दिल्ली विधानसभा ने तीनों कानूनों को खारिज किया, केंद्र सरकार से तीनों कानूनों को वापस लेने की अपील है- अरविंद केजरीवाल
आज मेरे देश का किसान दो डिग्री तापमान में सड़कों पर सो रहा है, ऐसे में मैं अपने देश के किसानों और जवानों के साथ गद्दारी नहीं कर सकता- अरविंद केजरीवाल
अंग्रेजों के समय में भी तीन कानूनों के खिलाफ शहीद भगत सिंह के पिता के नेतृत्व में पंजाब में ऐसा ही आंदोलन हुआ था और अंग्रेजों को कानून वापस लेने पड़े थे- अरविंद केजरीवाल
– यूपी और बिहार में धान 900 से 1000 रुपए में बिक रहा है, जो एमएसपी से काफी कम है, भाजपा बताएं कि ये किसान कहां जाकर धान बेचें ताकि उन्हें एमएसपी से अधिक कीमत मिले- अरविंद केजरीवाल
– आजाद भारत के 70 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है कि राज्यसभा में बिना वोटिंग के तीनों कृषि बिलों को पास कर दिया, जबकि पूरा हाउस विरोध कर रहा था-अरविंद केजरीवाल
-पिछले 5-6 सालों में भाजपा ने चुनावों को इतना महंगा कर दिया है, ये कानून किसानों के लिए नहीं, बल्कि भाजपा को चुनाव में फंडिंग कराने के लिए बनाए गए हैं- अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली, 17 दिसंबर, 2020
दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में आज कृषि कानून के खिलाफ संकल्प पत्र पास किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीनों कानून की काॅपी फाड़ दी। संकल्प पत्र के पक्ष में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा ने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को खारिज कर दिया और केंद्र सरकार से इन्हें वापस लेने की अपील है। आज मेरे देश का किसान दो डिग्री तापमान में सड़कों पर सो रहा है। ऐसे में मैं अपने देश के किसानों और जवानों के साथ गद्दारी नहीं कर सकता। अंग्रेजों के समय में भी तीन कानूनों के खिलाफ शहीद भगत सिंह के पिता के नेतृत्व में पंजाब में ऐसा ही का आंदोलन हुआ था और अंग्रेजों को कानून वापस लेने पड़े थे। उन्होंने कहा कि यूपी और बिहार में धान 900 से 1000 रुपए में बिक रहा है, जो एमएसपी से काफी कम है। यदि ये कानून किसानों के हित में है, तो भाजपा बताएं कि किसान कहां जाकर धान बेचें, ताकि उन्हें एमएसपी से अधिक कीमत मिले। आजाद भारत के 70 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है कि राज्यसभा में बिना वोटिंग के तीनों कानूनों को पास कर दिया। सीएम ने कहा कि पिछले 5-6 सालों में भाजपा ने चुनावों को महंगा कर दिया है। ये तीनों कानून किसानों के लिए नहीं, बल्कि ये कानून भाजपा को चुनाव में फंडिंग कराने के लिए बनाए गए हैं।
संत राम सिंह जी के मन में समाज और देश के किसानों के लिए पीड़ा थी, इसलिए उन्होंने बलिदान दे दिया- अरविंद केजरीवाल
दिल्ली विधानसभा का आज एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था। इस विशेष सत्र में केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों पर विस्तार से चर्चा की गई। विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संत राम सिंह के मन में समाज, देश के किसानों के लिए इतनी पीड़ा थी कि इतनी बड़ा बलिदान कर दिया। जो पत्र लिखकर वे शहीद हुए, उस पत्र में उनका दर्द था कि मुझसे किसानों का दर्द देखा नहीं जा रहा। सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए रोज जैकेट, कंबल लेकर आया करते थे। जब किसानों की वो पीड़ा उनके लिए असहाय हो गई, तो उन्होंने शहादत दे दी। इस आंदोलन में अभी तक 20 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं। इस आंदोलन को भी 20 दिन हुए हैं और इस आंदोलन में लगभग रोज एक किसान शहीद हो रहा है। मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता हूं कि आप इस देश के किसानों की बात सुनने से पहले आप लोग और कितनी शहादत और कितनी जान लोगे।
अंग्रेजों के समय में पंजाब में भी तीन कानूनों के खिलाफ 9 महीने तक आंदोलन हुआ था और अंग्रेजों को कानून वापस लेना पड़ा था- अरविंद केजरीवाल
सीएम ने कहा कि अंग्रेजों के समय एक ऐसा ही आंदोलन 1907 में हुआ था। उस आंदोलन का नाम था पगड़ी संभाल जट्टा। पंजाब में आंदोलन हुआ था और बिल्कुल हूबहू ऐसा ही आंदोलन था। वह आंदोलन भी 3 कानूनों के खिलाफ था। अंग्रेजों ने तीन कानून पास किए थे बारी दुआ एक्ट, पंजाब लैंड कॉलोनाइजेशन एक्ट, पंजाब लैंड एल्यनेशन एक्ट। पंजाब के किसानों ने इसके खिलाफ आंदोलन किया था। इतनी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। अंग्रेजो के खिलाफ 9 महीने तक यह आंदोलन चला था। तो केंद्र सरकार यह न समझ ले कि किसान आसानी से जाने वाले हैं। उस आंदोलन का नेतृत्व शहीद भगत सिंह के पिता किशोरी सिंह जी और उनके चाचा जी अजीत सिंह जी ने की थी। उन दोनों ने मिलकर भारत माता निर्माण सोसायटी बनाई थी। तीनों कानूनों को खारिज करवाने के लिए उस सोसाइटी के नेतृत्व में वह आंदोलन हुआ था। उस वक्त भी अंग्रेज सरकार ने कहा था कि थोड़े सुधार कर देते हैं। कई चरण की चर्चा हुई थे। लेकिन किसान डटे हुए थे कि हमें तीनों कानून वापस करवाने हैं। अंत में अंग्रेजों ने तीनों कानून वापस लिए थे।
भाजपा वालों को एक लाइन रटा रखी है कि किसान अब अपनी फसल पूरे देश में कहीं भी बेच सकता है, लेकिन कहां बेच सकते हैं यह नहीं बता रहे- अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं सोच रहा था कि क्या भगत सिंह ने इसी बात के लिए कुर्बानी दी थी कि जब देश आजाद होगा, तो अपनी सरकारों के खिलाफ इसी किस्म के आंदोलन करने पड़ेंगे। आजाद भारत के अंदर भी इतने लोगों को अपनी जान कुर्बान करनी पड़ेगी। आज कितने किसान हमारे सिंघु सीमा के ऊपर सर्वोच्च बलिदान दे रहे हैं। एक-एक किसान भगत सिंह बन कर वहां पर बैठा हुआ है। केंद्र सरकार कह रही है कि किसानों को कानूनों का फायदा समझ में नहीं आ रहा है। केंद्र सरकार ने जितने भी बड़े-बड़े इनके नेता हैं, सभी बड़े दिग्गज नेताओं को उतारा है कि कानूनों के बारे समझाओ और वह समझा रहे हैं। टीवी में आ रहा था कि भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली में 20,000 किसानों की रैली की थी। उनको शायद कहा गया कि इन तीनों बिलो के फायदे समझाओ, तो वह फायदे समझाने लगे। मैं उनका भाषण सुन रहा था, वे कह रहे थे कि तुम्हारी जमीन नहीं जाएगी। यह फायदा है क्या, जमीन तो हमारी है। इसका क्या मतलब और फायदा है। तुम्हारी मंडी बंद नहीं होगी, यह क्या फायदा है? सीएम ने कहा कि किसी भी भाजपा वाले से पूछ लो कि फायदा क्या है, तो सभी लोगों को एक लाइन रटा रखी है कि किसान अब अपनी फसल पूरे देश में कहीं भी बेच सकता है।
योगी आदित्यनाथ को भी नहीं पता है कि तीनों कानूनों का किसानों को क्या फायदा होगा- अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि धान का आज एमएसपी 1868 है। उत्तर प्रदेश और बिहार में यह 900 से 1000 रुपये में बिक रहा है। मुझे बता दो कि मेरा बिहार और उत्तर प्रदेश का किसान पूरे देश में कहां यह फसल बेचकर आए कि उसको एमएसपी से ज्यादा दाम मिल जाए। हवा में बात करने से क्या फायदा है कि कहीं भी बेच लो। कहां बेच लें, यह बताओ तो सही। अब हमारे देश का किसान पूरे देश में कहीं भी फसल बेच सकता है। देश का किसान फसल नहीं बेचेगा, उनको भी पता है कि कौन बेचेगा। उनसे पंजाब में खरीदेगा, उत्तर प्रदेश में उनसे 800 रुपये में खरीद कर, वही बड़े-बड़े पूंजीपति इसे इतनी महंगाई कर देंगे और पूरे देश के अंदर इसको महंगा बेचेंगे। यह किसानों के बेचने के लिए कानून नहीं बनाया गया। कहा जा रहा है कि किसानों को भ्रमित किया जा रहा है। किसानों को भ्रमित नहीं किया जा रहा, भाजपाइयों को भ्रमित किया जा रहा है। सारे भाजपाइयों को अफीम खिला दी है और अफीम खिला कर कह दिया कि रट कर बस यही बोलिए। मैंने आज योगी आदित्यनाथ जी का पूरा भाषण सुना। उनको भी नहीं पता कि इसका क्या फायदा है। वह भाषण इसी बात के लिए था कि किसानों को इसके क्या फायदे हैं, यह बताना है।
सुप्रीम कोर्ट में हमारे वकील ने किसानों की मांगों को जायज बताया- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में आज और कल केस भी था। हमारे वकील ने सुप्रीम कोर्ट में खड़े होकर कहा कि किसानों की मांगें जायज है। किसानों की मांगे मानी जानी चाहिए। केस इसको लेकर था कि दिल्ली की सीमा के ऊपर किसान बैठे हैं, इसलिए ट्रैफिक की दिक्कत हो रही है। हमारे वकील ने खड़े होकर कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। केंद्र सरकार आज अगर 1 घंटे में उनकी मांग मान ले, तो धरना उठ जाएगा। धरना क्यों नहीं उठ रहा, धरना इसलिए नहीं उठ रहा क्योंकि केंद्र सरकार मांगे नहीं मान रही है। केंद्र सरकार का वकील बोलता है कि दिल्ली सरकार का वकील तो किसानों का वकील बना हुआ है। मैं केंद्र सरकार वाले से कहना चाहता हूं तुम भी किसानों के वकील बनो। तुम भी किसानों का काम करो। किसान इस देश का निर्माता है और किसानों की वकालत नहीं करोगे तो किसकी वकालत करोगे, दलालों की वकालत करोगे।
आजाद भारत के इतिहास में पहली बार राज्यसभा में बिना वोटिंग के कानूनों को पास किया गया- अरविंद केजरीवाल
सीएम केजरीवाल ने कहा कि कई लोग मुद्दा उठा रहे थे कि कोरोना काल में अध्यादेश पास क्यों किया गया। ऐसी क्या जल्दबाजी थी। 70 साल के भारत के इतिहास में पहली बार हुआ होगा कि राज्यसभा के अंदर बिना वोटिंग के राज्यसभा अध्यक्ष ने कानून को पास-पास कहकर पास कर दिया। जबकि पूरा सदन चिल्ला रहा था। जैसे आप यहां बैठे हैं और कई बार हाउस चिल्लाता है। आपने कभी भी बिना वोटिंग के कोई कानून पास नहीं किया। अगर सदन चिल्लाता है तो आप 10 मिनट के लिए स्थगित कर देते हो और फिर दोबारा बैठते हैं। सदन आर्डर में आ जाता है और फिर वोटिंग कराते हैं। पहली बार ऐसा हो रहा है कि बिना वोटिंग के सदन के अंदर अध्यक्ष ने तीनों कानूनों को लेकर बस पास-पास कहा और पास हो गए। इसके ऊपर कोई वोटिंग नहीं कराई गई। ऐसी क्या आफत थी कि ये कानून पास कर दिए गए।
सदन में तीनों कानूनों को फाड़ते हुए बेहद दर्द हो रहा है, लेकिन पहले मैं इस देश का नागरिक हूं, बाद में मुख्यमंत्री हूं- अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले छह-सात साल से आप लोग देख रहे हो कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनावों को कितना महंगा कर दिया है। चुनावों के अंदर कितना पैसा खर्च होता है। यह कानून किसानों के लिए नहीं बनाए गए हैं। यह कानून भारतीय जनता पार्टी के चुनावों की फंडिंग कराने के लिए बनाए गए हैं। इस बात को यह देश जितनी जल्दी समझ ले उतना अच्छा होगा, किसान तो समझ गए। मैं किसानों की मांगों का समर्थन करता हूं। तीनों कानूनों को सदन के सामने फाड़ते हुए बेहद दर्द हो रहा है। इसे फाड़ने का मेरा बिल्कुल मकसद नहीं था लेकिन आज जब मेरे देश का किसान सड़कों के ऊपर 2 डिग्री तापमान के अंदर सड़कों पर सो रहा है, वह तकलीफ में है तो मैं अपने देश के किसान और अपने देश के जवान के साथ गद्दारी नहीं कर सकता। मैं भी पहले इस देश का नागरिक हूं मुख्यमंत्री बाद में हूं। आज इन तीनों कानूनों को यह विधानसभा खारिज करती है। केंद्र सरकार से अपील करती है कि किसानों की बात मानो और अंग्रेजों से बदतर मत बनाओ। अंग्रेजों ने 9 महीने में कानून वापस ले लिया था। आप कम से कम आजादी की इतनी तो इज्जत रख लो कि 20 दिन के बाद ही इन कानूनों को वापस ले लो।