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संगरूर में दिल्ली आंदोलन से लौटे किसान की मौत, वहीं फिरोजपुर में फांसी लगा अन्नदाता ने जान दी

संगरूर में दिल्ली आंदोलन से लौटे किसान की मौत, वहीं फिरोजपुर में फांसी लगा अन्नदाता ने जान दी
  • PublishedDecember 21, 2020

संगरुर। कृषि कानूनों के खिलाफ 20 दिन से दिल्ली आंदोलन में शामिल रहे भवानीगढ़ के नजदीक के गांव बालदकलां के किसान हाकम सिंह की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। भाकियू डकौंदा ब्लॉक भवानीगढ़ के महासचिव सुखदेव सिंह बालदकलां और भाकियू सिद्धूपुर के नेता गुरबख्शीश सिंह बालदकलां ने बताया कि किसान हाकम सिंह पहले 35-40 दिन संयुक्त किसान मोर्चा के संगरूर रेलवे स्टेशन में लगाए गए धरने मे शामिल हो चुके थे।

अब 20 दिन से दिल्ली मोर्चे में शामिल थे। दो दिन तबीयत बिगड़ने के कारण हाकम सिंह गांव बादलकलां लौटे थे। सोमवार को उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई। उन्हें सरकारी अस्पताल भवानीगढ़ ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 

उनका गांव बालदकलां में अंतिम संस्कार कर दिया गया। किसान नेता सुखदेव सिंह, गुरबख्शीश सिंह और पूर्व सरपंच बूटा सिंह ने हाकम सिंह को किसान मोर्चा का शहीद घोषित कर पंजाब सरकार से पीड़ित परिवार को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की।

किसान ने खेत में पेड़ से फंदा लगाया
वहीं फिरोजपुर के थाना लक्खोके बहराम के अंतर्गत गांव करी कलां में सोमवार को एक किसान ने खेत में पेड़ से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। सूचना मिलते ही पुलिस और तहसीलदार मौके पर पहुंचे और खुदकुशी के कारणों की जांच शुरू की। पुलिस के मुताबिक किसान कुलबीर सिंह पुत्र गुरमेज सिंह निवासी करी कलां सुबह साढ़े छह बजे खेतों में फसलों की देखरेख के लिए गया था।

जब ग्रामीण खेत पहुंचे तो देखा कि कुलबीर का शव पेड़ से लटका था। इस संबंध में लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच शव नीचे उतारा। पुलिस के मुताबिक किसान ने साफे को पेड़ से बांधकर खुदकुशी की है।

Written By
The Punjab Wire