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अमृतसर ट्रेन हादसाः मजिस्ट्रेट जांच में नवजोत सिद्धू के करीबी मदान समेत 23 लोग जिम्मेदार करार

अमृतसर ट्रेन हादसाः मजिस्ट्रेट जांच में नवजोत सिद्धू के करीबी मदान समेत 23 लोग जिम्मेदार करार
  • PublishedDecember 28, 2019

अमृतसर। 19 अक्टूबर 2018 को दशहरे के दिन अमृतसर में जौड़ा फाटक पर हुए ट्रेन हादसे की मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट सामने आ गई है। इस जांच में नवजोत सिद्ध के करीब पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी सौरव मदान उर्फ मिट्टू मदान सहित 23 लोगों को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। 96 पेज की इस रिपोर्ट के अनुसार किसी भी पीड़ित परिवार, नगर निगम अधिकारी व अन्य लोगों ने इस आयोजन की मुख्य मेहमान डॉ. नवजोत कौर सिद्धू के बारे में कोई भी बयान नहीं दिया। मानवाधिकार संगठन के कार्यकर्ता सरबजीत सिंह वेरका ने अमर उजाला को बताया रिपोर्ट के अनुसार जिस समय हादसा हुआ उस समय वह स्टेज पर थे, वह आयोजकों से पूछ रहे थे कि रेल ट्रैक पर लोग क्यों खड़े हैं।

रिपोर्ट के अनुसार आयोजकों ने डॉ. सिद्धू की मंजूरी के बिना उन्हें मुख्य मेहमान बनाया। उनकी मंजूरी के बिना ही उनकी फोटो आयोजन के बड़े-बड़े होर्डिंग्स में लगाईं गईं। इस कारण उन्हें क्लीन चिट मिल गई। चूंकि कार्यक्रम में डॉ. कौर के पति नवजोत सिद्धू शामिल नहीं थे, इसलिए जांच में उन्हें शामिल नहीं किया गया।


19 नवंबर को सीएम को दे दी गई थी रिपोर्ट
मामले की जांच के लिए पंजाब सरकार ने जालंधर डिवीजन के मजिस्ट्रेट बी पुरुषार्था को नियुक्ति किया था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जांच को पूरा करने का एक महीने का समय दिया था। जांच टीम ने इस खौफनाक हादसे में मारे गए लोगों के साथ-साथ सौरव मदान सहित उन सभी को भी तलब किया, जो दशहरा कार्यक्रम का आयोजन कर रहे थे।

जानकारी के अनुसार, मजिस्ट्रेट ने दशहरे के एक माह बाद 19 नवंबर, 2018 को ही रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेज दी थी। इसके बावजूद सरकार ने इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अजीत सिंह बैंस की अगुवाई वाले मानवाधिकार संगठन के चीफ इन्वेस्टिगेटर सरबजीत सिंह वेरका ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक प्रभाव के चलते रिपोर्ट दबाई गई।

सरबजीत सिंह ने बताया की उन्होंने पुलिस कमिश्नर डॉ. सुखचैन सिंह गिल को जांच रिपोर्ट में शामिल 23 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बारे में एक शिकायत दी है। इस रिपोर्ट में शामिल सभी अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए। अगर पुलिस प्रशासन ने कोई कोताही की तो वह पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।


रिपोर्ट में शामिल 23 आरोपी
रिपोर्ट में जिन 23 लोगों को इस हादसे का जिम्मेदार ठहराया गया है उनके नाम दशहरा कमेटी (ईस्ट) के अध्यक्ष व आयोजक पार्षद सौरव मदान उर्फ मिट्ठू मदान, महासचिव राहुल कल्याण, सचिव करण भंडारी, सचिव काबल सिंह, प्रेस सचिव दीपक गुप्ता, कैशियर दीपक कुमार, कार्यकारी सदस्य भूपिंदर सिंह, एसीपी प्रभजोत सिंह विर्क, एएसआई दलजीत सिंह, एएसआई सतनाम सिंह, मोहकमपुरा थाने के मुंशी व सांझ केंद्र के इंचार्ज बलजीत सिंह, एएसआई कमलप्रीत कौर, मोहकमपुरा थाने के अतिरिक्त थाना प्रभारी सुखनिंदर सिंह, थाना प्रभारी अवतार सिंह हैं।

इसके अलावा नगर निगम के एस्टेट अफसर सुशांत सिंह भाटिया, इलाका इंस्पेक्टर केवल किशन, पुष्पिंदर सिंह, विज्ञापन विभाग के सुपरिंटेंडेंट गिरीश कुमार, क्लर्क अरुण कुमार, डीएमयू के पायलट व असिस्टेंट लोको पायलट, गार्ड व गेटमैन निर्मल सिंह का नाम भी हैं।

Written By
The Punjab Wire