैकड़ों पीड़ित परिवारों से विशेष रूप से मिलने के लिए अमृतसर पहुंचे । इस मौके पर खन्ना ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा प्रदेश में इस नागरिकता संशोधन कानून को लागू न किया जाना असवैधानिक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कैप्टन अमरिंदर सिंह की कांग्रेस सरकार को यह कानून हर हाल में पंजाब में लागू करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अमृतसर में बसे विस्थापितों को अमृतसर में ही नागरिकता दिलवाने का प्रयास किया जायेगा।

इस मौके पर खन्ना ने कहा कि भारत के साथ लगते मुस्लिम देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बंगला देश में हिन्दु समुदाय (हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख) का उत्पीडन, शोषण, जबरन धर्म-परिवर्तन, सामूहिक नरसहांर, गुलाम बनाने तथा उनके धर्मस्थलो, शिक्षण-स्थलों का विनाश जैसे कई मामले हर रोज समाने आते रहते हैं। इन देशों से पीड़ित परिवार भारत में दशकों से शरण लिए हुए है, लेकिन उन्हें भारत की नागरिकता हासिल नही हुई है । सरकार ने नागरिकता संशोधन जो कानून पास किया है, उसमें भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार कुछ प्रावधानों के अंतर्गत भारत की नागरिकता ली जा सकती है ।

खन्ना ने बताया कि इस अधिनियम में वर्ष 2019 से पहले पाँच बार संशोधन (वर्ष 1986, 1992, 2003, 2005 और 2015) में किया जा चुका है । उन्होंने बताया कि यह अधिनियम भारत में एकल नागरिकता का प्रावधान करता है, यानी भारत का नागरिक किसी और देश का नागरिक नहीं हो सकता।

खन्ना ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार 1 जुलाई 1987 के बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक है।यदि उसके जन्म के समय उसके माता या पिता (दोनों में से कोई एक) भारत के नागरिक थे । इस प्रावधान के अंतर्गत एक शर्त ये है कि व्यक्ति का जन्म अगर भारत के बाहर हुआ हो तो उसके जन्म के समय उसके माता या पिता में से कोई एक भारत का नागरिक होना चाहिए दूसरी शर्त यह है कि विदेश में जन्मे उस बच्चे का पंजीकरण भारतीय दूतावास में एक वर्ष के भीतर कराना अनिवार्य है। अगर वो ऐसा नहीं करते तो उस परिवार को अलग से भारत सरकार की अनुमति लेनी होगी। इस प्रावधान में माँ की नागरिकता के आधार पर विदेश में जन्म लेने वाले व्यक्ति को नागरिकता देने का प्रावधान नागरिकता संशोधन अधिनियम 1992 के ज़रिए किया गया था।

अविनाश राय खन्ना ने कहा कि नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ कांग्रेस की ओर से मस्लिम समुदाय के युवा वर्ग व कुछ जगहों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने कांग्रेसियों व प्रदर्शन करने वालों को इस कानून को ध्यान से पड़ने की नसीहत दी। उन्होंने विरोध कर रहे सभी लोगों से शांति की अपील करते हुए कहाकि इस कानून में दशकों पहले से भारत में रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों की नागरिकता को कोई खतरा नहीं है।

इस अवसर पर पीड़ित परिवारों ने नागरिकता संशोधन कानून में बदलाव करने व इसे देश भर में लागू करने के लिए मोदी सरकार व अविनाश राय खन्ना का धन्यवाद किया। इस अवसर पर पूर्व स्वस्थ्य मंत्री डॉ. बलदेव शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता राजेश हनी, जिला भाजपा अध्यक्ष सुरेश महाजन, जहाजगढ़ कबाड़ी एसोसिएशन के प्रधान संतोख सिंह, वरुण महाजन, मन्नू ग्रोवर, वरिंदर सिंह भी उपस्थित थे। इस अवसर पर विस्थापितों ने प्रधानमन्त्री नरेंदर मोदी व केन्द्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह के नाम हस्ताक्षर किया हुआ धन्यवाद बैनर अविनाश राय खन्ना के हाथों दिल्ली भेजा गया।

Written By
The Punjab Wire