चंडीगढ़, 13 जुलाई: राज्य के उच्च शिक्षा एवं भाषाएं मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने एक बार फिर सभी सम्बन्धित संस्थाओं और विभागों को सख़्ती के साथ कहा कि पंजाब सरकार द्वारा नाम-पट्टियाँ / मील पत्थर / साईन बोर्ड लिखते समय सबसे ऊपर पंजाबी भाषा (गुरमुखी लिपि) में लिखे जाने सम्बन्धी हिदायतों की पालना यकीनी बनाई जाए। पंजाब सरकार द्वारा मातृभाषा पंजाबी के प्रसार एवं प्रचार के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के नेतृत्व में अहम फ़ैसला लिया था। जिसके अनुसार राज्य सरकार के समूह सरकारी कार्यालयों / विभागों / संस्थाओं / अर्ध सरकारी संस्थाओं / बोर्ड / कोर्पोरेशन / शैक्षिक संस्थाओं आदि के नाम और सडक़ों के नाम, नाम-पट्टियाँ / मील पत्थर / साईन बोर्ड लिखने के समय सबसे ऊपर वाले भाग में पंजाबी भाषा (गुरमुखी लिपि) में लिखे जाने को यकीनी बनाने के लिए आदेश जारी किए गए थे।
भाषाएं मंत्री ने साथ ही बताया कि इस सम्बन्ध में समय-समय पर समूह विभागों के प्रमुखों को हिदायतें भी जारी की गईं हैं। उन्होंने पंजाबी भाषा सम्बन्धी अधिनियम को सख़्ती से लागू करने की हिदायतें जारी करते हुए कहा कि ऐसा न करने वालों के खि़लाफ़ अधिनियम की धाराओं के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि यदि किसी विभाग / बोर्ड कॉर्पोरेशन में लगे बोर्ड / नाम-पट्टी / मील पत्थर के शब्द जोड़ दुरुस्त न होने की सूचना किसी भी व्यक्ति को मिलती है तो वह डायरैक्टर, भाषा विभाग, पंजाब पटियाला के ई.मेल पते pblanguages@hotmail.com पर सूचित कर सकता है।