चंडीगढ़, 12 मार्च: पंजाब में वाहनों पर टैक्स बढ़ाने की फिलहाल सरकार का कोई प्रस्ताव नहीं है और जो दरें 12 फरवरी, 2021 को एक नोटिफिकेशन के द्वारा जारी की गई थीं, राज्य में वही लागू हैं।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बुधवार को पंजाब विधान सभा में एक बिल ‘द पंजाब मोटर व्हीकल टैक्सेशन (संशोधन) बिल, 2021’ पास किया गया है, जिसके अनुसार पंजाब सरकार अब अपने स्तर पर फ़ीसें बढ़ा या घटा सकती है और इस मकसद के लिए विधान सभा में बिल लाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
इस बिल के अनुसार फ़ीसें बढ़ाने की अधिक से अधिक दर तय कर दी गई है, जिसका जि़क्र उस बिल में किया गया है, न कि यह फीस लागू की गई है। इस सम्बन्धी स्पष्टीकरण देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि मौजूदा समय में निजी वाहनों की कीमत के हिसाब से टैक्स दर 7 से 11 प्रतिशत है और इसमें कोई वृद्धि न तो किया गया है और न ही कोई प्रस्ताव है। 12 फरवरी, 2021 के नोटिफिकेशन के अनुसार यदि किसी निजी मोटर साइकिल की कीमत एक लाख रुपए से कम है तो इस पर 7 प्रतिशत टैक्स और कीमत एक लाख से ज़्यादा होने पर 9 प्रतिशत टैक्स लिया जा रहा है। इसी प्रकार निजी कार जिसकी कीमत 15 लाख रुपए तक है, के लिए 9 प्रतिशत टैक्स और 15 लाख रुपए से ज़्यादा कीमत की निजी कार पर 11 प्रतिशत टैक्स लिया जा रहा है। इन दरों में किसी प्रकार की कोई वृद्धि न तो की गई है न ही प्रस्ताव है।
सोशल मीडिया पर जो सूचनाएँ टैक्स बढ़ाने की फैलाई जा रही हैं वह तत्यों पर आधारित नहीं हैं। बिल की गलत व्याख्या से लोगों में भ्रम पैदा किया जा रहा है। बिल का हवाला देकर जो कहा जा रहा है कि निजी वाहनों पर टैक्स बढ़ा कर 20 प्रतिशत कर दिया गया है, वह सिफऱ् ‘फ़ीसें बढ़ाने की अधिक से अधिक दर’ है न कि इसको लागू किया गया है। इस बिल के मुताबिक पंजाब सरकार अपने स्तर पर (यदि वह चाहे तो) विधान सभा में बिना बिल लाए एक सीमा तक (जिसका विस्तार बिल में दिया गया है) फीस बढ़ा या घटा सकती है।
जैसे कि ग़ैर ट्रांसपोर्ट वाहनों (निजी कारों, मोटरसाईकिल) पर अधिक से अधिक 20 प्रतिशत तक टैक्स ले सकती है परन्तु मौजूदा समय में यह फीस 12 फरवरी, 2021 के नोटिफिकेशन के अनुसार ही लिए जा रहे हैं। बिल का मकसद सिफऱ् इतना है कि भविष्य में यदि सरकार चाहे तो योग्य अथॉरिटी से आज्ञा लेकर अपने स्तर पर नोटिफिकेशन के द्वारा वृद्धि या कमी की जा सकती है। इसलिए विधान सभा में दोबारा बिल लाने की ज़रूरत नहीं। प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि मौजूदा समय में सभी टैक्स पहले वाले ही हैं।