दीनानगर (गुरदासपुर), 2 अक्तूबर (कमल)। आईसीडीएस बचाओ बचपन बचाओ की मांग को लेकर सैंकड़ो की संख्या में आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों ने रैली करने के बाद कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी की रिहायश को घेरकर नारेबाजी की।
रैली को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय प्रधान कामरेड ऊषा रानी ने कहा कि पंजाब की सरकार पहले अकाली दल और अब कांग्रेस सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों को खत्म करने पर लगी हुई है। उन्होंने बताया कि 2 अक्तूबर 1975 को आईसीडीएस स्कीम का गठन हुआ था और आज पूरे भारत में 14 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों द्वारा आठ करोड़ से अधिक जीरो से छह साल के बच्चें के करोड़ से अधिक गर्भवति महिलाओं और दूध पिलाओ माताओं को सेवाएं प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि पंजाब में आंगनवाड़ी केंद्रों की संख्या 26656 है और इन केंद्रों द्वारा 1284314 लाभ प्रदान किया जा रहा है। पिछले 45 वर्षो से आंगनवाड़ी केंद्रों द्वारा अर्ली चाइल्ड हुड केयर एंड एजुकेशन पालिसी के तहत प्री स्कूल शिक्षा दी जाती है।
सीटू पंजाब के महासचिव कामरेड रघुनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र व पंजाब सरकार की लोक विरोधी नीतियों के चलते आज पूरा देश बर्बादी की राह पर है और मुलाजिम मजदूरों के अधिकारों को छीन रहे है। प्रदेश प्रधान हरजीत कौर और महासचिव सुभाष रानी ने कहा कि वर्कर हेल्पर कोविड-19 की महामारी में कंधे सं कंधा मिलाकर कोरोना योद्धाओं की तरह फ्रंट लाइन पर काम कर ही है। बुजुर्गों को घर-घर तक पेंशन पहुंचाने, डोर टू डोर कोविड महामारी के लिए अवेयर करना, कोविड मरीज को निगरानी करना, इन तक खाना पहुंचाना आदि सेवाओं में भागीदारी निभाई है। मगर सरकार द्वरा कोई सुरक्षा उपकर्ण मुहैया नहीं करवाई गई और न ही कोविड रिसकवर बीमा में आंगनवाड़ी वर्करों को शामिल करके 50 लाख रुपए वर्कर हेल्पर के बीमे का कोई प्रबंध नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि 12 सितंबर को शिक्षा मंत्री विजेंदर शिमला की कोठी का घेराव किया जाएगा। यदि सरकार ने मांगों का समधान न किया तो संघर्ष को और तेज करते हुए नई रणनीनित बनाई जाएगी। इस मौके पर उप प्रधान अनूप कौर, वरिंदर कौर, ज्वाइंट सचिव, कृष्णा कुमारी, गुरमिंदर कौर, गुरबख्श कौर, राजविंदर कौर, अमृतपाल कौर आदि उपस्थित थे।