जम्मू, 21 दिसम्बर (सुरेश एस डुग्गर)। वैष्णो देवी की यात्रा में लगातार गिरावट के बाद 9 महीने के अंतरात के उपरांत श्राइन बोर्ड ने अपना पंजीकरण केंद्र तो खोल दिया हुआ है पर अभी भी जम्मू कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर में आने जाने पर लगाई गई अप्रत्यक्ष पाबंदियां श्रद्धालुओं के कदमों को रोक रही हैं।
इतना जरूर था कि नववर्ष के आगमन पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने को लेकर कटड़ा का व्यापारी वर्ग बेसब्री से इंतजार कर रहा है। इस बार कोरोना महामारी के चलते हालात पूरी तरह से विपरीत हैं पर फिर भी नगर वासियों को उम्मीद है कि एक बार फिर नववर्ष पर श्रद्धालुओं से वैष्णो देवी भवन के साथ ही आधार शिविर कटड़ा गुलजार होगा।
दिसंबर माह के दूसरे पखवाड़े में श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हुआ है और आने वाले दिनों में और अधिक संख्या बढ़ने की संभावना है। शनिवार और रविवार को अवकाश होने के चलते जहां छह हजार भक्तों ने मां के चरणों ने शीश नवाया वहीं, रविवार देर शाम आठ बजे तक 45 सौ के करीब भक्त भवन की ओर प्रस्थान कर चुके थे। शनिवार को नौ माह बाद यात्री पंजीकरण केंद्र को भी भक्तों के लिए खोला जा चुका है। अब आफलाइन आने वाले भक्तों को सुविधा मिलना शुरू हो गई है।
श्राइन बोर्ड द्वारा आधार शिविर कटड़ा में अपना मुख्य पंजीकरण केंद्र एक बार फिर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खोले जाने के उपरांत श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इससे पहले शनिवार को वैष्णो देवी यात्रा को लेकर कोरोना महामारी के बीच श्रद्धालुओं को राहत प्रदान करते हुए श्राइन बोर्ड ने अपना मुख्य पंजीकरण केंद्र खोल दिया था। वैष्णो देवी यात्रा को लेकर कई श्रद्धालुओं को इंटरनेट या मोबाइल आदि का इस्तेमाल न के बराबर करने से यात्रा को लेकर परेशानी आ रही थी। श्रद्धालु निरंतर आस लगाए बैठे थे कि कहीं न कहीं उन्हें आधार शिविर कटड़ा में पंजीकरण केंद्र से यात्रा पर्ची उपलब्ध हो। इसको लेकर फिलहाल श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने अपने मुख्य पंजीकरण केंद्र पर ऐसे श्रद्धालुओं को सुविधा उपलब्ध करवा कर राहत दी है।
दरअसल तीन महीनों के लाकडाउन के बाद पहली बार दो हजार श्रद्धालुओं को आने की अनुमति तो मिली पर इसमें प्रदेश के बाहर के श्रद्धालुओं का कोटा नगण्य ही था। अब जबकि 15000 को दर्शनों की अनुमति है पर सबसे बड़ी दिक्कत प्रदेश के प्रवेश द्वार लखनपुर में, को पार करने की दिक्कतें, यात्री वाहनों के न चलने के अतिरिक्त आनलाइन पंजीकरण जैसे कई कारण श्रद्धालुओं के कदमों को रोक रहे थे। लखनपुर पार करने की पाबंदी अभी भी यथावत है।