जिहड़े वर्करां नूं सांसद दे आऊन दा नही पता पुत्तर ओहनां लोका दी आवाज की चुकनी ? सनी को दी सलाह नलके चुक्कन नाल कोई नेता नही बन जांदा पुत्तर, लोकां दी आवाज संसद विच चुक पुत्तर
मनन सैनी
गुरदासपुर, 25 सितंबर । पुतर संसद हलके दी आवाज चुक्कन वाला ओह अखाड़ा जिस विच गुरदासपुरिया गूंगा पहलवान भेज दित्ता है। सनी देओल ने साफ कर दित्ता कि पग बन्नन नाल कोई किसान नही हो जांदा। यह शब्द तथा वंयग बहरामपुर के किरती किसान यूनियन के किसान तरलोक सिंह के है। जिन्होने गुरदासपुर के सांसद सनी देओल की ओर से कृषि विधेयक बिल के समर्थन में आने पर उनका विरोध किया। सनी देओल का जहां युवा वर्ग पूर्ण तौर पर विरोध कर रहा है वहीं हलके के लोगों में तथा किसानों में भी अभिनेता से नेता बने सनी देओल के खिलाफ काफी रोष एवं आक्रोष व्याप्त है।
किसान तरलोक सिंह का कहना है कि जिन वर्करां को अपने सांसद के आने तक की खबर नही है उन लोगो ने हलके के लोगो की आवाज कहां उठानी है। उन्हे अखबारों के माध्यम से पता चला है कि भाजपा के नेता व वर्कर सिर्फ फोटो खिचवाने तक ही सीमित है। सो ऐसे लोगो से सावधान होना चाहिए तथा इनका विरोध करना चाहिए। उन्होने कहा कि सांसद को लोगो ने अपने हकों की आवाज उठाने के लिए चुना है। बेशक वह पार्टी की टिकट पर जीते है परन्तु वोट तो गुरदासपुर के लोगो ने डाली है और वह पार्टी के नही लोगो के नुमाईंदे है। इसलिए सांसद को चाहिए कि वह हलके के लोगो के हकों की आवाज को उठाए।
सांसद सनी देओल को सलाह देते हुए किसान ने कहा कि पुत्र नलके उठाने से कोई नेता नही बन जाता, लोगो को आवाज को संसद में उठा। जिससे लोगों का भी भला हो।
वहीं किसान नेता सतबीर सिंह ने कहा कि महज पगड़ी बांधने से कोई किसान नही बन जाता, पगड़ी शान का प्रतीक है जिसकी अहमियत सांसद सनी देओल को समझते हुए किसानों की आवाज उठानी चाहिए थी। किसान देश का अन्न दाता है। जिसे सत्ता के नशे में चूर मोदी सरकार खत्म करने पर तुली है। सनी को समझना चाहिए कि किसानों की मांग क्या है। क्या एक बार भी सांसद ने उनसे आकर इस बाबत पूछा ? क्या सांसद सनी देओल ने एक बार भी उनसे आकर मुलाकात कर बताया कि इसका फायद क्या है?
वहीं एक तरफ जहां भाजपा से किसानों से मोह भंग हो गया है वहीं पंजाब का युवा वर्ग भी सांसद सनी देओल के रवईए को गलत बता रहा है। उन्होने कहा कि सनी देओल उनके हीरों थे जो एकदम से विलेन बन गए। प्रर्दशन में मुख्य आक्रषण रहे युवाओं का कहना है कि उनके सिर से सनी देओल का जादू पूरी तरह उतर चुका है।युवाओं का कहना था कि सनी देओल को देखते हुए कमल का फूल उनकी सबसे बड़ी भूल साबित हुआ। शिंदर सिंह, रविइंद्र सिंह, रंजीत सिंह आदि ने बताया कि सनी देओल का अक्स उनके दिमाग में एक शेर की भांति फिल्मों के जरिए बना था। परन्तु वह शेर कागज का निकला जिसका उन्हे सबसे ज्यादा दुख है। उन्होने कहा कि किसान होने के चलते तथा गुरदासपुर की जनता का नुमाईंदा होने के चलते सनी देओल को किसानों का साथ देना चाहिए था। परन्त वह अपने आका के हक में भुगत गए। इसका उन्हे सबसे ज्यादा दुख है।
गौर रहे कि सनी देओल की ओर से इस विधेयक के समर्थन मे ट्वीट किया गया था तथा विधेयक को किसान हितैषी करार दिया था। सनी देओल का दावा है कि इस बिल से किसानों की दशा में सुधार होगा।