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मुख्य मंत्री द्वारा अबोहर से भाजपा विधायक पर हमले की निंदा, राज्य की शान्ति भंग करने वालों के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की चेतावनी

मुख्य मंत्री द्वारा अबोहर से भाजपा विधायक पर हमले की निंदा, राज्य की शान्ति भंग करने वालों के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की चेतावनी
  • PublishedMarch 27, 2021

प्रधानमंत्री को ऐसी घटनाओं को होने से रोकने के लिए किसान संकट के जल्द हल के लिए दख़ल देने की अपील

चंडीगढ़, 27 मार्च: केंद्रीय कृषि कानूनों के खि़लाफ़ रोष प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा कथित तौर पर अबोहर से भाजपा विधायक अरुण नारंग पर किए गए हमले की पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सख़्त निंदा करते हुए शनिवार को कहा कि जो भी कानून अपने हाथों में लेकर राज्य की शान्ति भंग करने की कोशिश करेगा उसके खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की जाएगी। किसानों को ऐसी हिंसक घटनाओं में न पडऩे की अपील करने के साथ-साथ मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की गई कि वह ऐसी घटनाओं को होने से रोकने के लिए कृषि कानूनों के कारण पैदा हुए संकट का जल्द हल करें।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता को भी कानून के अंतर्गत दोषियों के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए, जो विधायक को बचाने की कोशिश करने वाले पुलिस मुलाजि़मों के साथ भी भिड़ गए। जि़क्रयोग्य है कि गुरमेल सिंह पी.पी.एस, एस.पी. हैडक्वारटजऱ् फरीदकोट, प्रदर्शनकारी भीड़ से विधायक को बचाने और बाहर निकालने की कोशिश के दौरान ज़ख़्मी हो गए। उनके सिर पर लाठी भी लगी जिस कारण उनकी पगड़ी उतर गई। उनको मलोट के सिविल अस्पताल में दाखि़ल करवाया गया, जहाँ यह घटना घटी। डी.जी.पी. ने कहा कि विधायकों और पुलिस अधिकारियों पर हमला करने वाले संदिग्ध व्यक्तियों के खि़लाफ़ आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय भाजपा नेताओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और इसके आधार पर कानून की उचित धाराएं लगाई जाएंगी।

केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार और पिछले चार महीनों से अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे किसानों में तनाव बढऩे के कारण आज पंजाब के विभिन्न हिस्सों से भाजपा नेताओं के विरुद्ध रोष प्रदर्शन की कई घटनाएँ रिपोर्ट की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करना किसानों का लोकतांत्रिक हक है, परन्तु किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और राज्य में अमन-कानून की स्थिति को किसी भी कीमत पर भंग करने की आज्ञा नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक पर हुए हमले को रोकते हुए भाजपा के अन्य नेताओं को प्रदर्शन वाले स्थानों से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। किसानों और केंद्र के दरमियान बनी तनावपूर्ण स्थिति के हल के लिए प्रधानमंत्री के तुरंत दख़ल की माँग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की किसी भी तरह की देरी आंदोलनकारी किसानों में और बेचैनी पैदा करेगी

उन्होंने चेतावनी दी कि सरहद पार से पाकिस्तान सहायता प्राप्त आतंकवादी संगठनों, जो पहले ही स्थिति का फ़ायदा उठाने की ताक में रहते हैं, से बढ़ रहे खतरे से पंजाब और देश की सुरक्षा को बड़ा ख़तरा हो सकता है। उन्होंने फिर दोहराया कि केंद्र सरकार को अपना अडिय़ल रवैया छोडक़र कृषि कानूनों को तुरंत रद्द करना चाहिए और किसानों के साथ विचार-विमर्श करके उनकी जानकारी और फीडबैक के आधार पर नए कानून तैयार करने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान पिछले 4 महीनों से कृषि कानूनों के खि़लाफ़ सडक़ों पर हैं और केंद्र सरकार द्वारा पीछे हटने के कोई संकेत न मिलने पर किसानों में रोष बढ़ता जा रहा था।

पंजाब भाजपा के नेताओं द्वारा इस मुद्दे पर उनके इस्तीफे की की जा रही माँग पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की घटना पर राजनीतिक रोटियाँ सेकने की कोशिश करने की बजाय उनको केंद्रीय लीडरशिप पर विवादित कृषि कानून वापस लेने के लिए दबाव डालना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब के भाजपा नेताओं को भाजपा की केंद्रीय लीडरशिप को किसानों में पैदा हुए असली गुस्से से अवगत करवाना चाहिए, जिसको भारत सरकार पंजाब में कांग्रेस का हथकंडा कहकर हकीकत पर पर्दा डाल रही है।

Written By
The Punjab Wire