,पांच लाख रुपए की ठगी की शिकायत मिलने पर, दिल्ली से गिरोह के चार सदस्यों को किया गिरफ्तार
गुरदासपुर, 27 अगस्त (मनन सैनी)। थाना दीनानगर की पुलिस ने आनलाइन ठगी करने वाले आठ सदस्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए इस गिरोह के चार सदस्यों को नई दिल्ली से काबू किया है।
इस संबंधी जानकारी देते हुए एसएसपी गुरदासपुर डा. रजिंदर सिंह सोहल ने बताया कि 5 अगस्त 2020 को उन्हें किरनप्रीत निवासी गांव रणजीत बाग ने शिकायत की थी कि उसने नौकरी हासिल करने के लिए शाइन डाट काम नाम की वेब साइट पर अपना बायोडाटा दिया हुआ था। जिसके बाद उन्हें दो अलग अलग नंबरों पर फोन आया और काल करने वाले ने कहा कि हम आपका डाटा चेक कर लिया है और आपकी नौकरी संबंधी बातचीत चल रही है। जिन्होंने उसे व्हट्सएप के माध्यम से एक लिंक भेजा, जिसे क्लिक करने के बाद उसने उस एक फार्म भर दिया। जिसमें अपनी पूरी जानकारी लोड कर दी। जिसके बाद उसके फोन पर एक ओटीपी नंबर आया, जो उसने वह ओटीपी नंबर फोन करने वाले को लिखवा दिया। जिसके बाद शिकायतकर्ता के बैंक अकाउंट में से फोन करने वालों ने नैट बेकिंग के माध्यम से अन्य खातों में पांच लाख रुपए ट्रांसफर करके निकाल लिए।
शिकायत मिलने के उपरांत मामले की जांच थाना दीनानगर के प्रभारी कुलविंदर सिंह को सौंपी गई गई। जांच के दौरान बैंक खातो की डिटेल हासिल करके एएसआई हीरा सिंह के नेतृत्व में टीम तैयार की गई और टीम को आरोपियो की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली को रवाना किया गया। जहां पुलिस पार्टी ने दिल्ली से चार आरोपियो प्रदीप कुमार यादव पुत्र महंत प्रसाद यादव, जीतू पुत्र बिल्लू, नीरज शर्मा पुत्र राज कुमार शर्मा व जय प्रकाप पुत्र मुन्ना लाल सभी निवासी नई दिल्ली को काबू किया गया।
एसएसपी सोहल ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया है कि इस गिरोह के सरगना अशीश मित्तल व मनीष कुमार ने मिलकर एक गिरोह बनाया हुआ था और इस गिरोह के तीन सदस्यों के नाम पर कंपनी दिल्ली में खोली हुई थी। जो मनी ट्रांसफर का काम करती थी। जिसकी आड़ में यह लोगों के साथ ठगी करने का गौरख धंधा चला रहे थे। इनमें से मुनीष कुमार जाली कागजात तैयार करता था। जिस पर फोटो गिरोह सदस्यों की लगाई जाती थी। जिनके आधार पर यह जाली नामों तले बैंक में खाता खोल लेते थे। फिर इस गिरोह का सरगना अशीष मित्तल इंटरनेट से सर्च कर लोगों के मोबाइल नंबर हासिल कर उनकी संबंधी जारी जानकारी हासिल कर लेता था और उन्हें व्हट्सएप के माध्यम से लिंक भेजकर क्लिक करने के लिए कहा जाता था। जब कोई व्यक्ति इनकी बातों में आकर लिंक क्लिक करता था तो फिर बहाने से उसकी पूरी जानकारी हासिल कर उस तरफ ओटीपी नंबर ले लिया जाता था और उसके बैंक खाते में नैक बेकिंग के माध्यम से राशि जाली नामो तले खोले खातों में ट्रांसफर कर ली जाती थी।
उन्होने बताया कि अब तक गिरफ्तार किए चार आरोपियों से एक स्केनर, एक केमरा, एक डीवीआर बाक्स, आईसीआईसी बैंक की 37 स्वैप मशीनें व एक्सिस बैंक की एक स्वैप मशीन, सात जाली आधार कार्ड, दो जाली ड्राइविंग लाइसेंस, दो जाली पैन कार्ड, दो जाली डैबिट कार्ड बरामद किए गए। गिरफ्तार आरोपियों को गुरदासपुर की अदालत में पेश करके रिमाडं हासिल कर लिया है। जिनसे पूछताछ चल रही है और शेष आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एसएसपी सोहल ने लोगों से अपील की कि यदि किसी व्यक्ति को कोई संदेह लिंक आता है तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी जाए और लिंक को न खोला जाए। उन्होंने बताया कि साइबर सैल को और मजबूत किया जा रहा है ताकि साइबर क्राइम को रोका जा सके।