एक गर्भवति का आप्रेशन एवं एक की हुई नार्मल डिलिवरी, बच्चे के टैस्ट आए नैगेटिव, आईसोलेशन वार्ड में अलग भर्ती
कन्जैनिटल ट्रांस्मिशन के जरिए नही हो रहा कोविड़ संक्रमण, फीडिंग के समय मास्क न पहनने तथा अन्य एहतियात न बरतने पर हो सकता है बच्चों को संक्रमण- डाॅ चेतना, डाॅ कलसी
मनन सैनी
गुरदासपुर, 16 अगस्त । कोविड़-19 संक्रमित गर्भवति महिलाओं से नवजात जन्मे शिशुओं में कोरोना के लक्ष्ण नही पाए जा रहे है। मां के संक्रमित होने के बावजूद बच्चों में कोरोना के लक्षण न निकलना एक अच्छा संकेत है। हालाकि नवजन्मे बच्चे को संक्रमण जन्म के बाद मां की ओर से मास्क इत्यादि न पहन कर (फीड) दूधपान करवाने इत्यादि का खतरा जरुर बना रहता है।
ऐसे ही एक ताजा मिसाल गुरदासपुर के सिवल अस्पताल में देखने को मिली जहां कोरोना वायरस संक्रमित दो गर्भवति महिलाओं का सफल इलाज किया गया। जिसमें एक महिला की डिलिवरी नार्मल तथा एक महिला की डिलिवरी सर्जरी के दौरान की हुई। जिसमें जच्चा और बच्चा दोनो पूरी तरह सुरक्षित है। डाक्टरों की ओर से नवजात शिशुओं जिसमें एक लड़का तथा एक लड़की शामिल है के टैस्ट भी लिए गए जो नैगेटिव पाए गए है।
डिलिवरी के उपरांत जच्चा बच्चा को सिवल अस्पताल में ही बने लेवल 2 केविड़ केयर सैंटर के आईसोलेटिड़ वार्ड में सुरक्षित रखा गया है। जहां सभी की हालत स्वस्थ्य बताई जा रही है और आने वाले दिनों में उन्हे छुट्टी दी जा सकती है।
इस संबंधी पुष्टी करते हुए सिवल अस्पताल की एसएमओं डॉ चेतना ने बताया कि 14 अगस्त को दो गर्भवति महिलाओं की डिलिवरी अस्पताल में हुई। जिसमें एक नार्मल एवं एक की सर्जरी की गई। दोनो गर्भवति महिलाओं की डिलिवरी गायनोलॉजिस्ट डॉ मनजिंदर की ओर से करवाई गई । डिलिवरी तथा आप्रेशन के दौरान पूरी सावधानी बरती गई। डिलिवरी से पहले दोनो महिला संक्रमित मरीज तथा उनके घरवाले बच्चे के भी संक्रमित होने की संभावना के चलते काफी डरे हुए थे।
परन्तु सफल डिलिवरी के उपरांत बच्चों के माहिर डाक्टरों से भी शिशुओं की विशेश जांच करवाई गई तथा बच्चे ठीक पाए गए। वहीं शिशुओं के कोविड़ टैस्ट भी किए गए जो नैगेटिव पाए गए। डॅा चेतना ने बताया कि देखने में आया है कि बच्चों में इंफैक्शन वर्टिकल ट्रांस्मिशन थ्रू प्लासेंटा के जरिए नही हो रहा। इसलिए वह आम गर्भवति महिलाओं से अपील करती है कि वह डरे नही। डिलिवरी केवल अस्पतालों में ही डाक्टरों की निगरानी तले करवाएं ताकि जच्चा तथा बच्चा सुरक्षित रहे।
वहीं जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ प्रभजोत कलसी ने बताया कि गर्भ में बच्चों में संक्रमण कन्जैनिटल ट्रांस्मिशन के जरिए होता है जैसमें रुबेला इत्यादि बिमारिया शामिल है। परन्तु कोविड़ का ट्रांसमिशन सांस लेने वाली प्रणाली से होती है। जन्म के बाद अगर मां मास्क के बिना बच्चे की देखभाल करेगा या फीड़ देगी तो संक्रमण बच्चे तो हो सकता है, वरना नही होगा। इसलिए मां को बच्चों को फीड़ देते समय पूरी एहतियात बरतनी चाहिए तथा बिना हाथ धोए नवजात शिशुओं को हाथ न लगाए।
वहीं बच्चों के परिजनों ने बताया कि उनमें काफी डर था कि कहीं बच्चें भी संक्रमित न निकल न आए तथा उसे कोई खतरा न हो परन्तु सिवल अस्पातल में ही डाक्टरों ने हर तरह से कोई भी खतरा नजर अंदाज नही किया। जिसके लिए वह डाक्टरों के आभारी है।