परिषद का कहना डीसी मोहम्मद इश्फाक के प्रयासों से ही इतनी जल्द हुआ संभव, जताया आभार, 24 सालों में ऐसा पहली बार हुआ
युवा पीढ़ी में राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा भरते हैं शहीदों की याद में बने स्मारक- कुंवर विक्की
मनन सैनी
गुरदासपुर 21 जून। सात दिन पहले जम्मू कश्मीर के लद्दाख सेक्टर की गलवान घाटी में चीनी सेना से हुई हिंसक मुठभेड़ में अपने 20 साथियों सहित शहादत का जाम पीने वाले सेना की 3 मीडियम रेजिमेंट के नायब सूबेदार सतनाम सिंह निवासी भोजराज की शहादत के 3 दिनों के बाद ही गांव के सरकारी मिडिल स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखकर सरकार ने सही मायनों में शहीद नायक सूबेदार सतनाम सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।
उक्त जानकारी देते हुए शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने बताया कि यह सब डीसी गुरदासपुर मोहम्मद इशफाक के प्रयासों से ही संभव हो पाया है। उन्होंने बताया कि 18 जून को शहीद सतनाम सिंह के अंतिम संस्कार वाले दिन सुबह डीसी मोहम्मद इशफाक शहीद परिवार से संवेदना व्यक्त करने जब उनके निवास स्थान पर पहुंचे तो उस समय शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के सदस्यों, शहीद परिवार व गांव वासियों ने उनसे यह मांग रखी कि शहीद नायब सूबेदार सतनाम सिंह के नाम पर गांव के सरकारी स्कूल का नाम रखा जाए। इसके अलावा शहीद की याद में यादगिरी गेट और स्टेडियम भी बनाया जाए। जिलाधीश ने परिवार और परिषद को आश्वासन दिया कि शीघ्र ही उनकी इस मांग को पूरा किया जाएगा। स्कूल के नाम को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सचिव से बातचीत की। जिसका संज्ञान लेते हुए उन्होंने सतनाम सिंह की शहादत के 3 दिनों के बाद ही गांव भोजराज के सरकारी मिडल स्कूल का नाम शहीद नायब सूबेदार सतनाम सिंह के नाम पर कर दिया तथा शिक्षा विभाग के डायरेक्टर ने 19 जून को जिला शिक्षा अधिकारी गुरदासपुर को मीमो नंबर 12/01-20 सै. सि (3)/2020142881 पत्र जारी कर सूचित कर दिया।
कुंवर विक्की ने बताया कि उनकी परिषद पिछले 24 वर्षों से शहीदों के सम्मान को बहाल रखने और उनके परिजनों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रही हैं। मगर ऐसा पहली बार हुआ है की एक सैनिक की शहादत के 3 दिनों के बाद ही सरकारी स्कूल का नाम एक शहीद के नाम पर रख दिया गया है। इसके लिए उनकी परिषद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और डीसी मोहम्मद इशफाक का आभार व्यक्त करती है। उन्होंने कहा कि केवल शहीद नायब सूबेदार सतनाम सिंह ही नहीं बल्कि उस खूनी झड़प में शहीद हुए पटियाला के नायब सूबेदार मनदीप सिंह, मानसा के शहीद सिपाही गुरतेज सिंह के नाम पर भी सरकारी स्कूलों के नाम रखे गए हैं। उन्होंने बताया कि शहीदों की याद में बनने वाले स्मारक व स्कूल के युवा पीढ़ी में देशभक्ति का संचार करते हुए उनमें राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा पैदा करते हैं तथा शहादत के 3 दिनों के बाद ही सरकार द्वारा शहीदों के नाम पर स्कूलों के नाम रखना शहीदों के सम्मान में सराहनीय प्रयास है।