बड़ी संख्या में कामकाजी महिलाएं और पुरुषों ने लिया भाग
गुरदासपुर, 2 नवंबर (मनन सैनी) । पंजाब के किसान संगठनों के संयुक्त आह्वान पर किए जा रहे आंदोलन में किसानों का हौंसला और अधिक बढ़ा तथा उनके आंदोलन को उस समय भारी बल मिला, जब रेलवे स्टेशन पर अनिश्चितकालीन किसान मोर्चा के 33वें दिन मजदूर मुक्ति मोर्चा और अखिल भारतीय केंद्रीय परिषद ट्रेड यूनियन एक्टू के नेतृत्व में सैकड़ों कामकाजी महिलाएं और पुरुषों ने भाग लिया।
सोमवार को किसानों और श्रमिकों की एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए कार्यवाहक राज्य उपाध्यक्ष कामरेड गुरमीत सिंह बख्तपुर और मजदूर मुक्ति मोर्चा के माझा जोन अध्यक्ष विजय कुमार सोहल ने कहा कि वे न केवल किसानों के धरने का समर्थन करने आए थे, बल्कि मोदी सरकार की लोक विरोधी नीतियों के खिलाफ खड़े होने आए हैं। हम मजदूर वर्ग के लाभ के लिए इस आंदोलन को किसान मजदूर सहित मजदूर वर्ग के व्यापक संघर्ष के लिए पहल करने के लिए आए हैं, जिसे काले कृषि कानूनों के तहत क्रूरता से मार दिया गया है। उन्होंने पंजाब के सभी मज़दूरों से किसान मज़दूर आन्दोलन के साथ एकजुट होने की अपील की।
इस मौके पर किसान आंदोलन के प्रति तानाशाही और शत्रुतापूर्ण रवैये की कड़ी निंदा करते हुए 5 नवंबर को देश भर में 400 किसान यूनियनों ने मोदी सरकार के दुर्व्यवहार के जवाब में देश भर में सड़क यातायात को पूरी तरह से अवरुद्ध करने का आह्वान किया। सभी लोगों से इस सड़क नाकाबंदी कार्यक्रम को सफल बनाने में उनके पूर्ण सहयोग की अपील की गई। धरने का नेतृत्व जसवीर सिंह कट्टोवाल, सुखदेव सिंह भागोकवन, माखन सिंह कुहर, तरलोक सिंह बेहरामपुर, कश्मीर सिंह तुगलवाल, सविंदरपाल सिंह, गुरदीप सिंह, कर्ण सिंह पण्ची, दलुबीर सिंह समशेरपुर, बलबीर सिंह रंधावा, अजीत सिंह हुंदल, इस मौके पर गुलजार सिंह बसंतकोट, नरिंदर सिंह रंधावा, गुरनाम सिंह मुस्तफाबाद, बलविंदर सिंह रावल, अजीत सिंह सिधवान, रणजीत कौर, परमजीत कौर, गुलजार सिंह भुंबली, एसपी सिंह गोसल, नजर सिंह, जागीर सिंह, माखन सिंह हरनिया, विजय थे। सोहल, निर्मल सिंह बोपाराय, कपूर सिंह ने किया।