प्रधानमंत्री को एस.डी.आर.एफ. में से कोविड से सम्बन्धित खर्च करने की शर्तें नरम करने के लिए कहा
केंद्र सरकार की लैबोरेटरियों में टेस्टिंग सामथ्र्य बढ़ाने की मांग
सितम्बर में पंजाब में कोविड के शिखर की संभावना के मद्देनजऱ प्रधानमंत्री को लाजि़मी परीक्षाओं संबंधी यू.जी.सी. के फ़ैसले की समीक्षा करने की अपील
चंडीगढ़, 11 अगस्त:
पंजाब में कोविड मामलों में विस्तार होने और पहली तिमाही में 50 प्रतिशत राजस्व गिरावट के मद्देनजऱ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से महामारी से राजस्व की वसूली के पड़े फर्क को पूर्ण करने के लिए राज्यों को उदार वित्तीय पैकेज देने की माँग की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रांतीय आपदा राहत फंड (एस.डी.आर.एफ.) में से खर्चों के लिए कोविड से सम्बन्धित शर्तें भी नरम करने की माँग रखी।
कोविड की स्थिति का जायज़ा लेने के लिए कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की प्रधानमंत्री के साथ वीडियो काँफ्रेसिंग के ज़रिये हुई मीटिंग के दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक कोविड से सम्बन्धित खर्चों के लिए एस.डी.आर.एफ. में से इस समय पर 35 प्रतिशत तक फंड बरतने की शर्त है जबकि मौजूदा ज़रूरतों की पूर्ति के लिए यह काफ़ी नहीं है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन भी मीटिंग में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने उत्तरी जोन के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलौजी की स्थापना करने के लिए पंजाब के प्रस्ताव को मंजूरी देने पर भारत सरकार का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस उद्देश्य के लिए भारतीय मैडीकल अनुसंधान कौंसिल (आई.सी.एम.आर.) को इंस्टीट्यूट के लिए जल्दी ही 25 एकड़ ज़मीन सौंप दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं जो अब तक 24891 तक पहुँच गए हैं और 604 मौतें हुई हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को यू.जी.सी. के 30 सितम्बर तक फ़ाईनल इम्तिहान लाजि़मी तौर पर करवाने के फ़ैसले की समीक्षा करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब, सितम्बर में परीक्षाऐं करवाने की स्थिति में नहीं होगा क्योंकि उस समय राज्य को कोविड के शिखर का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि इन विद्यार्थियों को उनकी पिछली कारगुज़ारी और अंदरूनी मूल्यांकन के आधार पर अगली क्लासों में भेजा जा सकता है और जो विद्यार्थी अपने कारगुज़ारी में सुधार लाना चाहते हैं, उनके बाद में इम्तिहान लेने की छूट दी जा सकती है। उन्होंने केंद्र सरकार से ऑनलाइन स्कूल शिक्षा ख़ास कर 11वीं और 12वीं कक्षा के गरीब विद्यार्थियों के लिए सहायता की माँग की। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा मुहैया करवाने के लिए बुनियादी ढांचा सृजन करने के लिए और फंडों की ज़रूरत है।
मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि चाहे पंजाब कोविड के लिए 10 लाख (एक मिलियन) पीछे 23,000 टैस्ट कर रहा है जो राष्ट्रीय औसत की अपेक्षा अधिक है और अगले 15 दिनों में आर.टी. -पी.सी.आर. टैस्ट 12000 से बढ़ा कर 20000 करने की योजना है। यह टेस्टिंग सामथ्र्य और बढ़ाने की ज़रूरत है। उन्होंने प्रधानमंत्री को चण्डीगढ़ और पंजाब में स्थित भारत सरकार की संस्थाओं को टेस्टिंग सामथ्र्य बढ़ाने की अपील की और इसके बारे वह पहले भी उनको पत्र लिख चुके हैं।
राज्य की 2.4 प्रतिशत मौत दर पर चिंता ज़ाहिर करते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि चाहे सभी भारत में एक मिलियन के पीछे होती मौतों की अपेक्षा यह कम है और मौतों के 91 प्रतिशत मामले सह -बीमारियों से सम्बन्धित हैं परन्तु यह अभी भी पड़ोसी राज्य हरियाणा की अपेक्षा अधिक हैं। उन्होंने कहा कि मरीज़ इलाज के लिए अस्पतालों में देरी से आ रहे हैं और 86 प्रतिशत मौतें ट्रशरी अस्पतालों में भी हो रही हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बठिंडा में स्थित एमज़ में कोविड टेस्टिंग और इलाज तुरंत शुरू करने की अपील की जबकि इस संस्था में ओ.पी.डी. पहले ही कार्यशील है। उन्होंने कहा कि कोविड का इलाज शुरू करने से दक्षिणी पंजाब के लोगों को सहायता मिलेगी। उन्होंने संगरूर में स्थित पी.जी.आई. सैटेलाइट सैंटर में विशेष तौर पर कोविड के इलाज के लिए बिस्तरों के सामथ्र्य बढ़ाने की भी माँग की। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को फिऱोज़पुर में स्वीकृत किये पी.जी.आई. सैटेलाइट सैंटर का काम भी तुरंत करने की विनती की।