ਦੇਸ਼ ਪੰਜਾਬ ਮੁੱਖ ਖ਼ਬਰ ਵਿਦੇਸ਼

कारपोरेटों के खि़लाफ़ नहीं हैं परन्तु किसानों के हितों की रक्षा के लिए विधि -विधान बनाने की ज़रूरत – मुख्यमंत्री

कारपोरेटों के खि़लाफ़ नहीं हैं परन्तु किसानों के हितों की रक्षा के लिए विधि -विधान बनाने की ज़रूरत – मुख्यमंत्री
  • PublishedNovember 18, 2020

अमरीकी -पंजाब निवेशकों की गोलमेज कान्फ्ऱेंस का उद्घाटन, अमरीकी निवेशकों को राज्य के कारोबार समर्थकी माहौल का लाभ उठाने का न्योता

चंडीगढ़, 17 नवम्बर: कृषि बिलों पर राज्य और केंद्र सरकारों के दरमियान मतभेदों पर चिंता ज़ाहिर करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज स्पष्ट शब्दों में कहा कि हम कारपोरेटों के खि़लाफ़ नहीं हैं परन्तु किसानों के हितों की सुरक्षा और उनके आड़तियों के साथ लंबे समय से चल रहे रिश्तो की कायमी के लिए कोई विधि -विधान तो बनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली को ख़त्म करने की कोई भी कोशिश काम नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने केंद्रीय कृषि कानूनों को असरहीण बनाने के लिए पंजाब विधान सभा में बिल लाए हैं और इसके अलावा इस मुद्दे को प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और अन्यांे पास भी उठाया है।

यू.एस.ए. -पंजाब निवेशक गोलमेज कान्फ्ऱेंस -2020 के वर्चुअल उद्घाटनी सैशन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अनाज सुरक्षा को यकीनी बनाया जो आज काफ़ी है, हो सकता कल न हो। चाहे भारत आज अनाज को निर्यात कर रहा है परन्तु इसका यह मतलब नहीं है कि अतिरिक्त अनाज सदा ही रहेगा। उन्होंने कहा कि मुल्क को अपने अनाज भंडार रखने होंगे।

पंजाब जो भारत के ज़मीनी क्षेत्र का 1.5 प्रतिशत होने के बावजूद भारत की जी.डी.पी. में 3 प्रतिशत योगदान डालता है, में अमरीकी कंपनियों की बढ़ रही रूचि की श्लाघा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे पंजाब पहले ही कृषि प्रधान राज्य है और भारतीय हरित क्रांति का घर है परन्तु उनकी सरकार विदेशी मार्केट में और ज्यादा वृद्धि के साथ कृषि को अधिक मूल्य वाला सैक्टर बनाना चाहती है। निवेशकारों को उद्योग को प्रफुल्लित करने के लिए राज्य के विलक्षण कारोबार समर्थकी सभ्याचार का लाभ उठाने का न्योता देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि यू.एस.ए., पंजाब आधारित कंपनियों के लिए निर्यात का चोटी का टिकाना है जोकि साल 2019 -2020 में 685 मिलियन अमरीकी डालर के रूप में पंजाब के कुल निर्यात का 12 प्रतिशत बनता है।

शुरुआत में मुख्यमंत्री ने अमरीका को अपनी चुनावी प्रक्रिया मुकम्मल होने और जोअ बाइडन और कमला हेरिस को क्रमवार राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुनने के लिए बधाई दी। उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि अमरीका और पंजाब के दरमियान सहकारिता और मित्रता के नये युग की शुरुआत होगी।

अमरीका में बड़ी संख्या में गतिशील पंजाबी एन.आर.आई. जनसंख्या की तरफ से निभाई भूमिका का जि़क्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपने मुल्कों की सफलता के लिए सख़्त मेहनत कर रहे हैं और इस समय पर अमरीका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू अमरीका और पंजाब के दरमियान बने तालमेल की प्रमुख मिसाल है।

भारत आ रही अलग-अलग अमरीकी कंपनियों और अन्य विदेशी निवेशकारों के लिए पंजाब प्राथमिक जगह होने का जि़क्र करते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि पेप्सी और वॉलमार्ट पंजाब में अपने भारतीय कार्य शुरू कर चुके हैं और 30 से अधिक अमरीकी कंपनियाँ जिनमें ऐमाजोन, वॉलमार्ट, कुआरक, कारगिल, टाईसोन, पेप्सी, कोका कोला शामिल हैं, भी इस समय पर पंजाब में काम कर रही हैं।

औद्योगिक और कारोबारी नीति में उनकी सरकार की तरफ से किये बड़ी तबदीलियों का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक सर्व व्यापक नीति है जो बड़े इकाईयों, एम.एस.एम.ईज़ और स्टार्ट अप दोनों, निर्माण और सेवा क्षेत्र सभी को प्रोत्साहन देती है। उन्होंने यह बात ज़ोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने अपनी नीतियों के प्रति वचनबद्धताओं का सम्मान किया है और एक स्थिर नीतिगत व्यवस्था को यकीनी बनाने के लिए काम किया है जिससे सरकारी तबदीलियों के द्वारा निवेशकों के लिए स्थिरता को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने अपनी सरकार की तरफ से निवेशकोंं को बढ़ावा देने और राज्य में कारोबार के लिए माहौल को और बेहतर बनाने के लिए उठाये कदमों को भी गिनवाया। इसके अलावा पंजाब कारोबार का अधिकार कानून, 2020 के द्वारा एम.एस.एम.ईज़ को स्व-प्रमाणपत्र के आधार पर जो साढ़े तीन साल के लिए योग्य है, राज्य में कारोबार स्थापित के लिए आज्ञा देना भी शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्वैस्ट पंजाब (पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमैंट पर्माेशन) अपनी किस्म का एक ऐसा ‘यूनीफाईड रैगूलेटर’ मॉडल है जहाँ सिंगल विंडो सर्विस पोर्टल पर 12 से अधिक विभागों की 66 से अधिक सेवाएं हासिल की जा सकतीं हैं। इन्वेस्टमैंट ब्यूरो के सी.ई.ओ. को राज्य स्तर की मंजूरियां देने के लिए शक्तियां दी गई हैं। उन्होंने कहा कि नयी नीति में विस्तार करने और नई ईकाईयों के लिए समान प्रोत्साहन दिया गया है जिसमें अनूठी पुलिस पहलकदमीयां जैसे कि जी.एस.टी. की भरपाई और उदारवादी रोजगार सब्सिडी (बिना किसी निवास की पाबंदी के) भी शामिल हैं।
पंजाब के उद्योगों में प्रचलित लिंग निष्पक्षता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हर किस्म के उद्योगों – निर्माण और सेवा क्षेत्र में पुरुषों और महिलाओं के लिए 24 घंटों की शिफ्ट की इजाजत है।

बाद में राज्य में खेल उद्योग संबंधी एक सवाल के जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि बड़े स्तर पर एम.एस.एम.ई. का गठन किया गया है। साइकिल और साइकिलों के पुर्जों के उत्पादन और निर्यात में पंजाब देश का नंबर एक राज्य है। इसके अलावा भारत के ट्रैक्टर उत्पादन में पंजाब का 29 प्रतिशत हिस्सा है और भारत में से ट्रैक्टरों के निर्यात में पंजाब देश का दूसरा राज्य है। उन्होंने कहा कि भारत की सेकंडरी स्टील मार्केट में पंजाब का हिस्सा 25 प्रतिशत है। भारत में कलपुर्जे और मशीनों के उत्पादन में पंजाब पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि साइकिल वैली की स्थापना प्रगति अधीन है जो इस क्षेत्र में विकास को और शिखर पर लेजाएगी।

अमरीका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि कोविड महामारी के बाद दुनिया भर में लोगों के रहन-सहन में बहुत तबदीली आई है और संसार एक हकीकत बन गया है। यह बताते हुए कि भारत और अमरीका दोनों प्रौद्यौगिकी पर जोर देते हैं, उन्होंने कहा कि वह अमरीकी निवेशकों को पंजाब जो कि एक से अधिक कई मामलों में भारत का गौरव हैं, को अपनी आगली मंजिल बनाने के लिए उत्साहित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक के दौरान पंजाब के फूड, हौजरी, सिलाई मशीनों, साइकिल उत्पादन, खेल के समान का क्षेत्र और दूसरे क्षेत्रों में बेहतरीन 10 प्रतिशत आर्थिक विस्तार दर दर्ज की गई है। शिक्षा, फूड प्रोसेशन आदि क्षेत्रों में विस्तार की अथाह संभावनाएं हैं। राजदूत ने अमरीका की अर्थव्यवस्था में पंजाबियों के बेमिसाल योगदान का भी जिक्र किया जिसके बारे में सभी भली भाँति जानते हैं।

मुख्य सचिव विनी महाजन ने कहा कि राज्य की लीडरशिप की कोशिश निवेशकों के लिए ऐसा माहौल प्रदान करना था जिससे अधिक से अधिक निवेश आकर्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों के दौरान राज्य में कुल निवेश 9 मिलियन डॉलर से भी अधिक रहा है और व्यावहारिक अर्थों में कारोबार स्थापित करने के अमल को आसान किया गया है। पंजाब राज्य जो कि भारत में हरित क्रांति का आधार था और अब भी देश के अन्न दाता के तौर पर जाना जाता है, तेजी के साथ उद्योगीकरण विशेष कर ऑटो, फूड प्रोसेसिंग, आई.टी., स्टार्ट-अप्स, साइकिल उद्योगों की तरफ बढ़ रहा है। राज्य में बढिय़ा हवाई और सडक़ संपर्क की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अब पर्यावरण प्रणाली को और भी उपयुक्त और निवेशकों के लिए और आसान और सभ्य बनाने के लिए आटोमैटिक मंजूरी देने की तरफ कदम बढ़ा रही है। उन्होंने दोनों पक्षों को निवेश फोरम पर लाने में निभाई भूमिका की सराहना की।

सम्मेलन की शुरुआत करते हुए यू.एस.आई.एस.पी.एफ के प्रधान और सी.ई.ओ मुकेश अग्निहोत्री ने पंजाब द्वारा अमरीकी कंपनियों के लिए पेश की गई निवेश संभावनायों बारे बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार की तरफ से कारोबार स्थापना के लिए सुविधाजनक और पारदर्शित प्रणाली को उत्साहित करने के नतीजे सामने आ रहे हैं और निवेशक और कारोबारी भाईचारे से प्राप्त हुई प्रतिक्रिया बहुत सकारात्मक है।

अपने समापन भाषण में पंजाब के उद्योग सचिव अलोक शेखर ने कहा कि पंजाब अमरीका की बहुत सी कंपनियों की मनपसंद जगह रही है जिनमें से कईयों ने पिछले तीन सालों में महत्वपूर्ण ढंग से परिचालन का विस्तार किया है। उन्होंने अमरीका से अपील की कि इस हिस्सेदारी को और उत्साहित करने के लिए मोहाली में एक व्यापार केंद्र स्थापित किया जाये।

Written By
The Punjab Wire