नाबार्ड चेयरमैन ने सहकारिता मंत्री रंधावा को अधिक से अधिक मदद देने का भरोसा दिलाया
मुम्बई/चंडीगढ़, 11 नवम्बर: कोविड महामारी के चलते वित्तीय संकट का सामना कर रही सहकारी संस्थाओं को बढ़ावा देने और राज्य के किसानों की बाँह पकडऩे के लिए पंजाब सरकार ने नाबार्ड से 1000 करोड़ रुपए की सहायता माँगी है। आज मुम्बई में नाबार्ड के चेयरमैन गोविन्दा राजुला चिंताला के साथ मुलाकात करने के उपरांत मीटिंग का विवरण देते हुए सहकारिता मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि उनकी तरफ से नाबार्ड से स्पैशल लिक्वीडिटी फैसिलिटी (एस.एल.एफ.) और लम्बे समय के ग्रामीण कजऱ् फंड (एल.टी.आर.सी.एफ.) अधीन पंजाब कृषि विकास बैंक की सहायता के लिए माँग की गई। सहकारिता मंत्री ने आगे बताया कि उन्होंने नाबार्ड के चेयरमैन को प्राथमिक कृषि विकास बैंकों को पेश आ रही वित्तीय कठिनाईयों से अवगत करवाया।
पंजाब के प्रतिनिधिमंडल द्वारा दिखाई गई पेशकारी के द्वारा कृषि विकास बैंक को एस.एल.एफ. के अंतर्गत पूरी मदद और एल.टी.आर.सी.एफ. के अंतर्गत 100 प्रतिशत रीफायनैंस करने की माँग का केस रखा गया। नाबार्ड के चेयरमैन ने सहकारिता मंत्री द्वारा विस्तृत विचार-विमर्श के बाद पंजाब राज्य कृषि विकास बैंक को एस.एल.एफ. के अंतर्गत अधिक से अधिक मदद करने और एल.टी.आर.सी.एफ. के अंतर्गत 100 प्रतिशत रीफायनैंस करने का भरोसा दिलाया गया। उन्होंने प्राथमिक कृषि विकास बैंक को भी वित्तीय कठिनाईयों में से निकालने के लिए पंजाब के प्रस्ताव पर सकरात्मक तरीके से विचारने का विश्वास दिलाया। स. रंधावा ने सहकारी चीनी मिल बटाला और गुरदासपुर को कजऱ् देने का मामला भी उठाया, जिस पर नाबार्ड के चेयरमैन श्री चिंताला ने सहकारिता मंत्री को इस सम्बन्धी विस्तृत प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा। इस मौके पर सहकारी सभाओं के रजिस्ट्रार श्री विकास गर्ग और पंजाब कृषि विकास बैंक के एम.डी. श्री चरनदेव सिंह मान भी उपस्थित थे।