बन्द होने या किसी अन्य कारण के चलते स्वीकृत राशि न हासिल कर सकने वाली औद्योगिक इकाईयां दे सकती हैं आवेदन
चंडीगढ़, 3 फरवरी:पंजाब सरकार की तरफ से विभिन्न औद्योगिक नीतियों के अंतर्गत आम औद्योगिक इकाईयों और ऐक्सपोर्ट ओरिएंटिड यूनिट (ई.ओ.यू) को मंज़ूर की गई इन्वेस्टमैंट इनसैंटिव / कैपिटल सब्सिडी हासिल करने का एक विशेष मौका दिया गया है।पंजाब के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कुछ औद्योगिक इकाईयाँ विभिन्न औद्योगिक नीतियों अधीन मंज़ूर हुई सब्सिडी लेने से वंचित रह गई थीं। इनमें से कई इकाईयाँ बंद हो चुकी थीं और कई किसी अन्य कारण के सबडिी लेने से वंचित रह गई थीं। उन्होंने बताया कि अब ऐसी इकाईयाँ को यह राशि हासिल करने के लिए विशेष मौका दिया जा रहा है।
अरोड़ा ने बताया कि पंजाब की ऐसी योग्य और पात्र औद्योगिक इकाईयाँ विभाग की वैबसाईट pbindustries.gov.in पर डाली गई प्रतीक्षा सूची अनुसार अप्लाई कर सकती हैं। इसलिए ई-मेल आईडी br.incentive@gmail.com पर या सम्बन्धित जनरल मैनेजर, जि़ला उद्योग केंद्र के द्वारा अपने आवेदन के लिए तालमेल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अप्लाई करने वाली इकाईयों को सब्सिडी का वितरण इस प्रतीक्षा सूची के अनुसार करने सम्बन्धी विचारा जायेगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से इन बंद इकाईयों को उनकी योग्यता और पात्रता के सम्मुख चालू वित्त वर्ष में 25 करोड़ रुपए का उपबंध किया था परन्तु इकाईयों के मौजूदा पते विभाग के पास न होने के कारण उनके साथ संपर्क नहीं किया जा सका।
उद्योग मंत्री ने आगे बताया कि इन इकाईयों को सब्सिडी की स्वीकृत की गई राशि जारी करने के लिए पंजाब मंत्रीमंडल से अपेक्षित मंजूरी ले ली गई है। उन्होंने बताया कि बंद और बिक चुकीं इकाईयों को योग्यता के आधार पर मंज़ूर की गई सब्सिडी की राशि जारी करने के लिए दिशा निर्देश निर्धारित किये गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से कुल 1500 बंद इकाईयों में से वरिष्ठता के आधार पर पहली 400 इकाईयों के मामलों में फ़ैसला लेते हुए इनमें से 123 योग्य इकाईयों को सब्सिडी की मंज़ूर की गई राशि का वितरण किया जा चुका है।जि़क्रयोग्य है कि साल 2017 के दौरान राज्य में लगभग 1500 बंद हुई इकाईयों को 100 करोड़ रुपए की देनदारी बकाया थी। राज्य सरकार की तरफ से समय-समय पर किये गए प्रयासों और किये वादों के सम्मुख 2017 से अब तक लगभग 30 करोड़ रुपए की सब्सिडी का वितरण किया जा चुका है और लगभग 500 इकाईयों को भुगतान किया जा चुका है।